Saturday, 2 July 2022

हमारे देश के बुद्धिजीवी वामपंथी कांग्रेसी विपक्षी दल मानवाधिकार के लोग न्यायपालिका के जज और अन्य लोग कानून व्यवस्था नियम संविधान न्याय की दुहाई हिंदू बहुल क्षेत्रों में चाहे जितना देने लेकिन एक बार यह लोग मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में चले जाएं तो सबको स्वयं ही अपनी औकात भी मालूम हो जाएगी और अन्याय विधान संविधान कानून की क्या औकात है

*हमारे देश के बुद्धिजीवी वामपंथी कांग्रेसी विपक्षी दल मानवाधिकार के लोग न्यायपालिका के जज और अन्य लोग कानून व्यवस्था नियम संविधान न्याय की दुहाई हिंदू बहुल क्षेत्रों में चाहे जितना देने लेकिन एक बार यह लोग मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में चले जाएं तो सबको स्वयं ही अपनी औकात भी मालूम हो जाएगी और अन्याय विधान संविधान कानून की क्या औकात है वह भी समझ में आ जाएगी कश्मीर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में हमने आपने पूरी दुनिया ने दुनिया के सारे तंत्र ने मुंह पर कालिख पोत कर और जूते खा कर चुपचाप मौन होकर विधान संविधान का बलात्कार होते न्याय की हत्या होते जजों और अधिकारियों का सर कलम होते औरतों का हलाला होते शैतानी हत्याएं सामूहिक रूप में होते देखा है किसी को बोलने की मीडिया को छापने की यूरोप अमेरिका को हस्तक्षेप करने की और संयुक्त राष्ट्र संघ को भाषण देने की हिम्मत नहीं हुई और यही हमारी न्यायपालिका डर के कारण स्वयं संज्ञान लेने भी आगे नहीं आई और आज नूपुर शर्मा और तमाम मामलों पर स्वयं संज्ञान लेकर सबको न्याय और नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं दिल्ली में उन्हीं की नाक के नीचे सिखों की निर्मम हत्या सहित क्या नहीं हो गया शाहीन बाग किसान आंदोलन पालघर कांड तबलीगी जमात सहित बंगाल का रक्तरंजित कांड क्या कुछ नहीं हुआतब यह लोग अपने अधिकारों का अपनी अवमानना की शक्ति का स्वयं से संज्ञान लेने की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जब तक इनके विरुद्ध सामूहिक विद्रोह देशभर में नहीं होगा तब तक इन्हें समझ में नहीं आएगा किसी भी बात की कोई सीमा होती है कुर्सी पर बैठकर कोई भगवान नहीं हो जाता*

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