धंधेबाज चरित्रहीन स्त्रीयों से ऊपर वाला सबको बचाये
घटना-
कानपुर के रहने वाले बजरंग भदौरिया की शादी दिल्ली की लक्षिता सिंह से सन 2020 में हुई।
पत्नी आगे पढ़ना चाहती थी और सरकारी नौकरी करना चाहती थी तो पति बजरंग ने अपनी पत्नी का भरपूर सहयोग दिया। बजरंग बाय प्रोफेशन इंजीनियर है और पत्नी के लिए कनाडा का जॉब छोड़ कर कानपुर में ही बस गया और पत्नी के लिए समर्पित हो गया।
पत्नी लक्षिता की दिल्ली में सरकारी टीचर के रूप में चयन हो गया और वो दिल्ली चली गई। दिल्ली जाने के बाद वो कानपुर आने ही नहीं लगी। उनके व्यवहार में काफी परिवर्तन आने लगा और कानपुर न आने के कई सारे बहाने बनाने लगी। और जब पति द्वारा उन्हें टोका गया तो पत्नी जी सीधे औकात में आ गई और कहने लगी कि तुम्हारी औकात नहीं है मेरे साथ रहने की।
और अगर तुम्हें मेरे साथ रहना ही है तो मुझे एक करोड़ रुपये दो फिर रहूंगी साथ में।
बजरंग कुछ दबाव बनाया तो पूरा परिवार मने पत्नी,सास-ससुर और साला आये पूरे टशन में कानपुर और बजरंग जी को बंद कमरे में बढ़िया से इंजीनियरिंग सीखा गए और नसीहत भी।
बोलते भी गए कि इतना ही साथ में रहने का चूल है तो दो न एक करोड़ रुपये और रख लो साथ में।
और देने का औकात नहीं है तो भूल जाओ सरकारी बीवी के साथ रहना.. और ज्यादा हुशियारी दिखाई न तो दहेज़ केस में ऐसा ठेलूंगी कि खानदान रोड पे आ जायेगा।
इधर बजरंग अपने आप को कोस रहा कि "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि जिससे शादी के लिए मैंने कनाडा की शानदार जॉब छोड़ दी, उसके लिए कानपुर आकर रहने लगा, उसकी सरकारी नौकरी लगवाने के लिए पूरा सपोर्ट किया, और जब उसकी सरकारी नौकरी लग गई तो उसने मेरे साथ रहने से इनकार कर दिया!"
जय नारी सशक्तिकरण!
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