आजादी मिलते शुरू में ही हमारे बुजुर्गों ने संविधान के पार्ट 2 में ही NRC की व्यवस्था किया है और इसी के आधार पर 1955 में कानून आ चुका है । मगर *मुस्लिम की मजहबी और राजनीतिक लीडरशिप कहती है के कागज नही दिखाएंगे* या तो यह लोग खुद अंधे हैं या मुसलमानो को अंधा रखना चाहते हैं। इसलिए मुसलमानो अपनी दोनो लीडरशिप से सवाल करना चाहिये।
NRC मसौदा में दिए गए सुझाव के मुताबिक अपने डॉक्यूमेंट दुरुस्त करे । सरकार कानून देश और अपनी मदद करने में जागरूकता लाएं।।।।। ये हमारा नही हमारी नस्लों के मुस्तकबिल का सवाल है।।। हमारी आलोचना कर छोड़ दें।।। या गहनता से विचार करें।।।।
फरहत अली खान।।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम महासंघ।
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