Wednesday, 30 October 2024

सभी मीडिया वालो से निवेदन है बिश्नोई को बिश्नोई गैंग ना कहे बिश्नोई समाज है जीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए जाना जाता है अगर जीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए कोई शहीद हुआ है वह बिश्नोई समाज ही है

सभी मीडिया वालो से निवेदन है बिश्नोई  को बिश्नोई गैंग ना कहे बिश्नोई समाज है जीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए जाना जाता है अगर जीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए कोई शहीद हुआ है वह बिश्नोई समाज ही है 
सलमान खान इन दिनों काफी परेशानियों से गुजर रहे हैं इसी बीच विवेक ओबेरॉय का ऐसा विडियो सामने आया है जो सलमान को हिला देगा. सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहे वीडियो में विवेक को हिंदी में कहते हुए सुना जा सकता है, "बिश्नोई समाज को गूगल पर ढूंढ़कर देखिए। आपको पूरी दुनिया में ऐसा नजारा नहीं मिलेगा। हर घर में, यहां तक कि मेरे घर में भी, हम बच्चों को गाय का दूध पिलाते हैं। पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही समाज है - बिश्नोई समाज - जहां अगर किसी हिरण के बच्चे की मां म'र जाती है, तो बिश्नोई मां उसे गोद में लेकर दूध पिलाती हैं, जैसे अपने बच्चों को पिलाती हैं। आपको दुनिया में ऐसा कहीं और नहीं मिलेगा।

एन आई एस खेल प्रशिक्षक संघ के द्वारा आयोजितआज शहीदे आजम भारत स्पोर्ट्स स्टेडियम में बालिकाओं ने दीपावली के शुभ अवसर पर दीए जलाकर हो के राष्ट्रीय खेल हॉकी की सटीक और बाल बनाई।

एन आई एस खेल प्रशिक्षक संघ के द्वारा आयोजितआज शहीदे आजम भारत स्पोर्ट्स स्टेडियम में बालिकाओं ने दीपावली के शुभ अवसर पर दीए जलाकर हो के राष्ट्रीय खेल हॉकी की सटीक और बाल बनाई। 




ग्राउंड को पूरी तरह से सजाया और एक दूसरे को पटाखे छोड़कर बधाई दी। इस अवसर पर फरहत अली खान ने कहा *एक दिया खेलों के नाम* भारत के खिलाड़ी खेल खूब तरक्की करें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करें।

महापर्व दीपावली के शुभ अवसर पर नगर में फ्लैग मार्च!

महापर्व दीपावली के शुभ अवसर पर नगर में फ्लैग मार्च!

स्योहारा/(डॉ०उस्मान ज़ैदी) रोशनी व रोनिक पवन पर्व दीपावली व अन्य त्योहारो  के शुभ अवसर पर नगर में शांति बनाए रखने को लेकर पुलिस विभाग गंभीर,
नगर में शांति बनाए रखने हेतु फ्लैग मार्च पूर्वी एसपी धर्म सिंह मर्छल व थाना अध्यक्ष अमित कुमार उप निरीक्षक सुरजीत सिंह आदि के नेतृत्व में निकला गया!
   महापर्व दीपावली खुशियों उत्साह  उमंगो का त्यौहार है! इस पर्व पर तमाम शिकवे गीले भूल कर आपस में एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी जाती है! आपस में मिठाइयां बाटी जाति है! त्योहार के शुभ अवसर पर गंगा जमुना तहजीब भाईचारा नगर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग चाक चौबंद दिखाई दे रहा है! नगर में ए सामाजिक तत्व यदि शांति से खिलवाड़ करते हैं! तो इनसे सख्ति से निपटा जाएगा! नगर में शांति बनाए रखने के लिए पब्लिक की भी बड़ी जिम्मेदारियां बनती है! यदि कहीं पर भी किसी प्रकार के ए-सामाजिक तत्व शांति भंग करने का प्रयास करते हैं !तो तुरंत पुलिस को सूचित किया करे, जिससे ए सामाजिक तत्वों को कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए! सभी से आपस में मिलजुल कर त्योहारों को मनाने की अपील की जाती है! फ्लैग मार्च नगर के मुख्य चौराहा से होता हुआ भारी दलबल के साथ थाने पर आकर संपन्न हुआ! फ्लैग मार्च में उप निरीक्षक यश देव शर्मा उपनिरीक्षक यशपाल सिंह उप निरीक्षक असकर खान तथा हेड कांस्टेबल वे कांस्टेबल आदि की उपस्थिति रही!

Monday, 28 October 2024

बाधाओं को तोड़ना और एक पीढ़ी को प्रेरित करना: पेरिस 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मुस्लिम पैरालिंपियन की कहानी

बाधाओं को तोड़ना और एक पीढ़ी को प्रेरित करना: पेरिस 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मुस्लिम पैरालिंपियन की कहानी

