Saturday, 20 August 2022

तेज आंधी तुफान झुक कर पर्वतो को सलाम करते हैं,दिल में लिए प्यार भरी हसरते हम भृगु मुनि को सलाम करते हैं।भृगु मुनि के तपोस्थलि बागी बलिया की स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!![

: हा मैं बलिया का वासी हूँ,
देश बना है जिस मिट्टी से,
उसकी हिस्सेदारी हूँ,
भृगु और दरदर मुनि के गौरव का अधिकारी हूँ,
हा मैं बलिया का वासी हूँ,
वीर लोरिक,चित्तू और मंगल पांडेय की थाती हूँ,
जब लड़ू तो सब पर भारी हूँ,
बाबा बालेश्वर नाथ की नगरी, और नीरज सिंह के कलमो का आभारी हूँ,
हा मैं बलिया का वासी हूँ।
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दर्द से फर्ज गहरा था निभाते गए,
जो सितम किया अंग्रेजो ने हम उठाते गए।
वक्त ने बदल दिया हमारा मिजाज यारो,
हम मारते गए और मराते गए।
हशीन शाम थी और मौसम सुहाना था,
सामने फिर वही लड़ाई का आशियाना था।
छलक रहा था मेरे आंखों से आँसू यारो,
करीब सीने के मेरे उनका हथियार-ऐ-पैमाना था।
बिछडकर अपनों से जो गुजरा हैं क्या कहूँ,
बड़ा उदास,बड़ा जुल्मी वो जमाना था।।
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 तेज आंधी तुफान झुक कर पर्वतो को सलाम करते हैं,
दिल में लिए प्यार भरी हसरते हम भृगु मुनि को सलाम करते हैं।
भृगु मुनि के तपोस्थलि बागी बलिया की स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
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: कामयाबी कभी बड़ी नहीं होती,पाने वाला हमेशा बड़ा होता हैं।
चिंगारी कभी बड़ी नहीं होती,बुझाने वाला हमेशा बड़ा होता हैं।
लिखे हैं मंगल पाण्डेय इतिहास के हर पन्नों पर,
क्रांति कभी बड़ी नहीं होती,क्रांतिकारी हमेशा बड़े होते हैं।।

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