Friday, 3 February 2023

ब्लाक स्तरीय दफ्तरों के बाबुओं को नहीं आता हिन्दी टाइपिंग*आलापुर अम्बेडकरनगर/ अक्सर देखा जाता है

*ब्लाक स्तरीय दफ्तरों के बाबुओं को नहीं आता हिन्दी टाइपिंग*

आलापुर अम्बेडकरनगर/ अक्सर देखा जाता है कि जब किसी सरकारी अथवा प्राइवेट दफ्तरों में बाबुओं की आवश्यकता होती है तो किसी काबिल व्यक्ति की खोजबीन बड़े ही विचार पूर्वक किया जाता है चूंकि आधुनिक युग में रजिस्टर का सारा कार्य अब कम्प्यूटर ने ले लिया है जिसके कारण चयन कर्ताओं द्वारा कम्प्यूटर टाइपिंग मार्कशीट इत्यादि देखते हुए चयनित व्यक्ति की टाइप स्पीड भी देखी जाती होगी जिसमें इमला, मीनिंग इत्यादि सब सर्वोपरि ही रखा जाता होगा।इसी तरह किसी कारणवश जब ब्लाक स्तरीय बेवसाइट को खोला गया तो उसमें नाम,स्थान, कार्य का नाम अर्थात हिन्दी में टाइप किया हुआ आप आसानी से नहीं समझ सकते हैं।
अब इस पर आप क्या कहेंगे!या तो दफ्तर के बाबुओं को शुद्ध हिन्दी टाइप करने का अनुभव गलत हो अथवा उससे जानबूझकर यह गलती करवाई जा रही हो जिससे किसी व्यक्ति को यह अनसुलझी गुत्थी आसानी समझ में न आ सके। प्रमाण के तौर पर ब्लाक स्तरीय बेवसाइट पर देख भी सकते हैं।

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