👉👉👉👉👉👉
🪷 👉 *सच सामने लाने का प्रयास*
🪷 *ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से वैज्ञानिक परीक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया , वह सत्य को सामने लाने में सहायक साबित होने वाला है !! इस निर्णय के बाद मुस्लिम पक्ष को यह आभास हो जाए तो अच्छा है कि वह बेवजह अदालतों का दरवाजा खटखटा कर सच्चाई से मुंह मोड़ने की कोशिश ही कर रहा है!!🤔 सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह जो सवाल किया कि आखिर सर्वेक्षण के जरिए सच को सामने लाने में क्या परेशानी है ,🤔 उस पर मुस्लिम पक्ष को नीर क्षीर ढंग से आत्मचिंतन करना चाहिए !!🤔 उसे यह पता होना चाहिए कि उसने अयोध्या मामले में इसी तरह सच से मुंह मोड़ने की जो कोशिश की थी,🤔 उसके क्या परिणाम सामने आए!!🤔 ज्ञानवापी परिसर के मामले तो खुली आंखों से यह देखा समझा जा सकता है कि यहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया!!🤔 इसके तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज भी उपलब्ध है,🤔 जो देश के ही नहीं विदेश के लोगों ने भी लिखे!!🤔 इनमें कुछ ऐसे दस्तावेज भी हैं जो औरंगजेब के करीबियों ने लिखे और जिनमें यह कहा गया इस मुगल शासक ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी करने का काम किया था*!!🤔
✍️ *आज का विशेष समाचार*
🪷 👉 *अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के संदर्भ में अपना रुख साफ कर दिया है तब मुस्लिम पक्ष को उस तरह की गलती करने से बचना चाहिए जैसी गलती उसने अयोध्या मामले में की!!🤔 उचित तो यह होगा कि इस विवाद का समाधान उसी तरह से करने की कोशिश की जाए जैसा कि कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास की भूलों को सुधारने का काम आवश्यक है और इसके लिए स्वयं मुस्लिम समुदाय को आगे आना चाहिए!!🤔 कुछ मुस्लिम नेता भी इसी मत के हैं,😌 लेकिन उन्हें बरगलाने की कोशिश करने वाले लोग और राजनीतिक दल सद्भावना यानी सद्भाव से ऐसे मामलों का समाधान नहीं होने देना चाहते !! 🤔आजादी के बाद से मुस्लिम तुष्टीकरण वाली वोट बैंक की राजनीति में इस तरह के मामलों को और सहमति से हल करने में रोड़े ही अटकाए हैं!!🤔 ज्ञानवापी के पुरातात्विक सर्वेक्षण से वैसे ही साक्ष्य सामने आ सकते हैं,🤔 जैसे अयोध्या में सामने आए थे!!🤔 ज्ञानवापी का सच सामने लाने की कोशिश गड़े मुर्दे उखाड़ने वाली बात नहीं,🤔 बल्कि इतिहास की भूल को देर से ही सही,🤔 सुधारने की एक पहल है!!🤔 सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि धर्मस्थल कानून ज्ञानवापी जैसे मामलों में सच उजागर करने में बाधक नहीं है!! इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि ज्ञानवापी जैसा मामला अकेला नहीं है!!🤔 इन मामलों के संदर्भ में सच से मुंह मोड़ने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है,🤔 क्योंकि यह एक तथ्य है कि विदेशी आक्रांताओ ने भारत में बड़े पैमाने पर मंदिरों का ध्वंस किया!!🤔 ऐसे स्थल जो साफ तौर पर इंगित करते हैं कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई ,🤔 वे हिंदू समाज के आत्मा को कचोटते हैं*!!?❓💐
👉👉👉👉👉👉
👉 *केवल ज्वलंत 🔥मुद्दों पर समाचार, कृपया इस न्यूज़ को अपने सभी ग्रुपों में फॉरवर्ड जरुर करें) ताकि और लोगों को भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के ज्वलंत मुद्दों पर चिंतन करने का अवसर प्राप्त हो ❓ *राष्ट्रहित मे हम इतना तो कर ही सकते हैं*🙏
