Saturday, 16 August 2025

भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी के बारे में संपूर्ण जानकारी

भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी के बारे में संपूर्ण जानकारी

 जन्माष्टमी कब है इसे कैसे मनाया जाता है और किस प्रकार पूजा पाठ करने पर आपको इच्छित फल की प्राप्ति हो यह सभी इस वीडियो में बना बताया गया है

 फिर भी अलग से कुछ बातें लिख दी जा रही हैं आज पूरे भारत में शैव और वैष्णव दोनों लोगों की जन्माष्टमी है मथुरा-वृंदावन में इस्कॉन मंदिर और पूरे भारत में एक साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी 

जन्माष्टमी मनाया जाने का समय रात में 12:04 से 12:45 पर 43 मिनट तक पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त है आज चंद्रमा का उदय 11:,32पर है  आज की जन्माष्टमी में रोहिणी नक्षत्र और जन्माष्टमी का मेल नहीं होगा क्योंकि रोहिणी नक्षत्र चल 17 अगस्त को भोर  4:38 से है 

शुद्ध मन से आलस्यविहीन होकर पूजा पाठ कीजिए और अपनी मनोवांछित फल प्राप्त कीजिए अगर दान देना चाहते हैं तो सदाचारी और विद्वान व्यक्ति को ही दान दीजिए 

नहीं तो उसका कोई भी फल नहीं मिलेगा श्री कृष्ण भगवान की पूजा में दूध दही घी मक्खन मधु और शक्कर की आवश्यकता होती है इसके साथ तुलसी का पत्र पीला फूल धूप दीप रोली चंदन नारियल का फल बांसुरी और उनके साथ-साथ पिसी हुई धनिया नारियल को मिलाकर पंजीरी बना कर मंत्र जाप करें पूजा करके आरती करें और प्रसाद को अधिक से अधिक लोगों में बांट देते हैं अगर निराहार निर्जल व्रत है तो कल 17 तारीख को सूर्योदय के बाद पारण करें अगर फलाहारी और दूध के साथ व्रत किए हैं तो पूजा पाठ करके भोजन ग्रहण करें जय श्री कृष्ण डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर अगर कोई प्रश्न या शंका है तो 70 177 13978 पर फोन करें

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