सफलता की यात्रा अक्सर चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन पेरिस 2024 खेलों में भाग लेने जा रहे चार भारतीय मुस्लिम पैरालिंपियन के लिए, चुनौतियाँ सिर्फ़ शारीरिक से कहीं ज़्यादा थीं। आमिर अहमद भट, सकीना खातून, अरशद शेख और मोहम्मद यासर ने न केवल अपनी विकलांगताओं को पार किया है, बल्कि अपनी पृष्ठभूमि के कारण उन पर लगाई गई सामाजिक अपेक्षाओं को भी पार किया है। ये एथलीट ख़ास तौर पर मुस्लिम युवाओं के लिए रोल मॉडल के रूप में खड़े हैं, जो दिखाते हैं कि कैसे कोई अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठ सकता है।
कश्मीर की खूबसूरत घाटियों से आने वाले आमिर अहमद भट कई लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन गए हैं। P3- मिक्स्ड 25 मीटर पिस्टल SH1 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने वाले एक पिस्टल शूटर, आमिर की पैरालिंपिक तक की यात्रा दृढ़ता की है। शारीरिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उनकी सटीकता और दृढ़ संकल्प ने उन्हें दुनिया के शीर्ष पैरा निशानेबाजों में शामिल किया है। आमिर की कहानी एक अनुस्मारक है कि शारीरिक अक्षमता किसी की क्षमता को सीमित नहीं करती है। उन्होंने संघर्षग्रस्त क्षेत्र में रहने की प्रतिकूलता का सामना किया, फिर भी उन्होंने अनुशासन और उत्कृष्टता का मार्ग चुना। ऐसा करके, उन्होंने देश भर के मुस्लिम युवाओं को दिखाया है कि उनके सपने साकार हो सकते हैं, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों। उनका समर्पण दुनिया को संदेश है कि प्रतिभा और कड़ी मेहनत किसी भी सीमा को पार कर सकती है। महिलाओं की 45 किलोग्राम तक की पावरलिफ्टिंग श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने वाली सकीना खातून ने पहले ही भारतीय खेल इतिहास में अपनी जगह पक्की कर ली है। राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पैरा पावरलिफ्टर के रूप में, सकीना की कहानी लचीलेपन की है। सीमित साधनों वाले परिवार में जन्मी, उन्हें छोटी उम्र में पोलियो हो गया, जिससे वे आजीवन विकलांग हो गईं एक पावरलिफ्टर के रूप में उनकी सफलता ने न केवल विकलांग महिलाओं की उपलब्धियों के बारे में बल्कि खेलों में मुस्लिम महिलाओं की उपलब्धियों के बारे में भी रूढ़ियों को तोड़ दिया है। सकीना की कहानी एक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ संकल्प और सही अवसरों के साथ मिलकर अविश्वसनीय उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करके, वह मुस्लिम युवाओं, विशेषकर युवा लड़कियों को निडर होकर अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करती हैं, यह जानते हुए कि वे भी उम्मीदों का भार उठा सकती हैं। अरशद शेख एक और नाम है जो भारत के पैरालंपिक दल में चमकता है। पुरुषों की सी2 श्रेणी में पैरा साइकिलिंग में प्रतिस्पर्धा करते हुए, पेरिस 2024 पैरालिंपिक में अरशद का शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह पहली बार है जब भारत इन खेलों में पैरा साइकिलिंग में प्रतिस्पर्धा कर रहा है। अरशद की कहानी सिर्फ एथलेटिक कौशल की नहीं बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प की भी है मुस्लिम युवाओं के लिए, खास तौर पर उन लोगों के लिए जो इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, अरशद इस विचार का प्रतिनिधित्व करते हैं कि कोई भी व्यक्ति जीवन की बाधाओं को पार करके विजयी हो सकता है। पैरालिंपिक तक का उनका सफर दिखाता है कि भले ही रास्ता कठिन हो, लेकिन दृढ़ता जीत की ओर ले जा सकती है। मोहम्मद यासर, पुरुषों की शॉट पुट की F46 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हुए, इस बात का एक और शानदार उदाहरण हैं कि दृढ़ संकल्प कैसे प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकता है। शारीरिक विकलांगता के साथ पैदा हुए यासर ने इसे अपने भविष्य को परिभाषित नहीं करने दिया। उन्होंने एथलेटिक्स को अपनाया और शॉट पुट में विशेषज्ञता हासिल की, और जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए रैंक में ऊपर उठे। यासर की उपलब्धियाँ केवल व्यक्तिगत जीत नहीं हैं, बल्कि उनके समुदाय की भी जीत हैं। वह एक जीवंत उदाहरण हैं कि न तो शारीरिक विकलांगता और न ही सामाजिक अपेक्षाएँ किसी को अपनी क्षमता तक पहुँचने से रोक सकती हैं। पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करके, यासर युवा मुसलमानों को दिखाते हैं कि वे भी बाधाओं को पार कर सकते हैं, सामाजिक दबावों को दूर कर सकते हैं और विश्व मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं। ऐसी दुनिया में जहाँ युवा, खास तौर पर हाशिए पर पड़े समुदायों के, अक्सर सामाजिक दबाव के चलते नकारात्मक भावनाओं से प्रभावित होते हैं, ये चार एथलीट आशा की किरण बनकर खड़े हैं। वे न केवल अपनी एथलेटिक उपलब्धियों के कारण बल्कि अपने द्वारा दर्शाए गए मूल्यों के कारण भी रोल मॉडल हैं: दृढ़ता, समर्पण और देशभक्ति। उनकी कहानियों को और भी शक्तिशाली बनाता है कि कैसे उन्होंने निराशा या नकारात्मक प्रभावों के आगे झुकने के बजाय उत्कृष्टता का मार्ग चुना है। विकलांगता के साथ जीना अक्सर सामाजिक कलंक का बोझ लेकर आता है, लेकिन इन एथलीटों ने दिखाया है कि ऐसी कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भी सफलता संभव है। उनकी उपलब्धियों ने रूढ़िवादिता और गलत धारणाओं को तोड़ दिया है, खासकर मुस्लिम समुदाय और विकलांग व्यक्तियों से जुड़ी रूढ़ियों और गलत धारणाओं को। उन्होंने साबित कर दिया है कि सफलता धर्म, क्षेत्र या विकलांगता से बंधी नहीं होती बल्कि कड़ी मेहनत, लचीलापन और महानता हासिल करने की इच्छा से परिभाषित होती है। ऐसे समय में जब गुमराह होना आसान है, इन चार एथलीटों ने सम्मान और अनुशासन का मार्ग चुना है। उन्होंने अपनी चुनौतियों को ताकत में बदल दिया है और ऐसा करके वे भारत में मुस्लिम युवाओं के लिए सच्चे रोल मॉडल बन गए हैं। उनकी कहानियाँ हम सभी को याद दिलाती हैं कि जब कोई अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता और कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

फरहत अली खान 
एम ए गोल्ड मेडलिस्ट

Friday, 25 October 2024

बॉलीवुड की दुनिया में चमके दो दिग्गज : अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ मुंबई के जीवंत शहर में जन्मे अनिल, जो अब 67 वर्ष के हैं, पहले से ही अन्य 100 फिल्मों के बीच "स्लमडॉग मिलियनेयर" और "मिस्टर इंडिया" के साथ एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जबकि अनुमानित ₹134 करोड़ कमा रहे हैं

