Wednesday 17 May 2023

सत्ता की भूख! राजस्थान को किस मोड़ पर ले आई है?‼️*🤔_*कांग्रेसी लोंग, इलायची सुपारी लेकर अपने ही दल को दलदल बना रहे है!*_🤦‍♂️_*और कमल दलदल में ही खिलता है!!*_🪷 *✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*

*‼️सत्ता की भूख!  राजस्थान को किस मोड़ पर ले आई है?‼️*🤔

_*कांग्रेसी लोंग, इलायची सुपारी लेकर अपने ही दल को दलदल बना रहे है!*_🤦‍♂️

_*और कमल दलदल में ही खिलता है!!*_🪷

              *✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*

                 *"जीरो परसेंट टॉलरेंस" । यानि कुछ भी सहन नहीं किए जाना। इन तीन शब्दों की जुगाली राजस्थान कांग्रेस के छोटे बड़े नेता सब बड़ी आन बान और शान के साथ कर रहे हैं ,मगर मज़ेदार बात यह है कि "हंड्रेड परसेंट टॉलरेंस"  तक पहुंचा जा चुका है। जिसे देखो ज़ुबान पर ज़ीरो परसेंट भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा। मचक मचक कर बक़वास किये जा रहे हैं। चारों तरफ से आरोपों और प्रत्यारोपों की बारिशें हो रही हैं। हाईकमान इतना लुल्लु तो कभी नहीं बना था।*🫢
                    *कर्नाटक के चुनावों की व्यस्तता का रोना रोते हुए सोनिया, राहुल, प्रियंका, खड़गे ,रन्धावा एंड हिज कम्पनी पूरी तरह राजस्थान के बेशर्म नेताओं की हठधर्मिता और मनमानी का गवाह बन चुकी है। जैसे मवेशियों का कोई हांकने वाला नहीं हो।*😴
                  *बकरे बकरियां बके जा रहे हैं। गाय भैंसे चरे जा रही है। अब तो हाल यह है कि मवेशी अपने ही खेतों में मुँह मार कर ,चुनावी फसलें चौपट कर रहे हैं। किन हालातों में कर्नाटक के युध्द को जीता गया है यह भूल कर राजस्थान में नेता सत्ता में वापसी के दावे कर रहे हैं। आत्मघाती मानव बमों में तब्दील हुए राजनेता अब तो जनता में मज़ाक बन कर रह गए हैं।*😟
                *आम आदमी भी अब तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे वाक युद्ध पर तंज कसने लगा है। गहलोत की जनहित की सारी योजनाएं धरी रह जाएंगी यदि सचिन और गहलोत के बीच छिड़ा यह युध्द समाप्त नहीं हुआ। यह सफ़ेद सच जनता!मीडिया!विपक्ष !सब जान रहे हैं मगर कांग्रेसी नहीं समझ पा रहे।*😔
                  *पहले तो यह समझा और कहा जा रहा था कि कर्नाटक चुनावों के बाद हाईकमान कठोर फ़ैसले लेगा मगर अद्भुत चुनाव परिणाम हांसिल करने के बावज़ूद राजस्थान को अखाड़ेबाजों के हाथों में सौंप दिया गया है।*🤨
                   *गहलोत और सचिन दोनों पार्टी के एसेट्स हैं यह भ्रम पाल कर बैठा हाईकमान इस ग़लतफ़हमी से मुक्त नहीं हो पा रहा। दोनों "एसेट्स" जीती हुई बाज़ी को हारने पर आमादा बैठे हैं। अब तो दोनों क्षत्रपों के तरफदार भी मैदान में उतर गए हैं।*💁‍♂️
                 *कोई सचिन की शान में क़सीदे पढ़ रहा है तो कोई गहलोत के गीत गा कर उनको महान अशोक सम्राट सिद्ध कर रहा है। सचिन के पक्ष में तो भाजपा के नेता भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।जैसे उन्होंने ही सचिन को इलायची दे रखी हो। गहलोत के एक अनुयायी सुभाष गर्ग ने तो ट्वीट करके इशारे इशारे में भाजपा द्वारा सचिन को सुपारी देने के बयान दे दिए हैं।*🫢
                  *मुझे तो लगता है कि हर कांग्रेसी नेता जैसे लोंग इलायची सुपारी लेकर पार्टी का दुश्मन बन हुआ है। महेश जोशी कह रहे हैं कि गहलोत सरकार जीरो परसेंट टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। सचिन को अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए कि जिस पर आरोप लगाए जा रहे हैं वे सब पार्टी के बाहर के नहीं अंदर के लोग हैं।*😒
