Tuesday, 28 February 2023

अगर दो आदमी सड़क पर लड़ रहें हो तोकोई नही कहेगा अश्लील है।लेकिन दो व्यक्ति गले में हाथ डालकर एक वृक्ष के नीचे बैठे है,तो लोग कहेंगे अश्लील है।प्रेम क्यों अश्लील है।हिंसा क्यों अश्लील नही है?हिंसा मृत्यु है,प्रेम जीवन है।जीवन के प्रति असम्मान है और मृत्यु के प्रति सम्मान है।देखिए,कितनी हैरानी की बात है।युद्ध की फिल्में बनती है,कोई सरकार उन पर रोक नहीं लगाती।हत्या होती है, खून होता है फिल्म में,कोई दुनिया की सरकार नहीं कहती अश्लील है।लेकिन अगर प्रेम की घटना है तो सारी सरकारें चिंतित हो जाती है।सोच बदलनी होगी .....

कामुकता का खुलेपन या नग्नता से बहुत ज्यादा संबंध नहीं है ये सही है कि फैशनेबल औरतें बोल्ड होती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि उनमें कामुकता भी भरी हो। कामुकता का संबंध देह से अधिक दिमाग से होता है चाहे वो औरत हो या मर्द।
एक पर्दे में रहने वाली औरत भी कामुक हो सकती है और होती भी है.

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