बॉलीवुड की दुनिया में चमके दो दिग्गज : अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ मुंबई के जीवंत शहर में जन्मे अनिल, जो अब 67 वर्ष के हैं, पहले से ही अन्य 100 फिल्मों के बीच "स्लमडॉग मिलियनेयर" और "मिस्टर इंडिया" के साथ एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जबकि अनुमानित ₹134 करोड़ कमा रहे हैं। इस बीच, जैकी भी, "हीरो" और "राम लखन जैसे वाणिज्यिक हिट में अपने कट फीचर के साथ सिल्वर स्क्रीन में अपना जादू बुन रहा है। अपने बेल्ट के नीचे 250 से अधिक फिल्मों के साथ, उनकी अनुमानित कुल संपत्ति ₹212 करोड़ है। अनिल के तीन बच्चे हैं - सोनम, रिया और हर्ष वर्धन जिनके साथ वह अपनी यात्रा साझा करते हैं। जैकी ने अपने बच्चों- टाइगर और कृष्णा श्रॉफ के साथ अपनी यात्रा साझा की। उनकी विरासत प्रेरणा देती रहती है, साबित करना कला की दुनिया में उम्र एक संख्या के अलावा कुछ नहीं है। #BollywoodLegends #AnilKapoor #JackieShroff
#filmiirishta

हरसिंगार के फूल बाजार में 1000 रू किलो तक बिकते हैं,अगर सूर्य तापित अर्क निकालें तो एक किलो फूलों में करीब 100 ml निकलेगा।

हरसिंगार के फूल बाजार में 1000 रू किलो तक बिकते हैं,अगर सूर्य तापित अर्क निकालें तो एक किलो फूलों में करीब 100 ml निकलेगा।

एक हेयर ऑयल बनाने की विधि बताता हूं।
जिसको लगाना सुरु करने के बाद पांचवें दिन बाल झड़ने/गिरने बंद हो जायेंगे।
डेंड्रफ भी गधे के सींगों की तरह गायब हो जायेगा।
सामग्री 
100 ग्राम नारियल तेल 
50 ग्राम काले तिल का तेल 
50 ग्राम असली बादाम तेल 
दो कागजी नींबू ।
सबसे पहले दोनो नींबू का रस निचोड़ छानकर किसी लंबी डंडी की कड़छी में रख लें, उसके बाद नारियल तेल को किसी बर्तन में उबालें। तेल उबल जाने के तेल के पात्र को आंच से नीचे उतार कर सावधानी से नींबू का तेल डालें ।सावधानी रखनी जरूरी है गर्म तेल के छींटे लग सकते हैं। 
5- 7 मिंट बाद नारियल नींबू तेल को पुनः धीमी आंच पर रखें 
थोड़ी देर बाद छन छन की आवाज बंद हो जाए तो काले तिल का तेल भी इसी तेल में डालकर उबलने दें। उबलने के बाद नींबू रस की तरह ही 20 ml हरसिंगार के फूलों वाला अर्क डालें और पात्र को फिर से आंच पर रखे जब छन छन की आवाज बंद हो जाए तो बादाम तेल डालकर बरतन को नीचे उतार लें ।
तेल ठंडा होने के बाद छानकर शीशी में भर लें ।
सुबह नहाने से 1 घंटे पहले बालों में 5 मिंट तक नर्म हाथो से मलें, सोने से पहले रात को भी मलें। 
पांचवें दिन असर देखें। बाल नहीं गिरेंगे,मुलायम मजबूत और चमकदार होने लगेंगे ।रूसी नहीं होगी।सिर में फोड़े फुंसी हैं तो वह ठीक होंगी।सिर को शांति मिलेगी तनाव दूर होगा, सिर दर्द नहीं होगा। निंद अच्छी आएगी।
जिनको गैस तेजाब कब्ज की थोड़ी बहुत समस्या रहती हो तो सोने से पहले एक चमच एक दो तीन अनुपात का त्रिफला चूर्ण लें,जिनको कोई समस्या नहीं वो भी कुछ दिन आंवला चूर्ण गुनगुने जल से लें।

बात 2004 की है, जब भारतीय मूल के सुंदर पिचाई अमरीका में रह रहे थे और अल्फाबेट (गूगल इसी का प्रोडक्ट है) में काम कर रहे थे

बात 2004 की है, जब भारतीय मूल के सुंदर पिचाई अमरीका में रह रहे थे और अल्फाबेट (गूगल इसी का प्रोडक्ट है) में काम कर रहे थे।
।सुंदर के एक दोस्त ने उन्हें सपरिवार अपने घर डिनर पर आमंत्रित किया। सुंदर पिचाई सीधे ऑफिस से दोस्त के घर डिनर के लिए पहुंचना चाहते थे इसलिए उन्होंने पत्नी अंजलि से कहा कि वह भी सीधे दोस्त के घर पहुंच जाएं। अंजलि अपनी कार से ठीक आठ बजे दोस्त के घर पहुंच गईं और सुंदर पिचाई भी ऑफिस से समय से निकल गए लेकिन वह अपने दोस्त के घर का रास्ता भटक गए। किसी तरह वह दो घंटे की देरी से यानी रात करीब दस बजे दोस्त के घर पहुंचे। सुंदर पिचाई के वहां पहुंचने से पहले अंजलि डिनर करके घर के लिए निकल चुकी थीं। इसके बाद सुंदर पिचाई भी वहां से बिना कुछ खाए घर चले गए। समय से डिनर पर न पहुंचने के लिए घर पर अंजलि के साथ उनका झगड़ा हुआ जिससे उनका मूड बेहद खराब हो गया और वह रात में ही फिर अपने ऑफिस के लिए वापस निकल गए। पिचाई ने रात ऑफिस में ही बिताई। इस दौरान वह यही सोचते रहे कि वह रास्ता कैसे भटक गए। अगर वह रास्ता भटक गए तो न जाने कितने लोग ऐसे ही रोज रास्ता भटक जाते होंगे। कुछ ऐसा होता जिससे लोग रास्ता नहीं भटके और समय पर सही जगह पहुंच जाएं। इस बीच उन्हें ख्याल आया कि अगर मैप उनके पास होता और सही रास्ता मिल जाता। सुबह होते ही सुंदर पिचाई ने अपनी पूरी टीम के साथ मीटिंग की और डिजिटल मैप बनाने का आइडिया सबके सामने रखा। मगर पिचाई की टीम ने आइडिया सुनते ही जवाब ना में दिया। सभी ने कहा कि ऐसा हो पाना संभव नहीं है। टीम को उनके आइडिया पर भरोसा भी नहीं था। हालांकि, सुंदर पिचाई ने हार नहीं मानी और अगले कुछ दिन तक मीटिंग करते रहे। इसके बाद एक ऐसा प्रॉडक्टर डिजाइन करने पर सहमति बनी जो लोगों को उनके गंतव्य का रास्ता बताएगा। इसके बाद सुंदर पिचाई, हैसब्रो और उनकी टीम इस नए प्रोजेक्ट पर कई महीनों तक गंभीरता से जुटी रही और कड़ी मेहनत के बाद वर्ष 2005 में गूगल मैप बनाकर सबसे पहले अमरीका में लॉन्च किया गया। इसके बाद इस पर और काम किया गया और वर्ष 2006 में यह ब्रिटेेन में लॉन्च हुआ। भारत में लॉन्च करने से पहले गूगल ने इस पर काफी काम किया और दो साल के अपग्रेडेशन के बाद वर्ष 2008 में यह सर्विस भारत में शुरू हुई। तब से तमाम देशों में चरणबद्ध तरीके से इसकी सेवाएं शुरू की गईं और गूगल मैप आज करीब-करीब सभी देशों में लोगों को रास्ता बताने में उनकी मदद कर रहा है।
कुल मिला कर बात ये है कि अगर पिचाई शादीशुदा ना होते तो आज गूगल मैप का अविष्कार नहीं होता और आप आज भी रास्ता भटक रहे होते। इसलिए रास्ते पर सही चलने और मंजिल पर पहुंचने के लिए संगिनी का साथ बहुत जरूर है। एक पहिए से जिंदगी तो क्या बैलगाड़ी भी नहीं चलती है।

