महा नवरात्रि से संबंधित कुछ अति महत्वपूर्ण जानकारी -डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर 70 17713 978
कितने दिनों का है वर्ष 2025 का शारदीय नवरात्रि
इस बार आश्विन महीने में पड़ने वाला शारदीय नवरात्रि पूरे 10 दिनों का है यह नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ हुआ और 1 सितंबर 2025 को समाप्त होगा महा अष्टमी इस वर्ष 30 सितंबर को पढ़ रही है सबसे आवश्यक बात है चढ़ती उतरती का व्रत रखने वाले 30 सितंबर को अपना व्रत रखेंगे और पारण दशहरा के दिन अर्थात 2 अक्टूबर को करेंगे 9 दिन का व्रत रखने वाले लोग महानवमी का व्रत 1 अक्टूबर को करेंगे और 2 अक्टूबर के दिन वह भी व्रत का पारण करेंगे
8 9 या 10 दिनों की होती है नवरात्रि
चाहे शरद ऋतु की नवरात्रि हो या बसंत ऋतु के नवरात्रि हो यह नवरात्रि पंचांग और तिथि के आधार पर 8 9 या 10 दिन के हो सकते हैं इससे कम या अधिक नहीं हो सकते हैं उदाहरण के लिए 2016 में पूरे 10 दिन की नवरात्रि थी जबकि 2021 में केवल 8 दिनों की नवरात्रि थी इसके अलावा 9 दिन की नवरात्रि थी इस वर्ष भी 10 दिन की नवरात्रि है आज पांचवा दिन और देवी स्कंदमाता का दिन है और 1 अक्टूबर को देवी मां सिद्धिदात्री के दिन के साथी इस वर्ष का शरद ऋतु में पढ़ने वाला नवरात्रि समाप्त हो जाएगा इस बार चतुर्थी दो तिथि में पड़ रही है
कुछ कठिन प्रश्न और उनका समाधान
नवरात्रि हो या कोई भी व्रत त्यौहार हो उसमें लोगों को तमाम शंका भरम रहता ही है उसी में कुछ प्रश्न है जैसे यदि नवरात्र के पावन दिन पर अपने घर का कोई व्यक्ति स्वर्गवासी हो जाए तो क्या करें इसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों उत्तर यही है कि उसे उसी दिन से पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए मानसिक रूप से देवी मां को प्रणाम करके अगले वर्ष व्रत रखना चाहिए ज्ञात हो की नवरात्रि में करने वाले लोगों को सीधे मोक्ष मिलता है और इसीलिए जल्दी नवरात्रि में किसी की मृत्यु नहीं होती है
अगला प्रश्न है कि यदि कोई सं्गा संबंधी नाथ रिश्तेदार मित्र परिचित व्रत के दौरान स्वर्गवासी हो जाए तो क्या करें इसका उत्तर है कि आप उसके घर जाएं आवश्यक है तो उसको अग्नि दाह तक उपस्थित रहे फिर आकर गंगाजल मिले हुए पानी से यह स्वच्छ जल से स्नान करके देवी मां का ध्यान करते हुए अपना व्रत फिर से प्रारंभ करने इसमें कोई भी संदेह नहीं है धार्मिक वैज्ञानिक और व्यावहारिक पृष्ठ से यही उचित है
अगला प्रश्न है कि महिलाएं मासिक धर्म माहवारी अर्थात पीरियड व्रत के कालखंड में आ जाए तो क्या करें उत्तर है देवी मां को प्रणाम करें और उसी दिन से व्रत पूजा पाठ बंद कर दें मानसिक रूप से जितना समय बचा है आप पूजा पाठ करते हैं वरना इस समय उत्पन्न होने वाली भयानक श्याम ऊर्जा बहुत नुकसान पहुंचा सकती है मासिक धर्म के कालखंड में महिलाओं में प्रचंड तामसिक ऊर्जा पैदा होती है इसीलिए उन पर तमाम प्रतिबंध लगाए गए हैं
अगला प्रश्न है कि अगर नवरात्रि व्रत के कालखंड में अचानक लंबी यात्रा करना पड़ जाए तो क्या करें इसका सही सटीक वैज्ञानिक धार्मिक उत्तर है कि आप व्रत को लगातार करते रहें यदि पूजा पाठ करने का मौका नहीं मिलता है तो अपने जगह बैठे बैठे ध्यान करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या नौ देवियों को प्रणाम करते हुए उनका नाम ले और देवी शैलपुत्री ब्रह्मचारी चंद्रघंटा कूष्मांडा स्कंदमाता कात्यानी कालरात्रि महागौरी सिद्धिदात्री के साथ भगवान शिव माता पार्वती का ध्यान करते रहे इससे आपको पूरा फल मिलेगा
