Friday 5 May 2023

मनुष्य तो मर जाता है परन्तु सिद्धांत कभी नही मरता है इसलिए मनुष्य के बजाय सिद्धांत से मार्ग-दर्शन प्राप्त करे।

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                   हर हर महादेव 

🕉 सिद्धांत से मार्ग-दर्शन प्राप्त करे 🕉 

मनुष्य तो मर जाता है परन्तु सिद्धांत कभी नही मरता है 
इसलिए मनुष्य के बजाय सिद्धांत से मार्ग-दर्शन प्राप्त करे।

कलयुग मे दो ही सिद्धांत जीव जाती और सृष्टी का कल्याण कर सकते है।

एक सिद्धांत है भगवान बाल्मीकि का 
जोकि सरलतापूर्वक रामायण के सिद्धांत से आपको आपके खून के संबंधो का 
भावनात्मक अर्थातः मित्रता के संबंधो का 
राजा और प्रजा के लोकतांत्रिक अधिकारो का संरक्षण प्रदान करता है।
 
कलयुग मे जो भी परिवार रामायण के सिद्धांत का मार्ग-दर्शन प्राप्त नही करेगा 
तो निश्चित ही उन परिवारो का विघटन-बिखराव होगा 
आपसी फूट से परिवार बिखर जायेगें 
कुल की स्त्री-पुरुष व्यभिचारी हो जायेगें 
बाल बालिको मे अपराधीक मानसिकता व्याप्त हो जाएगी 
कुल परंपरा वंश जाती वर्ग-वर्ण और धर्म का नाश हो जाएगा। 

कलयुग मे रामायण के सिद्धांत के खिलाफ लालची व्यभिचारी परस्पर खून के संबंधो मे विवाह आदि करके 
कुल वंश परिवार को कुपोषित करेंगे 

मनुष्य ही मनुष्य का दुश्मन बनकर 
असूर,दानव-रूपी भयंकर राक्षस बनकर 
अपनी झूंठी मान्यताओ को धर्म समझने वाले भेड़िये 
दूसरो के धर्म जाती वर्ग-वर्ण को छोटा और काफिर बताकर 
दंगा-फसाद अगजनी लूट-पाट बलात्कार और कत्लेआम करेंगे 
ऐसी विचारधारा वाले राक्षसो का परिवार सहित सर्वनाश करना चाहिए। 

भगवान बालमिकी ने भगवान विष्णु अवतरित राम चरित्र के हाथो मे 
दुष्टो के संहार के लिए धनुष धारण कराया है
भगवान श्री रामचंद्र जी ने 
वनवास के समय पर भी धनुष का त्याग नही किया था 
क्योकि आत्म रक्षा जीव जाती का जन्म सिद्ध अधिकार होता है 
समाज मे न्याय धर्म और सत्य की रक्षार्थ हथियार उठाना न्यायोचित और धर्मसंगत है 

इसलिए भगवान बाल्मीकि के सिद्धांत अर्थात रामायण का अनुसरण करने से आप अपनी जाती-परिवार,वंश,वर्ग-वर्ण समुदाय और बाल बालिकाओ को सुरक्षित संरक्षण प्रदान कर सकते है।

दूसरा सिद्धांत दिया है भगवान वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ के द्वारा 
जोकि हमे न्याय,सत्य धर्म-ज्ञान और धैर्य संतोष शक्ति का अनुसरण करने का सिद्धांत प्रस्तुत करता है 
जब अधर्म घर - परिवार मे ही व्याप्त हो जाए 
तो उसे भी समाप्त करने का सिद्धांत महाभारत ग्रंथ मे प्रेरणा प्रस्तुत करता है 

धर्म-सत्य और न्याय यह तीन शब्द नही अपितु सृष्टी की रक्षा के महामँत्र है
इनके सिद्धांत पर आधारित सृष्टी चलती है 
इनके बाहर जो भी चलने की कोशिश करता है वह अपने पाप-पुण्य के आधार पर दण्ड भी भोगता है 

सत्य न्याय और धर्म के सिद्धांत का अनुसरण करने वाले मनुष्य 
जन्म-मरण के बंधनो से मुक्ति पाकर ईश्वर मे विलीन हो जाते है 
आदरणीय 
न्याय सत्य और धर्म के संरक्षक दोस्त 
क्या आप भी रामायण और महाभारत अर्थात गीता के ज्ञान-विज्ञान से 
गजबा ऐ हिन्द के आदमखौर राक्षसो के सर्वनाश के लिए सज्ज है 
तो आप हमे सहयोग जरूर करे 

सहयोग के लिए फोन पै गूगल व पे टी एम नंबर-: 9456703230

संजय वशिष्ठ 
राष्ट्रीय अध्यक्ष -: श्री गोरखनाथ पीठ ट्रस्ट 
फोन -: 7500654481

श्री गोरखनाथ पीठ ट्रस्ट का app आ गया है ।

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