Thursday, 24 October 2024

*रामपुर की मुस्कान खेलेंगी अंतर विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता*

*रामपुर की मुस्कान खेलेंगी अंतर  विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता* 
मेहनत रंग लाती है रामपुर की मुस्कान ने हॉकी प्रशिक्षक फरहत अली खान से हॉकी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। कड़ी मेहनत के बाद वो रोहिलखंड विश्व विद्यालय महिला हॉकी टीम में चयनित हुई। 
फरहत अली खान ने कहा कि वे साइंस की छात्रा है पढ़ाई के साथ साथ खेल एक चुनौती होता है ।
जिसे मुस्कान ने स्वीकार करते हुए अपने जिले,माता-पिता और प्रशिक्षक का नाम रोशन किया ।
वे रामपुर जिले में छोटी-छोटी बालिकाओं के लिए
 एक प्रेरणा भी है ।
जब बालिका खिलाड़ियों को पता चला कि उनकी साथी खिलाड़ी का चयन विश्वविद्यालय हॉकी टीम में हो गया है ,तब सभी खिलाड़ियों ने तालियां बजाकर बधाई दी । 
फरहत अली खान ने कहा की रामपुर में महिला हॉकी शुरू हो चुकी है ।
बालिकाएं  कड़ी मेहनत लगन के साथसाथ  संघर्ष कर रही हैं ।
जो एक दिन जिले के साथ-साथ प्रदेश और देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी में विश्व स्तर पर नाम रोशन करेंगी ।
बालिका खिलाड़ियों में मशियत फातिमा मश्शो रोशन आंचल कशिश चौहान माही संजना नविता और बड़ी संख्या मे खिलाड़ी मौजूद रहे।

Monday, 21 October 2024

जैन धर्म के शास्त्रों में बताये 18 पाप*

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*जैन धर्म के शास्त्रों में बताये 18 पाप*

*पाप किसे कहते हैं ❓*
_*इस पर भगवान महावीर फरमाते हैं, "जो आत्मा को मलिन करें तथा जो बांधते सुखकारी ,भोगते दुखकारी, अशुभ योग से बंधे, सुख पूर्वक बांधा जाए, दुख पूर्वक भोगा जाए । पाप अशुभ प्रकृति रूप है, जिसका फल कड़वा, और जो प्राणी को दुखी करें उसे पाप कहते हैं" ।*_

*जैन धर्मानुसार पाप 18 प्रकार से बांधा जाता है और 82 प्रकार से भोगा जाता है ।*

भगवती सूत्र प्रथम शतक कें नवें उद्देश्य में भगवान ने फरमाया है कि

 _*"इन 18 पाप स्थानो का सेवन करने से जीव भारी होता है और नीच गति में जाता है । इनका त्याग करने से जीव हल्का होता है और उर्ध्व गति प्राप्त करता है , 82 प्रकार से पाप के अशुभ फल भोग जाते हैं, इन पापों को जानकर पाप के कारणों को छोड़ने से जीव इस भव और परभव में निराबाध परम सुख प्राप्त करता है।"*_

*जैन धर्म में पाप का वर्णन क्यों किया गया ❓*

_*इसलिए क्योंकि जीव इन पापों की पहचान कर उसका त्याग कर मुक्ति जाने का प्रयास करें ।*_

जैन धर्म में 18 पाप के प्रकार निम्नलिखित हैं ।

*1.प्रणातिपात -* किसी भी जीव की हिंसा करना ,उसका वध कर देना, उसे जान से मार देना यह सबसे बड़ा पाप है ।

*2. मृषावाद -* असत्य वचन बोलना , झूठ बोलना यह सबसे बड़ा पाप है ।

*3. अदत्तादान -* किसी से पूछे बिना उसकी वस्तु लेना, चोरी करना यह पाप है ।

*4. मैथुन -* कुशील का सेवन करना पाप है।

*5. परिग्रह -* किसी वस्तु को संचित करना, द्रव्य आदि रखना, ममता रखना पाप है  । 

*6.क्रोध -* खुद तपना ,दूसरों पर क्रोध करना पाप है क्रोध सभी प्रकार की हानियों की जड़ है और यह पाप का मूल है।

*7. मान -* अंहकार (घमंड करना) पाप है ।

*8. माया -* ठगाई करना, कपट पूर्वक आचरण करना ।

*9. लोभ -* तृष्णा बढ़ना,अत्यधिक पाने की लालसा करना ।

*10.राग -* मनोज्ञ वस्तु पर स्नेह रखना, प्रीति करना । 

*11.द्वेष -* अमनोज्ञ वस्तु पर द्वेष करना ।

*12. कलह -* क्लेश करना ।

*13. अभ्याख्यान -* किसी पर झूठा कलंक लगाना ।

*14. पैशुन्य -* दूसरों की चुगली करना ।

*15. परपरिवाद -* दूसरों का अवर्णवाद (निन्दा) बोलना ।

*16.रति अरति -* पांच इंद्रियों के 23 विषयों में से मनोज्ञ वस्तु पर प्रसन्न होना, अमनोज्ञ वस्तु पर नाराज होना ।

