Thursday, 27 October 2022

मुख़्तार अहसन की राजनितिक विरासत का दिया फिर जगमगायेगा कुनबे के मतभेदों में राजनीति से किया था किनारा अब फिर संभालेंगे मंडावर की विरासत

मुख़्तार अहसन की राजनितिक विरासत का दिया फिर जगमगायेगा 
कुनबे के मतभेदों में राजनीति से किया था किनारा अब फिर संभालेंगे मंडावर की विरासत 


अमीर गरीब छोटे बड़े सब थे मुख़्तार अहसन के अज़ीज़ , फिर उन्ही आदर्शो पर चला जाएगा : आफ़ताब उर्फ़ चाँद 

मंडावर | क्या अमीर क्या गरीब , क्या छोटा क्या बड़ा सब के सब मुख़्तार अहसन के अज़ीज़ थे | न मुख़्तार अहसन ने कभी किसी को दुत्कारा था न धिक्कारा था बल्कि हर किसी को गले से लगाया था | बताया जाता है कि जो मुख़्तार अहसन को वोट नहीं देते थे मुख़्तार अहसन उनसे कभी नाराज़ नहीं होते थे और उनके सुख दुःख में भी हमेशा शामिल रहते थे | लेकिन कुछ कुनबे के मतभेदों को लेकर मुख़्तार अहसन के परिवार ने राजनीति से किनारा कर लिया था | अब आगामी नगर पंचायत चुनाव में मुख़्तार अहसन के बड़े बेटे आफ़ताब आलम ने मुख़्तार अहसन की इस राजनितिक विरासत के चिराग को फिर दोबारा मंडावर में रोशन करने का बेडा उठाया है | आफ़ताब आलम का कहना है कि वो अब मंडावर की राजनीति में हमेशा सक्रिय रहेंगे और निजी कारणों के चलते हम राजनीति से दूर हो गए थे लेकिन अब मंडावर की बागडोर पूरी लगन से संभालेंगे | आफ़ताब आलम ने आगे कहा कि उनके पिता मुख़्तार आलम ने हमेशा मंडावर की खिदमत की और उनका रिकॉर्ड था की बिना एक रुपया लगाए वो मंडावर की जनता के काम कराते थे वो ही चलन वो अब दोबारा शुरू करेंगे | लोगो को वो ही इज़्ज़त मिलेगी जो मुख़्तार अहसन के वक़्त लोगो को मिलती थी | आफ़ताब आलम आगे कहते हैं कि हिन्दू भाइयो में भी उनके पिता जी  बहुत अज़ीज़ थे | आगे उन्होंने कहा कि यह चुनाव मैंने अपने पिता मुख़्तार अहसन को समर्पित कर दिया है और मुख़्तार अहसन से मोहब्बत रखने वालो से अपील है कि वो घर वापसी करें और हमारा होंसला बढ़ाए |


बॉक्स 
हम अपने पिता मुख़्तार अहसन के जलाये चिराग को फ़िर रोशन कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि मुख़्तार अहसन से मोहब्बत करने वाले फिर इस आंगन की खुशबु बनेंगे |

No comments:

Post a Comment