Tuesday, 1 November 2022

आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस पर अधिवक्ता एवं समाजसेवी तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े मनजीत कौर द्वारा एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मौसम विज्ञानी एवं मध्यस्थता अधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह के द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा उपस्थित अन्य अधिवक्ता गण एवं जनता के द्वारा पुष्प अर्पण किया गया

आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस पर अधिवक्ता एवं समाजसेवी तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े मनजीत कौर द्वारा एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मौसम विज्ञानी एवं मध्यस्थता अधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह के द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा उपस्थित अन्य अधिवक्ता गण एवं जनता के द्वारा पुष्प अर्पण किया गया
वक्ताओं के क्रम में डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मनजीत कौर कमलेश कुमार अग्रहरि एचडी यादव रविंद्र कुमार श्रीवास्तव लेखा निरीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने सरदार वल्लभभाई के जीवन और कृतित्व तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लगभग 700 रियासतों का एकीकरण करके सरदार पटेल ने एक अद्भुत चमत्कार पूर्ण काम किया

वक्ताओं ने कहा कि वेल्लोर पुरुष थे एक बार उन्हें जहरीला फोड़ा हो गया तब उन्होंने लोहे की सलाखों से उसे खुद ही दाग लिया तब उनका नाम लौह पुरुष पड़ गया बारडोली के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा गया कि एक बार में मुकदमे की पैरवी कर रहे थे कि उनकी पत्नी की मृत्यु का तार आया पढ़कर उन्होंने चुपचाप जेब में रखा और पैरवी करने के बाद अपने घर गए

गांधी नेहरू और कांग्रेस द्वारा उनके साथ गहरा भेदभाव किया गया और प्रधानमंत्री की कुर्सी के योग्य होते हुए भी 10 वोट पाने के बावजूद भी नेहरू को 0 वोट के बावजूद गांधी ने नेहरू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया वरना देश की तमाम समस्याएं आज हल हो गई होती एकमात्र कश्मीर को नेहरू ने अपने साथ रखा और उसका हल नहीं होने दिया हैदराबाद निजाम के ऊपर की गई कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा गया कि किस तरह उन्होंने वल्लभ भाई पटेल को घुटने टेकने पर विवश कर दिया

विद्वान वक्ताओं ने कहा कि उनकी तुलना बिस्मार्क 10 से करना उचित नहीं है बल्कि बिस्मार्क की तुलना पटेल से किया जाना चाहिए गांधीजी और नेहरू की भूल और अहंकार आज भी भारत भुगत रहा है और कश्मीर समस्या आज भी हल नहीं हुए हैं इसके अलावा भी उनके अन्य कार्यों पर प्रकाश डाला गया संचालन मनजीत कौर के द्वारा किया गया
[11/1, 8:47 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *जितने भी वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी तथा सरकारी और गैर सरकारी तंत्र और तथाकथित पर्यावरणविद प्रकृति प्रेमी हैं सब के सब प्रदूषण और जहरीली हवा तथा प्रकृति और पर्यावरण को गंदा करने का काम कर रहे हैं यह केवल खुले मंच पर भाषण देते हैं और काम सब कुछ उल्टा सीधा करते हैं अगर दीपावली में पटाखों से प्रदूषण होता तो क्रिसमस के दिन और नए अंग्रेजी वर्ष के दिन 1 जनवरी को पूरी दुनिया जाहर प्रदूषण और गंदगी से भर जाती जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है अगर सचमुच ही प्रदूषण कम करना है तो एक दिन दिल्ली सहित पूरे भारत में सभी दो पहिया चार पहिया 10 पहिया वाहन हवाई जहाज और ट्रेनें तथा रॉकेट पूरी तरह बंद करके हवा का स्तर जांच लिया जाए और अगर 1 सप्ताह के लिए इन सभी के साथ प्लास्टिक कूड़ा कचरा और बूचड़खाने में पशुओं की हत्या और औद्योगिक कल कारखाने और जहर मिले रसायनों का प्रयोग 1 सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाए तो पूरा भारत बिल्कुल स्वच्छ और ताजी हवा से भर जाएगा और वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से 500 के भीषण स्तर पर जो इस समय चल रहा है वह तुरंत घटकर 40 से 80 के बीच आ जाएगा और अगर हर शहर में 33% हरियाली और गांव में 50% हरियाली और वृक्ष लगा दिए जाएं तो वायु गुणवत्ता सूचकांक तुरंत 25 से लेकर 50 के बीच आ जाएगी लेकिन सबसे बड़ा दुख आश्चर्य और क्रोध की बात यही है कि व्यर्थ में ही मीडिया और टेलीविजन चैनलों पर हमारे राजनेता बुद्धिजीवी अधिकारी गण और सभी तंत्रों से जुड़े अधिकारी भाषण देकर वाहवाही लूटते हैं भारत में एक नियम बना दिया जाए कि 1 किलोमीटर तक के क्षेत्र में लोग अपने काम के क्षेत्रों में पैदल और 5 किलोमीटर तक साइकिल से चलेंगे फिर देखो हवा कैसे साफ-सुथरी ताजी और पर्यावरण शुद्ध हो जाता है और साथ ही साथ सबको अनिवार्य नियम बनाया जाए कि जो भी घर या गांव में कहीं भी नया आवास बनाता है उसमें कम से कम 10% स्थान पेड़ पौधों और घास के लिए सुरक्षित रखें तभी उनको मान्यता दिया जाए*


 *लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा लोग कंक्रीट और सीमेंट के जंगल बढ़ाते जा रहे हैं और प्राकृतिक पेड़ पौधे जड़ी बूटियों औषधीय वृक्षों पीपल बरगद वृक्ष नीम और जामुन आम के पौधों को काटते जा रहे हैं सरकारी नियंत्रण केवल दिखावा है थाने पर पैसा दो वन विभाग को पैसा दो चाहे जो करो यही सब तो देश और दुनिया में हो रहा है अभी तो अमेज़न और कांगो बेसिन के दुनिया के सबसे बड़े-बड़े जंगलों को जिस रफ्तार से काटा जा रहा है उससे जहरीली हवा और भयंकर प्रदूषण सारे संसार में फैल जाएगा और तब हर प्रयास विफल हो जाएगा लोग 10 कदम चलने के लिए भी दोपहिया और चार पहिया वाहन निकाल लेते हैं ज्यादातर ऐसे ही लोगों को बड़े-बड़े मंचों पर प्रदूषण पर्यावरण और हवा की गुणवत्ता अच्छी करने इत्यादि पर मंचासीन किया जाता है जो सबसे बड़े प्रदूषण के कारण खुद होते हैंफिर भी राष्ट्रीय समाचार पत्र और सबसे लोकप्रिय प्रामाणिक हिंदुस्तान और उसके जौनपुर के विख्यात और वरिष्ठ तथा लोकप्रिय संवाददाता मारकंडेय मिश्रा को बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाई कि उन्होंने कम से कम सब को जागरुक करने का प्रयास तो किया डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञान ज्योतिश शिरोमणि और निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

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