*17.मायामृषावाद -* कपट सहित झूठ बोलना ।

*18.मिथ्यादर्शन -* असाधु को साधु समझना, कुदेव, कुगुरु कुधर्म पर श्रद्धा रखना ।

_*इस प्रकार उपरोक्त वर्णित 18 पापों का त्याग कर देने से ही जीव की मुक्ति प्राप्त होती है । इसलिए प्रत्येक  व्यक्ति को उपरोक्त 18 पापों का त्याग करना  चाहिए ।*_ 

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Saturday, 19 October 2024

करवाचौथ 2024: करवाचौथ पर 16 नहीं...लेकिन हर सुहागन को जरूर करने चाहिए ये 6 श्रृंगार

करवाचौथ 2024: करवाचौथ पर 16 नहीं...लेकिन हर सुहागन को जरूर करने चाहिए ये 6 श्रृंगार

करवाचौथ के श्रृंगार कौन-से है: करवाचौथ पर हर सुहागन को 6 तरह के श्रृंगार जरूर करने चाहिए। इन श्रृंगार को शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि करवाचौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं को श्रृंगार भी करना चाहिए, जिससे कि उनके भाग्य में वृद्धि और वैवाहिक जीवन खुशहाल हो सके...

आइए...जानते हैं करवाचौथ के जरूरी 6 श्रृंगार कौन से हैं...

करवाचौथ पर 16 श्रृंगार का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि करवाचौथ पर 16 श्रृंगार करने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। ऋग्वेद के अनुसार, सोलह श्रृंगार से न सिर्फ महिलाओं का सौंदर्य बढ़ता है बल्कि उनके भाग्य में भी वृद्धि होती है। हालांकि, बदलते समय के अनुसार 16 श्रृंगार कर पाना हर स्त्री के लिए सरल नहीं है। वहीं, करवाचौथ की बात करें, तो मान्यता अनुसार 6 श्रृंगार को बहुत जरूरी माना गया है...

करवाचौथ पर हर सुहागिन को इन 6 श्रृंगारों को धारण करना चाहिए

आइए, जानते हैं कौन-से हैं ये 6 श्रृंगार।

1. करवाचौथ पर मेहंदी जरूर लगाएं

करवाचौथ पर मेहंदी लगाने को शुभ माना जाता है। मान्यता है कि करवाचौथ पर मेहंदी लगाने से पति-पत्नी के बीच का प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है। करवाचौथ पर लगी मेंहदी के रंग को पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

2. करवाचौथ पर सिंदूर जरूर लगाएं

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर सुहागन स्त्री को सिंदूर लगाना चाहिए लेकिन अगर कोई सुहागन किसी कारणवश हमेशा सिंदूर नहीं लगाती है, तो करवाचौथ के दिन तो हर सुहागन स्त्री को सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। इससे पति की आयु लंबी होती है।

3. करवाचौथ पर मंगलसूत्र जरूर पहनें

पति-पत्नी के रिश्ते को जोड़ने वाला सूत्र मंगलसूत्र होता है। विवाह की रस्म मंगलसूत्र के बिना पूरी नहीं हो सकती। इसी तरह करवाचौथ पर भी सुहागन को मंगलसूत्र जरूर पहनना चाहिए। करवाचौथ पर मंगलसूत्र पहनने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। साथ ही वैवाहिक जीवन को बुरी नजर भी नहीं लगती।

4. करवाचौथ पर जरूर पहनें चूड़ियां

करवाचौथ पर चूड़ियां पहनने से वैवाहिक जीवन धन-धान्य से संपन्न बनता है। चूड़ियां भी सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए करवाचौथ के दिन कलाइयां खाली न रखें बल्कि चूड़ियां जरूर पहनें। करवाचौथ पर लाल, हरी, पीली, मेहरुन, सुनहरी, केसरिया, गुलाबी रंगों की चूड़ियां शुभ मानी जाती हैं।

5. करवाचौथ पर बिंदी जरूर लगाएं

पौराणिक मान्यता है कि माथे पर बिंदी धारण करने वाली स्त्री का भाग्य सूर्य के समान चमक उठता है। बिंदी लगाने से नवग्रह भी शांत रहते हैं इसलिए जीवन में मंगल और सुख-शांति का वास चाहने वाली स्त्री को करवाचौथ पर बिंदी जरूर लगानी चाहिए।

6. करवाचौथ पर बिछिया जरूर धारण करें

बिछिया भी सुहाग का प्रतीक मानी जाती है इसलिए करवाचौथ पर सुहागिन को बिछिया जरूर धारण करनी चाहिए। बिछिया को भाग्यवर्धक श्रृंगार माना जाता है, जिसे केवल विवाह के बाद ही धारण किया जाता है। करवाचौथ पर व्रती महिला को बिछिया भी जरूर धारण करनी चाहिए...

