Saturday, 20 August 2022

मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँयहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,


मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

तीन रंग का वस्त्र नही, ये ध्वज देश की शान है
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान है


ना हम शैतान से हारे, ना हम हैवान से हारे,

कश्मीर में जो आया तूफान, ना हम उस तूफान से हारे,

यही सोच कर ऐ ? पाकिस्तान, हमने तेरी

जान बक्शी हैं, शिकारी तो हम हैं मगर, हमने कभी कुत्ते नहीं मारे।


तीन रंग का वस्त्र नही, ये ध्वज देश की शान है
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान है

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