Wednesday, 12 October 2022

रियासत स्योहारा के कुंवर राणा प्रताप सिंह का निधनस्योहारा( डॉ उस्मान ज़ैदी): राज घराने से संबंधित स्वर्गीय कुंवर राघव प्रताप सिंह के सुपुत्र कुंवर राणा प्रताप सिंह (67) वर्षीय का आकस्मिक निधन इनकी मृत्यु की खबर से क्षेत्र में कोहराम मच गया और उनके निवास स्थान बसंत वाटिका पर क्षेत्रवासियों का तांता लग गया सभी लोग नम आंखों से यही सोचते रहे यह अचानक मौत कैसे हो गई!

रियासत स्योहारा के कुंवर राणा प्रताप सिंह का निधन

स्योहारा( डॉ उस्मान ज़ैदी): राज घराने से संबंधित स्वर्गीय कुंवर राघव प्रताप सिंह के सुपुत्र कुंवर राणा प्रताप सिंह (67) वर्षीय का आकस्मिक निधन इनकी मृत्यु की खबर से क्षेत्र में कोहराम मच गया और उनके निवास स्थान बसंत वाटिका पर क्षेत्रवासियों का तांता लग गया सभी लोग नम आंखों से यही सोचते रहे यह अचानक मौत कैसे हो गई! 
             कुंवर राणा प्रताप सिंह आर एस पी इंटर कॉलेज के प्रबंधक अपने बहुयामी व्यक्तित्व के मालिक है मृदुभाषी सज्जन सभ्य सुशील हंसमुख सभी छोटे बड़ों का मान सम्मान करने मैं विश्वास रखते थे! सभी के दुख सुख में शरीक होते थे! निष्पक्ष रुप से बिना भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का समाधान समय के रहते बखूबी अंजाम देते रहते थे! सबसे हंसी खुशी मिलना कुशल व्यवहार खुशमिजाज नरम दिल रहम दिल हर दिल अजीज शख्सियत सभी पर अपनी अलग छाप छोड़ते थे! सियासी सामाजिक धार्मिक शैक्षिक सभी क्षेत्रों में लोकप्रिय थे! लंबे समय से चली आ रही नगर में रोडवेज की मांग को लेकर इनकी ओर से गंभीर प्रयास जारी थे! जिनमें काफी हद तक सफलता मिल चुकी थी! किंतु बस स्टैंड का सपना अधूरा ही रह गया! क्षेत्रवासियों ने इनको विधायक का इलेक्शन भी लड़ाया लोगों की इच्छा पूर्ति के लिए यह इलेक्शन लड़े लोगों का भरपूर समर्थन मिला पर सफलता ना मिल सकी हर छोटे बड़े इलेक्शन में हर पार्टी के प्रत्याशी इनका समर्थन पाने के लिए बेचैन रहते थे! क्योंकि इनका समर्थन जीत की जमानत हुआ करता था! राजघराने जुड़े होने के कारण बचपन ही से शिकार का शौक था! निशानेबाजी में इनका कोई बदल नहीं था! देश तो देश विदेशों के भी शिकारी इनके नेतृत्व में शिकार खेला करते थे! और इनकी मेजबानी से शिकारियों की टीमें खुश होकर आभार व्यक्त किया करते थे! और इनके किस्से अपने-अपने देशों में जाकर सुनाया करते थे! जिससे नगर स्योहारा के साथ-साथ भारत का नाम रोशन होता था! जंगली जानवरों का आतंक जब-जब भी क्षेत्रवासियों को भयभीत करता था! तो पुलिस प्रशासन इन्हीं से संपर्क किया करती थी! और आदमखोर जानवरों का शिकार करके क्षेत्रवासियों को राहत की सांस लेने का अवसर प्रदान क्या करते थे! यारों के यार कुंवर राणा प्रताप सिंह पिछले सप्ताह से डेंगू से ग्रस्त थे! जिनका उपचार दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था! डॉक्टरों के अथक प्रयासों के चलते इनकी जान नहीं बचाई जा सकी दिल्ली से इनके शव को इनके निवास स्थान वसंत वाटिका मैं लाया गया! जहां पर इनकी प्रतीक्षा में क्षेत्र के लोग फूट-फूट कर रोने लगे ऐसे गुणवान प्रतिभावान चरित्रवान व्यक्ति की क्षतिपूर्ति लंबे समय तक नहीं हो सकती इनके अंतिम यात्रा में सभी समुदाय जाती राजनैतिक दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं पुलिस प्रशासन वे सभी वर्गों के लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया! इनका अंतिम संस्कार डिस्ट्रिक्ट बिजनौर बैराज पर इनके सुपुत्र युवराज धनंजय प्रताप सिंह ने अपने पिता श्री को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार संपन्न किया! इनके अपार वे असहनीय दुख को ईश्वर इनके परिवारजनों को सहन करने की शक्ति प्रदान करें! इस पहाड़ भरी दुखों की घड़ी में हकूमत एक्सप्रेस के संवाददाता डॉ उस्मान जैदी वह हकूमत एक्सप्रेस का समस्त परिवार इनके परिवारजनों के साथ शरीक है! ईश्वर इनकी आत्मा को शांति दे!!

मौत उसकी है जिसका सारा जमाना करे अफसोस!
यूं तो दुनिया में आए हैं सभी मरने के लिए!!

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