स्वधर्म संदेश 1055

स्वधर्म संदेश 1055 

एक मुस्लिम स्कॉलर की बातों को मैं सुन रहा था। उसकी बातें मुझे बहुत ज्यादा प्रभावित किया। वह बोल रहा था कि अगर इस्लाम के माध्यम से मुसलमान कट्टरवादी, आतंकी है। हिंदुओं की मां बहनों की अस्मत लूटते हैं। धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को उकसाते हैं। लव जिहाद जैसे गलत गतिविधियों को प्राथमिकता देते हैं। जबरन धर्म परिवर्तन में भी लगे हुए हैं। उसके लिए तो उसका धर्म इस्लाम दोषी हो सकता है। क्योंकि वह अपने धर्म को धारण किया है। माना है। स्वीकार किया है। इसीलिए वह कट्टर हो गया है। भले उसका धर्म अधार्मिक ही क्यों न हो? वह अपने धर्म के प्रति वफादार हैं पर आप? वह बोल रहा था कि भारत के सनातनियों तुमने अपने धर्म ग्रंथो से क्या सीखा है? क्या तुम्हारे धर्म ग्रंथ सिर्फ लाल कपड़े में ढक कर रखने के लिए तुम्हें उपलब्ध कराया गया है। क्या तुमने अपने धर्म ग्रंथो से अपनी रक्षा के लिए कुछ नहीं सीखता! लानत है, भारत के हिंदुओं पर जो हर पल मुसलमान से डरता है। जबकि हिंदुओं की आबादी 95 करोड़ है, और मुसलमानो की संख्या मात्र 25 करोड़। इसीलिए हिंदूओ को धार्मिक नहीं कहा जा सकता। तुम अपने धर्म के प्रति वफादार नहीं हो। तुम्हारे धर्म ने तो दुनिया को मार्गदर्शन किया है। गीता और रामायण को पढ़ लो तो जीवन जीने की कला सीख सकते हैं। अपने जीवन की रक्षा के विषय में तुम्हारे धर्म में हर कुछ बताया है पर तुम अधर्मी हो। सॉन्ग रचते हो। पाखंडी हो।
उस स्कॉलर की बातों ने मेरी सोच को बहुत ज्यादा प्रभावित किया। 
कारण चाहे जो भी हो। भारत का हिंदू समाज अपने धर्म की सच्चाइयों को पूरी तरह से धारण नहीं कर सका है, न तो हम अपने धर्म की ज्ञान को प्राप्त करने की स्थिति में रह गए हैं और न ही धर्म के आधार पर अपने कर्तव्यों को निर्वहन के प्रति उत्तरदाई है। निश्चित तौर पर हिंदू समाज में कुछ इस तरह की गतिविधियों को देश की राजनीतिक व्यवस्था द्वारा प्रभावी किया और कराया गया है, ताकि हिंदू समाज अपने पेट और परिवार की सीमाओं तक ही सोच सके। मुसलमान में भी जातियां हैं, पर मुसलमान में जाति के आधार पर भेदभाव और अंतर इसीलिए नहीं है क्योंकि वहां आरक्षण में जातीय दृष्टिकोण को बढ़ावा नहीं दिया गया। जबकि हिंदू समाज में रिजर्वेशन आरक्षण को जातीय दृष्टिकोण से प्रभावित कर राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्ति करने का अस्त्र बनाया गया। निश्चित तौर पर आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत के अंदर भारत विरोधी गतिविधियों को ताकत दिया गया। धर्म परिवर्तन की व्यवस्था आजादी के बाद 1950 मे संविधान की धारा 25 में बदलाव कर किया गया। धर्म परिवर्तन मुसलमान और ईसाइयों के लिए नहीं होता है।यह काम सिर्फ हिंदुओं के लिए ही किया गया। इसलिए सरकार का आजादी के बाद का यह पहला निर्णय भारत के विरोध में किया गया निर्णय के रूप में आप देख सकते हैं।1951मे मंदिरों पर टैक्स लादे गये जबकि मस्जिद और गिरजाघर को टैक्स से वंचित किया गया। मंदिरों से चलने वाले सामाजिक गतिविधियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। जिसकी वजह से मंदिर सामाजिक निर्माण का केंद्र के रूप में स्थापित था। जहां से 730 लाख गुरुकुल चलते थे। भारत का मंदिर देश के निर्माण का सबसे श्रेष्ठतम केंद्र था। उसके निर्माणक गतिविधियों को पूरी तरह से ध्वस्त करने का प्रयास आजाद भारत के कांग्रेस सरकार द्वारा ही किया गया। मंदिरों में औषधालय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति बहुत उन्नत थी। वेधशाला था। अनुसंधान केंद्र थे। जहां से भारतीय धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लोगों को जागृत किया जाता था। जिसकी वजह से भारतीय समाज व्यवस्था का विश्व में व्यापक प्रभाव था। आजाद भारत की सरकार की नीतियों ने मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को बढ़ावा देकर मुसलमान को संगठित अस्तित्व में बनाकर उसे अपना राजनीतिक उपयोग का अस्त्र बनाया गया और हिंदुओं को विखंडित करके उसकी शक्ति को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। जिसका परिणाम है कि भारत के अंदर आज हिंदू मुसलमान की शक्ति का विभाजन स्पष्ट दिखाई देता है। जो मुस्लिम स्कॉलर की बातें हैं।उस विचार को ताकत भारत के इस्लामिक मानसिकता रखने वाले हिंदू नेताओं की वजह से हैं पर देश की जनता आज इस अवस्था में नहीं है कि वह सच्चाई को समझे और कांग्रेस को पूरी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले नेताओं को सड़कों पर चलने से रोक सके। देश के अंदर सरकार इसीलिए परेशान है, क्योंकि जनता का जिस तरह से सरकार को समर्थन मिलना चाहिए। वह इसीलिए उसे प्राप्त नहीं हो पा रहा है, क्योंकि भारत की जनता को लोभी स्वार्थी और अवसरवादी बनाकर, उसे अपने पेट और परिवार तक सीमित कर दिया गया है। यह सारी घटनाएं आजादी के बाद की 53 वर्षों में कांग्रेस के शासन के काल में ही स्थापित किया गया। इसीलिए भारत को कभी भी बाहर के आकताओं ने हानि नहीं पहुंचाया बल्कि भारत को हमेशा भारत के गद्दार मिर्जापुर जयचंदो ने ही धोखा किया है। आज भी भारत के अंदर जो भी समस्याएं हैं। वह सारी समस्याएं कांग्रेस के काल में योजनागत ढंग से स्थापित कराया गया है। अज्ञानी सोच की वजह से स्वार्थी मनोदशा भारत में प्रभावित हो गया है। जिसकी वजह से इस देश का पराभव स्पष्ट दिखाई देता है। इस्लामिक कट्टरवादी शक्तियों के संगठित गतिविधियों और हिंदुओं के विघटित समझ में बदलाव नहीं होने की स्थिति में ऐसा प्रतीत होता है कि भारत के अंदर हिंदुओं का भविष्य सिर्फ ईश्वरीय ताकत के बल पर ही सुरक्षित हो सकती है।

डॉ राजू कुमार विद्यार्थी 
सामाजिक राजनीतिक विचारक
संस्थापक स्वधर्म शोध संस्थान फरीदाबाद हरियाणा
7217731138

