दुनिया के सभी धर्म, मजहब, पंथ की पुस्तकों में विवादित और अष्पष्ट शब्द भरे हुए हैं।
जब वो कोई भी स्पष्टीकरण देने को साफ इंकार कर देते हैं और मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं तो
तुमको कौन सा कीड़ा काटा है जो स्पष्टीकरण के लिये मरे जा रहे हो ।
अबे जो हमारे विद्वानों ने कह दिया तो कह दिया और लिख दिया सो लिख दिया। उनकी विद्वत्ता को हम चैलेंज करने वाले कौन होते हैं ❓
आप इतने ही बड़े ज्ञानी होते तो कोई महान ग्रन्थ लिख देते। लिखा तो अपनी अभ्यास पुस्तिका में भी नही और उंगली उठाएंगे दूसरों पर।
नेवला दास, वामी कामी जैसे लोग कहते ही इसलिए है कि हम स्पष्टीकरण दे। विवाद बने और वो राजनीतिक गर्भ धारण कर ले।
स्पष्टीकरण देना बंद कर दीजिए
इनका पेट स्वयं पिचक जाएगा।
अगली बार ये संगठित रहने की बात करेंगे।
विवादित बयानों, और जनता के बीच मीडिया में कुछ विशेष दाई बैठी हैं जो अपने नेग पाने की खातिर , कुछ लोगो का विवादित बयानों से सफलतापूर्वक राजनीतिक गर्भवती करवा देते हैं, और इसी गर्भ के परिणाम से सरकारें बदल जाती है।
जय जय श्री राम 🚩🚩
जय सनातन🚩🚩 जय हिन्द राष्ट्र 🚩🚩
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