               *मामा महेश जोशी जी! यह बात ज़रा आप अपने मुखिया जी को भी समझा देते!उनको भी बता देते कि करोड़ों रुपये विधायकों द्वारा मानेसर में भाजपा से लिये जाने के आरोप वह अपने ही विधायकों पर लगा रहे हैं! यदि यह कृत्य हुआ भी तो उन्होंने संयम से काम क्यों नहीं लिया!!!???*🙄
                    *क्यों उन्होंने पार्टी की भद्द उड़वाई❓️क्यों सचिन की गर्दन पर फीता लगा कर नाप दिया❓️*😣
                       *अब चेतन डूडी जी अलग अपना राग अलाप रहे हैं। वह सचिन के गले में गजेंद्र सिंह जी की संजीवनी बूटी डाल रहे हैं। कह रहे हैं कि सचिन और उनकी दोस्ती मानेसर से है तभी उनका घोटाला सचिन को नज़र नहीं आ रहा।*😳
                  *मंत्री राम लाल जाट कह रहे हैं कि पेपर लीक मामले में जितने भी अपराधी कांड में शामिल थे एक एक करके सब जेल के सींकचों में हैं। आर पी एस सी के सदस्य तक को जेल पहुंचा दिया गया है। क़ानून किसी को नहीं बख़्श रहा। जाट साहब यह कह कर पेपर लीक कांड से पैदा हुई स्थिति को भूल रहे हैं। युवाओं के चौपट हुए भविष्य पर इतनी आसानी से पीछा छुड़ा रहे हैं।*😉
                          *प्रताप खाचरियावास उनसे दो क़दम आगे हैं। वह आह भी भर रहे हैं वाह भी कर रहे हैं। मंत्री रह कर सारे सुख भी उठा रहे हैं और सरकार पर सवाल भी!! वाह जी वाह!! कभी सचिन के लूम जाते हैं कभी गहलोत के! कोई स्थायित्व ही नहीं! अरे भाई यदि गहलोत सरकार नकारा निकम्मी और इतनी ही भ्रष्ट है तो आप उसमें मंत्री क्यों बने हुए हो❓️ऐसी निकम्मी सरकार का पल्लु क्यों नहीं छोड़ रहे❓️❓️😴*
                      *कमाल की बात है कि ऐसे कई मंत्री और नेता अशोक गहलोत सरकार की नाव में बैठे हैं जो नाव के छेदों की तरफ इशारा कर रहे हैं मगर नाव से उतर नहीं रहे।पर्यटन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा हों या ऐसे ही कई मंत्री  जो सत्ता का सुख भी भोग रहे हैं और सत्ता को गालियाँ भी बक रहे हैं।*🥱
                *आज यदि सचिन को इस कथित भ्रष्ट सरकार का मुखिया बना दिया जाए तो वह ख़ुश हो जाएंगे! उनके सारे मतभेद ख़त्म हो जाएंगे!*😕
                      *क्या सचिन इस बात के लिए जनता को आश्वस्त कर सकते हैं कि यदि आज उनको मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो क्या वह अपनी तीनों मांगे पूरी कर देंगे जो उन्होंने गहलोत के सामने रखी हैं❓️😨*
                 *मित्रों! सत्ता लोलुपता में अंधी हो चुकी राजनीति राजस्थान का वर्तमान बनी हुई है। सभी राजनीतिक दलों में सत्ता हथियाने की होड़ मची हुई है।बेचारी जनता जब किसी पार्टी पर विश्वास करके उसे राजगद्दी सौंपती है तब उसकी उम्मीदें पवित्र होती हैं और जब सत्ता में बैठे लोग उस पवित्रता को गंदी नालियों में बहाने लगते हैं तो वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस करती है।*😫
                 *राजस्थान में यह क्रम सिलसिले वार चल रहा है।इस बार ये अगली बार वो। फिर वो फिर ये। हर बार जनता परिवर्तन करके अपनी ग़लती सुधारना चाहती है और हर बार वह फिर ग़लती कर बैठती है।देखते हैं इस बार की ग़लती किसे सत्ता में लाती है❓️😇*

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