आर एस ओ का रामपुर में हुआ जोरदार स्वागत*एन आई एस खेल प्रशिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष फरहत अली खान ने आर एस ओ श्री एन पी यादव के पहली बार रामपुर में पहुंचने पर फूलों का गुलदस्ता और कैप लगाकर जोरदार स्वागत किया। आर एस ओ श्री यादव ने खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षक को विश्वास दिलाया कि उनके मुरादाबाद रीजन में किसी भी खिलाड़ी या प्रशिक्षक को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी ।

*आर एस ओ का रामपुर में हुआ जोरदार स्वागत*
एन आई एस खेल प्रशिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष फरहत अली खान ने आर एस ओ श्री एन पी यादव के पहली बार रामपुर में पहुंचने पर फूलों का गुलदस्ता और कैप लगाकर जोरदार स्वागत किया।
 आर एस ओ श्री यादव ने खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षक को विश्वास दिलाया कि उनके मुरादाबाद रीजन में किसी भी खिलाड़ी या प्रशिक्षक को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी ।

उन्होंने कहा की रामपुर में जल्द ही नवाब जुल्फिकार अली खान एस्ट्रोटर्फ पर नई टर्फ लग जाएगी।
 उन्होंने रामपुर में चल रहे प्रशिक्षण शिवरों की प्रशंसा करते करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब मुरादाबाद रीजन से सारे ही खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे ।
उन्होंने सभी प्रशिक्षक को खिलाड़ियों को किस प्रकार प्रशिक्षण दिया जाए उसके गुन भी बताएं ।
 उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा की जब खिलाड़ियों को सुविधा और संसाधन दिए जाते हैं तब खिलाड़ी भी अपना पूरा परिश्रम करते हैं ।
मुरादाबाद रीजन रामपुर एक हॉकी के नाम से जाने जाना वाला चमकता हुआ नगर है ।
इस अवसर पर जिला कीड़ा अधिकारी संतोष कुमार खेलो इंडिया के प्रशिक्षक फहीम अहमद सैयद शादाब मियां खेमपाल बाबू अमरेश कुमार एवं अन्य खिलाड़ी उपस्थित रहे

Thursday, 17 October 2024

नई दिल्ली: इसलिए खानें में मिलाती थी पेशाब. वायरल मेड विडियो में सनसनीखेज खुलासे सीसीटीवी कैमरे ने किया था पर्दाफाश,**17 अक्टूबर गुरुवार 2024-25*

*नई दिल्ली: इसलिए खानें में मिलाती थी पेशाब. वायरल मेड विडियो में सनसनीखेज खुलासे सीसीटीवी कैमरे ने किया था पर्दाफाश,*
*17 अक्टूबर गुरुवार 2024-25*

*नई दिल्ली:* गाजियाबाद. एक चौंकाने वाली घटना ने इस पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, जिसमें एक घरेलू सहायिका की बेहद गंदी हरकत का पर्दाफाश हुआ है। इस घटना ने न केवल परिवार को आघात पहुंचाया है, बल्कि समाज में घरेलू सहायिकाओं पर विश्वास को भी गहरा झटका दिया है। घटना का खुलासा तब हुआ जब परिवार के सदस्यों की सेहत लगातार बिगड़ने लगी और उन्हें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगीं, जिनमें खासकर त्वचा संबंधी रोग शामिल थे।

*पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल करती थी महिला:*

यह मामला गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके की एक सोसायटी का है, जहां एक रियल एस्टेट कारोबारी अपने परिवार के साथ रहता है। इस परिवार ने पिछले आठ साल से एक घरेलू सहायिका (रीना)को काम पर रखा हुआ था। हाल के महीनों में परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी और डॉक्टर से परामर्श करने के बावजूद कोई खास सुधार नहीं हो रहा था तो इससे परिवार को शक हुआ कि कहीं खाने में कुछ गलत तो नहीं हो रहा है। शक को दूर करने के लिए कारोबारी ने रसोई में गुप्त रूप से सीसीटीवी कैमरा लगवाया, और जल्द ही कैमरे की फुटेज देखकर यह दिल दहला देने वाली सच्चाई सामने आई कि उनकी सहायिका रीना, खाना बनाते समय पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल कर रही थी।

*सीसीटीवी कैमरे से खुली पोल:*

कैमरे में सहायिका को एक बर्तन में मूत्र करते हुए और फिर उसी का इस्तेमाल करके रोटियां बनाते हुए देखा गया। परिवार के सदस्य इस घटना से इतने स्तब्ध थे कि उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सहायिका को गिरफ्तार कर लिया और जब उससे पूछताछ की गई, तो शुरुआत में उसने अपने अपराध से इनकार किया। लेकिन जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, तो वह चुप हो गई और फिर सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

*चार महीने से कर रही थी यह घिनौना काम:*

रीना ने बताया कि वह पिछले चार महीनों से ऐसा कर रही थी। उसने कहा कि उसके मालिक उसे अक्सर छोटी-छोटी बातों पर डांटते थे और उसके काम में लगातार कमियां निकालते थे, जिससे वह खुद को अपमानित महसूस करती थी। इस अपमान का बदला लेने के लिए उसने यह घिनौनी हरकत शुरू की। उसे लगता था कि वह इस तरह मालिक और उनके परिवार को नुकसान पहुंचा रही है और इससे उसका बदला पूरा हो रहा है।

*परिवार के सदस्यों को फुल बॉडी चेकअप कराना जरूरी:*

घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और मेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी। इस घटना के बाद यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या सहायिका के मूत्र का सेवन करने से परिवार के स्वास्थ्य पर कोई गंभीर प्रभाव पड़ा है। एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा का कहना है कि सामान्य परिस्थितियों में मूत्र से लीवर या शरीर के किसी अंग पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन अगर महिला किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो, तो उसका मूत्र हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इस मामले में परिवार की पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है।

*मनोचिकित्सक डॉ. संजीव त्यागी ने इसको गुस्सा निकालने का तरीका बताया:*

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस घटना पर चर्चा की जा रही है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. संजीव त्यागी का कहना है कि लोग जब बार-बार डांट और अपमान का सामना करते हैं, तो कभी-कभी वे आक्रोश में आकर बदला लेने की कोशिश करते हैं। हर व्यक्ति का गुस्सा निकालने का तरीका अलग होता है, और यह घटना भी उसी का परिणाम हो सकती है।

