इस बात पर गहराई और निष्पक्षता से पूरे देश में विचार होना चाहिए कि अमेरिका यूरोप और अरब देशों के द्वारा प्रसारित किए गए गांधी का वास्तव में भारत की स्वतंत्रता सनातन धर्म और अखंड भारत के निर्माण में कोई हाथ है या विदेश पराजित धारा में बहकर हम भगवान रामकृष्ण की जगह गांधी को अनावश्यक वरीयता देते हुए सैकड़ो पाकिस्तान बनने पर और अखंड भारत का बचा थोड़ा भाग मिटाने पर और सनातन धर्म को विनाश करने पर वास्तव में आंख मुड़ कर तुले हुए हैं
जबकि गांधी का सिद्धांत कोई पूरी दुनिया में नहीं मानता और ना उनके जैसा अपने एक भी बच्चे बच्चियों को बनाना चाहता है रूज वेल्ट ने तो गांधीवाद का मजाक उड़ाते हुए कहा था की हमेशा शस्त्र की पूजा होती है कायरों की अहिंसा की नहीं और मूर्खतापूर्ण कामों के करने का कोई औचित्य नहीं है
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