❓🔥 *फैसले ..?❓ पर आघात करता..?❓
❓ 👉 *बुलडोजर की कार्यवाही*
❓👉 *नूह में हिंदू संगठनों की जलाभिषेक यात्रा पर हमला करने वाले दंगाइयों और उनके ठिकाने बने भवनों को ध्वस्त करने की कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जिस तरह रोक लगाई ,🤔 उससे उपद्रवी तत्वों को ऐसा कोई संदेश नहीं जाना चाहिए की उन्हे अपने किए की सजा नहीं मिलेगी !!?❓🔥🤔उच्च न्यायालय ने यह रोक संभवत: इसलिए लगाई ,🤔क्योंकि अभी पुलिस ने अपनी जांच पूरी नहीं की है और यह सिद्ध नहीं कर सकी कि जिन लोगों के घर अथवा दुकानें तोड़ी जा रही हैं,🤔 वे वास्तव में दंगे में शामिल थे !!🤔यह संभव है कि उच्च न्यायालय ने यह अनुभव किया हो कि पूरी छानबीन के बिना बड़े पैमाने पर बुलडोजर की कार्रवाई उचित नहीं है और इसीलिए उसकी ओर से यह टिप्पणी की गई कि नूह में एक वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है !!🤔जो भी हो ,🤔अच्छा होता कि उच्च न्यायालय इस भीषण सांप्रदायिक हिंसा का भी स्वत: संज्ञान लेता!!?❓🤔😡 फिलहाल यह कहना कठिन है कि दंगाइयों के ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर न्यायालय अपना क्या फैसला देगा ,🤔लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि सुनियोजित साजिश के तहत फैलाई गई हिंसा में शामिल तत्वों को समय रहते सख्त सजा देने की आवश्यकता है!!?❓🤔 इस पर भी विचार होना चाहिए कि दंगाइयों, अपराधियों और माफिया तत्वों के घरों को बुलडोजर से ढहाकर विधिसम्मत तरीके से त्वरित न्याय किया जा सकता है....?❓🤔 इसमें संदेह नहीं कि जब ऐसे तत्वों के घर अथवा उनकी अन्य संपत्ति पर बुलडोजर चलते हैं तो आम जनता को संतुष्टि मिलती है !!🤔इस संतुष्टि का कारण यह है कि प्रचलित कानूनी तौर तरीकों से अपराधियों और माफिया तत्वों को यथाशीघ्र सजा देना कठिन कार्य बनकर रह गया है!!🤔 यही कारण है कि देश के कई हिस्सों में अपराधी और माफिया तत्वों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलने लगे हैं*!!🤔
❓👉 *इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि जब किसी अपराधी तत्व का घर,🤔 दुकान अथवा अन्य कोई भवन ढहाया जाता है तो उसके साथ-साथ अन्य लोग भी प्रभावित होते हैं!! इनमें वे भी होते हैं जिनकी किसी भी अपराध में कोई संलिप्तता नहीं होती!!🤔 आमतौर पर अपराधियों के ठिकानों को ध्वस्त करते समय यह तर्क दिया जाता है कि उसने अवैध निर्माण किया था, लेकिन अपने देश में तो इस तरह का काम बहुत सारे ऐसे लोग भी करते हैं जिनका अपराध से कोई लेना देना नहीं होता !!🤔उच्च न्यायालय को इस मामले में आगे की कार्रवाई इस तरह करनी चाहिए जिससे दंगाइयों के दुस्साहस का दमन करने मे न कोई बाधा पैदा हो और ना ही देरी हो!!?❓🤔 जहां तक अवैध निर्माण अथवा अतिक्रमण की बात है यह पूरे देश की समस्या है !! मानकों के विपरीत निर्माण और अतिक्रमण जब हो रहा होता है तो संबंधित नगर निकायों के लोग या तो इनकी अनदेखी करते हैं या कुछ ले देकर यह सब होने देते हैं!! अवैध निर्माण और अतिक्रमण के लिए नगर निकाय जैसी संस्थाएं दोषी हैं!! उचित यह होगा कि निर्माण करने वाले लोगों पर कार्यवाही के साथ ही नगर निकायों के अफसरों और कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए जो इनकी जानबूझकर अनदेखी के जिम्मेदार हैं*!!
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🔥 *राजनीति का आवरण ओढ़ कर देश विरोधी कार्य करते जनप्रतिनिधि*🤔
❓👉 *समझे अपनी जिम्मेदारी*
❓ *जनप्रतिनिधियों को यह समझना होगा कि सार्वजनिक स्थानों पर उनके आचरण को जनता भी देख रही है*🤔 (जो अब सब कुछ जानती है )🤔
👉 *जनता से जुड़े मुद्दों पर यदि जनप्रतिनिधि विरोध प्रदर्शित करें या आक्रोश जताए तो इसे उचित माना जा सकता है ,🤔लेकिन भारत माता की जय बोलने पर यदि कोई विरोध जताता है तो इसे अनुचित ही माना जाएगा,🤔 अमरोहा में बसपा सांसद दानिश अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के संजीव प्रसारण के दौरान भाजपा एमएलसी डॉ हरी सिंह ढिल्लों के भारत माता की जय बोलने पर जिस तरह से विरोध प्रदर्शित किया !!🤔वह किसी भी जनप्रतिनिधि के आचरण के अनुरूप नहीं था!!🤔 देश के प्रति सभी के मन में सम्मान होना चाहिए!! बसपा सांसद ने बाद में अपने इस आचरण से किनारा जरूर किया और भारत माता के प्रति सम्मान भी जताया ,लेकिन इससे पहले विवाद खड़ा हो चुका था !!और उनके समर्थकों व भाजपा के समर्थकों के बीच कहासुनी हो ही गई!!🤔 एक निर्वाचित प्रतिनिधि को दूसरे जनप्रतिनिधि का सम्मान करना चाहिए!!🤔 यदि कोई संबोधित कर रहा है तो मंच पर पहुंच कर उसके हाथ से माइक छीन लेना अशोभनीय है!!?❓🤔 जनप्रतिनिधियों को यह समझना होगा कि सार्वजनिक स्थानों पर उनके आचरण को जनता भी देख रही है और वह समय आने पर इसके हिसाब से ही निर्णय भी लेती है*!!?❓🤔
👉 *जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी होती है कि वे किसी भी स्थान पर अशांति या हंगामे की स्थिति न पैदा होने दें ,🤔लेकिन कुछ विवाद जानबूझकर खड़े किए जाते हैं ताकि उनका राजनीतिक लाभ लिया जा सके !!🤔अब जबकि लोकसभा चुनाव होने वाले हैं तो इस तरह के विवाद और भी खड़े होंगे..?❓🤔 लेकिन जनता को जागरूकता का परिचय देते हुए इसके पीछे की मंशा को समझना होगा!!?❓🤔 कुछ जनप्रतिनिधि इसी उद्देश्य से देवी-देवताओं के प्रति भी आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं !!यह जानते हुए कि इससे जन भावनाएं आहत होंगी, उनके द्वारा जानबूझकर ऐसा किया जाता है !!अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस तरह के बयानों की भतरसना की जानी चाहिए!! राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे नेताओं के बयानों पर अंकुश लगाए और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर विवादित बयानों से रोके !!समाज में सद्भाव और शांति व्यवस्था बनाए रखना हर राजनीतिक दल का दायित्व है*!!
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