*लोनी में जूस में मूत्र मिलाता था एक दुकानदार:*

गाजियाबाद की यह घटना अकेली नहीं है, इससे पहले लोनी में भी एक दुकानदार द्वारा फलों के जूस में मूत्र मिलाने का मामला सामने आया था, जहां खुशी जूस कार्नर पर दुकानदार आमिर ने ऐसा किया था। उस समय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था और राज्य सरकार ने ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान किया था। इसी तरह की कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जिनमें खाने में थूकने या अन्य गंदगी मिलाने की घटनाएं शामिल हैं। इस तरह की घटनाओं से यह सवाल उठता है कि क्या समाज में आपसी व्यवहार और कामकाजी माहौल को बेहतर बनाने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि ऐसी घिनौनी हरकतों को रोका जा सके|

🔷🔶 सोर्स 🔜 सूत्रो से,

Wednesday, 16 October 2024

अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता नैनीताल में यूपी पुलिस से क्वाटर फाइनल में दो एक से रामपुर हारा*

*अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता नैनीताल में यूपी पुलिस से क्वाटर फाइनल में दो एक से रामपुर हारा*  

अखिल भारतीय फाइव ए साइड ऑल इंडिया महिला हॉकी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में आज आईडेंटिटी एकेडमिक स्कूल रामपुर की टीम अनुभवी खिलाड़ियों के सामने बेहतरीन प्रदर्शन कर दो एक से हार गई।
रामपुर की युवा खिलाड़ी उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम से बराबर संघर्ष करते रहें ,लेकिन यूपी पुलिस की टीम ने अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए रामपुर को 2/1 से पराजित किया । आइडेंटिटी एकेडमिक स्कूल के संस्थापक मोहम्मद विकार खान महिलाओं में राष्ट्रीय खेल हॉकी के प्रति जागरूकता पैदा करने का प्रयत्न और प्रयास कर रहे हैं ऑल इंडिया फाइव ए साइड महिला हॉकी प्रतियोगिता रामपुर की बालिकाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

Tuesday, 15 October 2024

एक ऐसा स्कैम जो अंदाजन 12 साल चला 🙂

एक ऐसा स्कैम जो अंदाजन 12 साल चला 🙂 

स्कैम भी ऐसा कि जिसे आज पास की जनता सपोर्ट करती है 🙂 

टोल प्लाजा स्कैम

गुजरात के मोरबी के पास के एक गांव है जिसका नाम है वघासिया , वघासिआ गांव के पास में से एक हाईवे गुजरता है एनएच8 , ये भारत के गोल्डन क्वाड्रिलेटरल का एक हिस्सा है

इसी जगह पर एक टोल प्लाजा बना हुआ है और उस टोल प्लाजा के ठीक बगल में एक टाइल्स फैक्ट्री है , कुछ इस तरह , जो टोल प्लाजा के एक दम नजदीक बनाई हुई है

इस टोल प्लाजा से अंदाजन 7,000 गाड़ियां गुजरती थी

संयोग से इसके पास बनी टाइल्स फैक्ट्री काफी बड़ी थी और लंबाई में टोल प्लाजा के दोनों तरफ गुजरती थी !

गांव वालों ने इस टोल प्लाजा के दोनों तरफ लगभग आधा किलोमीटर दूर पर कुछ मजबूत गांव वाले तैयार करे और उन्हें " गांव विकास फंड " के लिए गाड़ी रोकने का काम दिया गया , गांव के विकास फंड की कीमत 10/20 रुपए करीब रखी जो काफी कम थी और उसके साथ ही उन्हें टोल प्लाजा का टैक्स बचाने को " टाइल्स फैक्ट्री के अंदर से जाने का रास्ता बता दिया " 😄😄

इस तरह से उन्होंने 12 साल में लगभग 75 करोड़ रुपए का घपला कर दिया ,

जब तक पुलिस एक्शन में आती तब तक गांव के अंदर उन्होंने विकास के काम लगा दिए जैसे मंदिर , क्रिकेट ग्राउंड , गरीबों के बच्चों की शादी इत्यादि ! इसलिए गांव वाले भी उन्हें ही सपोर्ट कर रहे हैं

ये फर्जी टोल प्लाजा का स्कैम हटने के बाद टोल प्लाजा का रेवेन्यू 15 लाख से 20 लाख प्रतिदिन हो गया और गाड़ियों की संख्या में लगभग 15,00 गाड़ियों की बढ़ोत्तरी हुई

भारत में एक से एक स्कैम करने वालों की कमी नहीं है लेकिन स्कैम कर के किसी गांव का फुल सपोर्ट मिलना भी किसी अजूबे से कम नहीं 😄
बुंदेलखंड, चित्रकूट ज़िले के मऊ तहसील में रहने वाले किसान इंद्र कुमार मौर्य ने  ITI की पढ़ाई की उसके बाद उन्होंने TATA MOTORS में 8 महीने नौकरी की, नौकरी में मन नहीं लगा तो वो घर वापिस आ गये और अपने पिता के साथ मिलकर नयी तकनीक से खेती कर रहें हैं। 

इंद्र कुमार के पास 6 बीघा ज़मीन है जिसमे 3.5 बीघा में करेले की खेती करते हैं और बाक़ी के हिस्से में टमाटर और अन्य सब्ज़ियों की। इंद्र कुमार कहते हैं की पानी बुंदेलखंड के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है इससे निपटने के लिए उन्होंने ड्रिप इरीगेशन को अपनाया। लेकिन यहाँ एक और समस्या छुट्टा पशुओं की है, जिससे बचने के लिए वे काफी प्रयास कर रहे हैं। 
“पहले हमारी सालाना कमाई सिर्फ़ 2.5 लाख रुपये थी लेकिन जब से करेले की खेती शुरू की है उनकी कमाई बढ़ के 4 लाख रुपये हो गई है”- किसान इंद्र कुमार

शानदार क्वालिटी होने की वजह से इनके करेले की डिमांड अब दूसरे ज़िलों में भी हो रही है, स्थानीय किसान और व्यापारी इन्हें “करेला किंग” कहकर बुलाते हैं।    

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