Wednesday 11 September 2024

अखिलेश जी! दिल्ली में तैनात कीजिए "गोप नाम की तोप"* सियासी समझ में माहिर गोप देश में बढ़ा सकते हैं साइकिल की रफ्तार?भले ही गोप ने ना मांगा हो कोई पद! लेकिन अखिलेश को गोप की प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग तो करना ही चाहिए!

*अखिलेश जी! दिल्ली में तैनात कीजिए "गोप नाम की तोप"* 

सियासी समझ में माहिर गोप देश में बढ़ा सकते हैं साइकिल की रफ्तार?

भले ही गोप ने ना मांगा हो कोई पद! लेकिन अखिलेश को गोप की प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग तो करना ही चाहिए!
सपा नेतृत्व गोप की क्षमता का कब करेगा दिल से आकलन?फिलहाल बाराबंकी वासियों की इस पर जमी है  निगाहें!

*कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)*

बाराबंकी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप पार्टी के लिए समर्पित व्यक्तित्व है। उन्हें  नेतृत्व से जो भी निर्देश मिला उसे पर खरा उतरने के लिए  अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जनसंपर्क एवं सियासी समझ में माहिर  गोप की संपूर्ण प्रतिभा का आकलन अथवा उसका प्रयोग फिलहाल अभी भी बाकी है? सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजर इस ओर कब जाएगी? बाराबंकी वासियों की निगाहें इस पर जमी हुई है। तभी तो लोग चर्चा के दौरान बोल पड़ते हैं अखिलेश जी! समझिए, सोचिए और दिल्ली में तैनात करिए गोप नाम की मज़बूत सपाई तोप?

संपन्न लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी दमदार प्रदर्शन करके देश की तीसरी पार्टी बन गई है।  बाराबंकी में गठबंधन प्रत्याशी तनुज पुनिया चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। इस चुनाव में सपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद सिंह गोप ने पूरी मेहनत से वही किया जो सपा नेतृत्व का निर्देश था। यह पहली बार नहीं है। इसके पहले भी गोप ने पार्टी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया। भले ही बाराबंकी जिले का यह नेता बीते विधानसभा चुनाव में चुनाव हार गया हो! लेकिन आज भी उनके जनता दरबार में आने वाले लोगों की कमी दिखाई नहीं देती। जनपद के तमाम कार्यक्रमों में गोप की उपस्थिति एवं उपयोगिता तो है ही! बल्कि दूसरे जनपदों में भी गोप की मांग बदस्तूर जारी है।

 सपा में कभी-कभी यह आवाज उठती हैं कि राज्यसभा में जमीनी नेता को मौका मिलना चाहिए? एक समय यह था कि सपा की आवाज को दिल्ली में स्वर्गीय अमर सिंह, मोहन सिंह, जनेश्वर मिश्र जी, बेनी प्रसाद वर्मा जी जैसे कई अन्य बड़े नेता बुलंद किया करते थे। समाजवाद के वटवृक्ष एवं सपा के संरक्षक रहे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी ऐसी टीम बनाई थी कि उनकी आवाज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक गर्जना बन जाती थी। आज वर्तमान में सपा संसद में देश की तीसरे नंबर की पार्टी है। स्वयं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं श्रीमती डिंपल यादव सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता सांसद हैं। लेकिन सपा की दिल्ली  राजनीति में  एक ऐसे चेहरे की आवश्यकता है। जो हर वर्ग, हर जाति को जोड़कर आगे बढ़ सके। जो दिन रात पार्टी के लिए एक कर सके। यदि उत्तर प्रदेश को देखा जाए तो इस मामले में बाराबंकी के नेता अरविंद सिंह गोप इस कमी को पूरा कर सकते हैं। एक समय जब जिले के कई बड़े नेताओं ने स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का साथ छोड़ दिया था तो उस समय  के विधानसभा चुनाव में गोप ने बाराबंकी जिले की सभी 6 सीटों पर साइकिल का परचम लहराया था। 

गोप वक्ता भी अच्छे हैं, नेता भी अच्छे हैं, व्यक्ति भी अच्छे हैं एवं संगठक भी! वे पूरी तरह से काबिले तारीफ है? ऐसा कई वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक चर्चा के दौरान कहते हैं । ऐसे में यदि गोप को सपा नेतृत्व के आशीर्वाद से दिल्ली की राजनीति में सपा का पक्ष रखने के लिए खुली बैटिंग का मौका दिया जाए! तो साइकिल की रफ्तार देश में तेज होती नजर आ सकती है। सपा ने लोकसभा चुनाव में जो सफलता हासिल की है। उसे आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि गोप जैसे जमीनी नेताओं को सपा आगे बढ़ाएं। ऐसे नेताओं को राज्यसभा भेजा जाए अथवा संगठन स्तर पर मजबूत व्यवस्था के तहत उन्हें आगे बढ़ाया जाए। 

खास बात यह है कि अरविंद सिंह गोप बाराबंकी में हमेशा पार्टी के ही कई नेताओं के निशाने पर रहे हैं? लेकिन गोप ने कभी भी अपने ऊपर हमलावर पार्टी नेताओं का अपमान नहीं किया है। उनमें बस एक ही धुन दिखती है कि हर तरफ समाजवाद की वैचारिक क्रांति का बिगुल बजता नजर आए।यह अलग बात है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बाद आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अरविंद सिंह गोप को अत्यधिक महत्व देते हैं । राजनीतिक महारथी  चर्चा के दौरान कहते है कि अखिलेश जी को गोप की राजनीतिक क्षमता को आंकते हुए उन्हें दिल्ली में सपा की राजनीति को आगे बढ़ाने का मौका देना चाहिए। क्योंकि गोप में इतनी कुव्वत है कि वह सपा की नीतियों को आगे बढ़ा कर सपा के पूर्व दिग्गज नेताओं के रिक्त स्थान को भर सकते हैं! गोप की सोच अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ा, बहुसंख्यक सबको साथ लेकर चलने की है। वे अपने व्यवहार से सपा ही नहीं बल्कि विपक्ष के नेताओं में भी सम्मानीय है। वे समाजवादी पार्टी की विचारधारा व उसके झंडे के लिए समर्पित है। सूत्रों के मुताबिक उन पर भाजपा जैसे कई दल डोरे डाल चुके हैं? लेकिन गोप ने केवल एक ही संकल्प ले रखा है। एक नेता अखिलेश और एक निशान साइकिल! स्पष्ट है कि पैराशूट से टपके हुए सेलिब्रिटी नेताओं को भले ही सपा नेतृत्व राज्यसभा में भेज कर अपनी पीठ थपथपा ले रहा हो? लेकिन जमीनी स्तर के नेताओं को जब राज्यसभा अथवा दिल्ली की राजनीति में स्थापित करने के नए पथ पर सपा नेतृत्व अग्रसर होगा। तो वह पार्टी के लिए और भी ठीक होगा। ऐसी राजनीतिक चर्चा के दौरान लोग आखिरकार बोल ही पड़ते हैं। अखिलेश यादव जी! सोचिए ,समझिए और गोप की राजनीतिक क्षमता का भरपूर प्रयोग कीजिए! देश में साइकिल की रफ्तार बढ़ाने के लिए गोप नाम की मज़बूत सपाई तोप दिल्ली में तैनात कीजिए! फिलहाल सपा नेतृत्व का इस दिशा में आगे क्या कदम होगा? इस पर बाराबंकी वासियों के निगाहें जमी हुई है!

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