इसी प्रकार आपको स्नान करने साबुन लगाने दवा खाने में कोई भी लापरवाही नहीं करनी है नाखून और बाल भी आप बनवा सकते हैं ध्यान रखें कि अब शुभ और मांगलिक कार्य में आप डीजे आर्केस्ट्रा पर तमाम गलत गंदे अश्लील सनातन धर्म विरोधी कार्य कर रहे हैं और पश्चिमी ढंग के रिंग सेरेमनी सिंहासन पर बैठना जैसे काम कर रहे हैं तो इन सब कामों में कोई भी मनाही नहीं है आपका मन सुंदर और सात्विक होना चाहिए और ऐसा न करने पर गंदे रहने पर नाखून बाल न काटने पर आप पूरे भूत प्रेत पिशाच जैसे हो जाएंगे और वह पूजा स्वीकार नहीं होगी यह नियम जब बना था तब वातावरण और जल तथा हवा इतनी स्वच्छ थी कि इन सब चीजों की आवश्यकता ही नहीं पढ़ती थी प्रदूषण का नामोनिशान नहीं था आज यह संभव नहीं है ठीक वैसे जैसे मोबाइल के बिना आज जीवन संभव नहीं है और आपका मोबाइल शौचालय से लेकर नदी नाले हवाई जहाज विदेश जाकर भी पवित्र रहता है वही हाल यहां भी है
अगला प्रश्न क्या पूजा पाठ व्रत का फल भारतीय वेस्टन में ही मिलता है जी हां बिल्कुल यदि महिला भारतीय वस्त्र के अलावा कोई वस्त्र पहन कर कोई भी व्रत त्यौहार विवाह शादी मांगलिक कार्य करती है तो उसमें फल मिलना तो दूर अनर्थ हो जाता है जैसे की एक टेलीविजन का एक मोबाइल का पासवर्ड दूसरे में काम नहीं करता और एक ताले की चाबी से दूसरा डाला नहीं खुलता वही हाल यहां भी है अगर संस्कृत हिंदी की जगह आप अरबी फारसी अंग्रेजी में पूजा पाठ मंत्र पढ़ेंगे तो उसका कुछ भी लाभ नहीं होगा यह बिल्कुल अटल और ध्रुव सत्य है
इसके अतिरिक्त सादगी स्वच्छता और शुद्ध मन से जो भी पूजा पाठ करेंगे वह पूरी तरह सफल होगा सारे नियम साधु संत महात्मा आराधक साधक और जीवन भर व्रत रखने वालेपांडव पुरोहित और पूजा पाठ करने वालों पर लागू होते हैं सामान्य और गृहस्थ जनता पर नहीं इसके अतिरिक्त वृद्ध व्यक्ति छोटे बच्चे बीमार और रोगी व्यक्ति तथा आपातकाल में पड़े हुए व्यक्ति को सभी प्रकार के नियम से मुक्त किया गया है इस बात का बिल्कुल हमेशा ध्यान रखें 9 दिनों में अलग-अलग देवी मां को क्या पूजा पाठ क्या-क्या चढ़ाया जाता है यह भी सबसे करने का विषय नहीं है सभी को कलश रखने का विधान नहीं है क्योंकि कलश रखने का अर्थ बहुत कठिन व्रत है 9 दिन कलश रखने वाले स्थान पर जमीन पर सोना सात्विक रहना हर प्रकार के व्यसन और नशे से परहेज करना अखंड दीपक जलाना जैसी बातें आज 99% लोगों के वर्ष के बाहर की बात है इसलिए इन सब चीजों को करने के पहले गहराई से सोच ले
और अंत में अगर अपने सच्चे मन से नवरात्रि का व्रत रखा है तो आपका मन प्रसन्न रहेगा अपने आप ही शांति मिलेगी क्रोध अलसी अनावश्यक निद्रा नहीं आएगी सब कुछ चीज अच्छी दिखने लगेगी आपके अंदर ऊर्जा उत्साह उमंग बढ़ेगा मन आत्मा प्रसन्न और तृप्ति रहेगी सपने में या प्रत्यक्ष भी देवी मां का दर्शन होता है वह किसी भी रूप में हो सकता है इसलिए शुद्ध और सात्विक मन से नवरात्रि मनाते हुए प्रसन्न और आनंदित रहिए। यदि नवरात्रि व्रत के कालखंड में ऐसी चीज नहीं हो रही है आप उदास हैं चिंता और सच में पड़े हैं नाना प्रकार की परेशानी विपत्ति आ रहे हैं तो तत्काल समझ लीजिए की पूजा पाठ व्रत में कोई ना कोई कमी रह गई है उसे तुरंत सुधार लीजिए हमारे वेद पुराण धार्मिक ग्रंथो में लिखा हुआ है की जो निर्मल मन का शुद्ध सात्विक व्यक्ति है वही देवी मां के दर्शन पता है भगवान श्री राम ने भी कहा है **निर्मल मन जो सो मोहि पावा मोहिं कपट छल छिद्र न भावा**। जय माता दी
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