*अपमानित हुआ देश की शान*
*प्रयागराज -- जिस देश के झंडे के मान सम्मान के लिए लाखों व्यक्तियों ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया। जिस देश के झंडे को जमीन में देखकर युद्ध के दौरान दुनिया के सुपर पावर का बमवर्षक लड़ाकू जहाज चार घण्टे हवा में चक्कर काटता रहा और दुश्मन की जमीन पर बम तब तक नहीं गिराया जब तक देश की शान तिरंगा उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गया, क्योंकि दुश्मन की जमीन पर दौड़ती बस में लगे तिरंगे को बमवर्षक ने देख लिया था, लेकिन स्वतंत्र भारत में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की सरकार के एक नुमाइन्दे ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगेे का सम्मान करने के बजाय उसकी जबर्दस्त बेअदबी कर दी।*
*मामला प्रयागराज जिला का है, सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय, प्रयागराज में स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम था। मण्डल रेल प्रबंधक, पुलिस कर्मी व अन्य सभी अपने देश के मान सम्मान को शान से लहराते देखने को व्यग्र थे,मण्डल रेल प्रबंधक ने डोर खींचना शुरू किया लेकिन तभी लोगों ने एक नज़ारा और देखा कि सीनियर डीपीओ मनीष खरे,डीआरएम ऑफिस, प्रयागराज मोबाइल पर ध्वजारोहण के समय गेम खेलने में व्यस्त थे। ये कहाँ खड़े हैं, किसके सामने खड़े हैं, इसकी चिंता मनीष खरे सीनियर डीपीओ को जरा सी भी नहीं थी। हैरानी की बात यह भी है कि मण्डल रेल प्रबंधक ने भी इनको न तो रोका न ही टोका।*
*फिलहाल भारतीय ध्वज संहिता 2002 का उल्लंघन मनीष खरे सीनियर डीपीओ,मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय, प्रयागराज द्वारा कर दिया गया। आपको बता दें महत्वपूर्ण कार्यों के समय ,स्कूलों में,मीटिंग के समय,न्यायालयों आदि में मोबाइल फोन का प्रयोग वर्जित है। राष्ट्र की अस्मिता को धता बता कर यहाँ पर भी मोबाइल पर गेम खेलने का कोई औचित्य नहीं था। देखना यह है कि सरकार या रेल मंत्रालय इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगायेगी या ये प्रवृत्ति बढ़ेगी।*
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