Monday, 22 September 2025

ग्रहणकाल में क्या करें, क्या न करें ? सम्पूर्ण जानकारी👇🏼*

*🌑खग्रास चन्द्रग्रहण- 7 सितंबर 2025 (भारत में दिखेगा, नियम पालनीय है ।)* 

 *💁🏻ग्रहण समय-* रात्रि 9 बजकर 57 मिनट से देर रात 1 बजकर 27 मिनट तक ।

 *💁🏻सुतक प्रारम्भ-* 7 सितंबर, रविवार दोपहर 12:57 से

 *💁🏻सूतक प्रारम्भ (बालक, वृद्ध, रोगी एवं गर्भवती महिलाओं के लिए) -* 7 सितम्बर शाम 5-27 से ग्रहण प्रारम्भ होने तक

 *🔹ग्रहण भारत में दिखेगा इसलिये ग्रहण के नियम पालनीय आवश्यक है ।* 

 *📜ग्रहणकाल में क्या करें, क्या न करें ? सम्पूर्ण जानकारी👇🏼* 

🔹चन्द्रग्रहण में 3 प्रहर (9 घंटे) और सूर्यग्रहण में 4 प्रहर (12 घंटे) पहले से सूतक माना जाता है । इस समय सशक्त व्यक्तियों को भोजन छोड़ देना चाहिए । इससे आयु, आरोग्य, बुद्धि की विलक्षणता बनी रहेगी । परंतु जो बालक, बूढ़े, बीमार व गर्भवती स्त्रियाँ हैं वे ग्रहण से 1.5 प्रहर (4.5 घंटे) पहले तक चुपचाप कुछ खा-पी लें तो चल सकता है । इसके बाद खाने से स्वास्थ्य की बड़ी हानि होती है । गर्भवती महिलाओं को तो ग्रहण के समय खास सावधान रहना चाहिए ।

🔹सूतक (ग्रहण-वेध) के पहले जिन पदार्थों में कुश, तिल या तुलसी-पत्ते डाल दिये जाते हैं वे सूतक व ग्रहण काल में दूषित नहीं होते । दूध या दूध से बने व्यंजनों में तिल या तुलसी न डालें । कुश आदि डला पानी सूतककाल में उपयोग में ला सकते हैं ।

 *📜ग्रहणकाल में भूलकर भी न करें ?👇🏼* 

🔹ग्रहण में अगर सावधानी रही तो थोड़े ही समय में बहुत पुण्यमय, सुखमय जीवन होगा । अगर असावधानी हुई तो थोड़ी ही असावधानी से बड़े दंडित हो जायेंगे, दुःखी हो जायेंगे ।

 *💁🏻ग्रहणकाल में –* 

(1) भोजन करनेवाला अधोगति को जाता है ।

(2) जो नींद करता है उसको रोग जरूर पकड़ेगा, उसकी रोगप्रतिकारकता का गला घुटेगा ।

(3) जो पेशाब करता है उसके घर में दरिद्रता आती है । जो शौच जाता है उसको कृमिरोग होता है तथा कीट की योनि में जाना पड़ता है ।

(4) जो संसार-व्यवहार (सम्भोग) करते हैं उनको सूअर की योनि में जाना पड़ता है ।

(5) तेल-मालिश करने या उबटन लगाने से कुष्ठरोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है ।

(6) ठगाई करनेवाला सर्पयोनि में जाता है । चोरी करनेवाले को दरिद्रता पकड़ लेती है ।

(7) जीव-जंतु या किसी प्राणी की हत्या करनेवाले को नारकीय योनियों में जाना पड़ता है ।

(8) पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि न तोड़ें । दंतधावन, अभी ब्रश समझ लो, न करें ।

(9) चिंता करते हैं तो बुद्धिनाश होता है ।

 *📜ये करने से सँवरेगा इहलोक–परलोक 👇🏼* 

(1) सूर्यग्रहण के समय रुद्राक्ष-माला धारण करने से पाप नष्ट हो जाते हैं परंतु फैक्ट्रियों में बननेवाले नकली रुद्राक्ष नहीं, असली रुद्राक्ष हों ।

(2) मंत्रदीक्षा में मिले मंत्र का ग्रहण के समय जप करने से उसकी सिद्धि हो जाती है ।

(3) *महर्षि वेदव्यासजी कहते हैं :* ‘‘चन्द्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है । यदि गंगा जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है ।’’

 *तो स्वास्थ्य-मंत्र जप लेना, ब्रह्मचर्य का मंत्र भी सिद्ध कर लेना ।* 

🔹ग्रहण के समय किया हुआ ऐसा-वैसा कोई भी गलत या पाप कर्म अनंत गुना हो जाता है और इस समय भगवद्-चिंतन, भगवद्-ध्यान, भगवद्-ज्ञान का लाभ ले तो वह व्यक्ति सहज में भगवद्-धाम, भगवद्-रस को पाता है ।

🔹ग्रहण के समय अगर भगवद्-विरह पैदा हो जाता है तो वह भगवान को पाने में बिल्कुल पक्का है, उसने भगवान को पा लिया समझ लो । ग्रहण के समय किया हुआ जप, मौन, ध्यान, प्रभु-सुमिरन अनेक गुना हो जाता है । *ग्रहण के बाद वस्त्रसहित स्नान करें ।* 

 *📜कल्पनातीत मेधाशक्ति बढ़ाने का प्रयोग- 👇🏼* 

🔹नारद पुराण के अनुसार सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण के समय उपवास करे और ब्राह्मी घृत को उँगली से स्पर्श करे एवं उसे देखते हुए *‘ॐ नमो नारायणाय ।’* मंत्र का 8000 बार (80 माला) जप करे । थोड़ा शांत बैठे । ग्रहण–समाप्ति पर स्नान के बाद घी का पान करे तो बुद्धि विलक्षण ढंग से चमकेगी, बुद्धिशक्ति बढ़ जायेगी, कल्पनातीत मेधाशक्ति, कवित्वशक्ति और वचनसिद्धि (वाक्–सिद्धि) प्राप्त हो जायेगी ।

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