👉 *यदि आपके पास समाचार नहीं आ रहा है तो कृपया 93687 71792 पर हेलो लिखकर भेजें*
++++++++++++++
👉🇮🇳 *समाचारों व विज्ञापनों के लिए संपर्क करें पर*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
👉 *
👉 *संसद मे गतिरोध की स्थिति*
👉 *संसद में गतिरोध समाप्त कर सामान्य कामकाज बहाल करने के लिए सरकार की एक और कोशिश के प्रति विपक्ष ने जिस तरह एक बार फिर अड़ियल रुख दिखाया और इसके चलते बातचीत की कोशिश विफल ही रही,🤔 उससे यही प्रतीत होता है कि विपक्ष दल दोनों सदनों के सुचारू संचालन के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं!!🤔 यह समझना कठिन है कि जब लोकसभा में दिल्ली में सेवा संबंधी अधिकारों से जुड़ा विधेयक चर्चा के बाद पारित हो गया और अविश्वास प्रस्ताव की तारीख भी तय हो गई है तब राज्यसभा में गतिरोध पूरी तरह क्यों नहीं टूट पा रहा है.?❓🤔 मौजूदा मानसून सत्र में अब कुछ ही दिन शेष हैं,🤔 लेकिन कामकाज के लिहाज से स्थिति निराश करने वाली भी है और यह चिंता नए सिरे से रेखांकित करने वाली भी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के गतिरोध ने संसदीय कामकाज के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया है !!🤔यह उम्मीद धुंधली होना अच्छी स्थिति नहीं है कि इस सत्र के शेष दिनों में दोनों सदनों में तमाम गंभीर विषयों पर सार्थक चर्चा हो सकेगी और पक्ष विपक्ष के दलो को इन मसलों पर अपनी राय रखने का अवसर मिलेगा !!🤔यह अपेक्षा तो तब पूरी होगी जब संसदीय कामकाज के महत्व के प्रति सभी राजनीतिक दल पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता प्रदर्शित करेंगे*!!?❓🤔
👉 *यह हैरान करने वाला है की एक और मणिपुर के घटनाक्रम समेत कई विषयों को बेहद गंभीर भी माना जा रहा है और दूसरी और कभी किसी नियम के तहत चर्चा और कभी प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर कामकाज भी ठप कर दिया गया!!?❓🤔 विपक्षी गठबंधन india के घटक दल अपने इस रुख के पक्ष में चाहे जैसे तर्क दें ,🤔लेकिन आम जनता के बीच यही संदेश गया कि सरकार को घेरने के नाम पर उनका इरादा संसद ठप करने का ही था !!🤔कायदे से तो अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने और उस पर बहस का समय तय हो जाने के बाद ही संसद के दोनों सदन सही तरह चलने चाहिए थे,🤔 लेकिन ऐसा नहीं हुआ!!🤔 पिछले कुछ समय से जिस तरह यह देखने को मिल रहा है की संसद का प्रत्येक सत्र शुरू होते ही विपक्षी दल किसी ने किसी मुद्दे पर दोनों सदन ठप कराने के लिए जुट जाते हैं ,🤔उसे देखते हुए यह आवश्यक है कि संसदीय कामकाज की व्यवस्था में कुछ ऐसे परिवर्तन सुधार किए जाएं जिससे संसद सही मायने में अपनी भूमिका का निर्वाह करने में अधिक सक्षम बन सके!!🤔 इसके लिए सांसदों को भी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय करने के कुछ उपाय किए जाने चाहिए!!🤔 विपक्षी दलों को संसद में सरकार का विरोध करने का पूरा अधिकार है,🤔 लेकिन यह काम लंबे समय तक गतिरोध उत्पन्न कर और पूरे सत्र को बर्बाद कर नहीं किया जा सकता!!🤔 केवल इतना ही पर्याप्त नहीं कि मौजूदा सत्र में कुछ विधेयक प्रस्तुत और पारित किए जा रहे हैं !! अधिक आवश्यक यह है कि आम जनता उन पर गंभीरता के साथ विचार विमर्श होते हुए भी देखें*!!?❓🤔
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
No comments:
Post a Comment