Monday, 13 October 2025

15 नवंबर के बाद ही प्रारंभ हो रही थी लेकिन 25 सितंबर से मौसम बदला गुलाबी ठंड आई 1 अक्टूबर से ठंड पड़ने लगी और 10 अक्टूबर से पूरे उत्तर भारत में और जौनपुर में भी ठंड फैल चुकी है अभी भी समय है 6 महीने भीषण भयंकर जाड़ा के लिए हर प्रकार से तैयार हो जाइए

[10/13, 7:25 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: हिंदी में समाचार पत्र के उद्घोषक और मीडिया वाले एवं वक्ता और प्राध्यापक बिना अंग्रेजी बोले अपनी बात प्रभावशाली ढंग से नहीं कर पाते हैं ‌ और जब तक जबरदस्ती कुछ शब्द एक दो वाक्य अंग्रेजी में ना कह दे तब तक उन्हें सब कुछ अधूरा लगता है 

 वहीं अंग्रेजी या अन्य भाषा के लोग एक शब्द भी हिंदी बोलना पाप और अपमान समझते हैं इसी से समझ लीजिए कि कितने गिरे हुए हैं हिंदी भाषा हिंदी मीडिया और हिंदी से जुड़े हुए लोग ।

और यही वजह है कि हर साल हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता पड़ती है फिर भी हिंदी न राष्ट्रभाषा है ना राजभाषा है और ना संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई भाषा है और ना हो सकती है ।

इस देश में दूर के ढोल ही सुहावने होते हैं ठेले की कोई चीज माल में एक रुपए वाली ₹100 में आसानी से बिक जाएगी और वही माल से ₹100 की चीज ठेले वाला ₹50 में भी देगा तो कोई नहीं लेगा ।

यही मानसिकता पूरे देश की है अन्य देशी भाषाओं के लोग भी अंग्रेजी बोलना और अंग्रेजी में लिखना बहुत बड़ी उपलब्धि और शान समझते हैं।

 और विशेष कर वे लोग जो आधे अधूरे पढ़े लिखे होते हैं और क्या बोल रहे हैं उनको पता भी नहीं है एक शब्द उदाहरण के लिए बता रहा हूं अक्सर अपने लोगों को कहते सुना होगा सिल्क साड़ी और उसका हिंदी किसी को नहीं आता यह सिल्क साड़ी है क्या चीज।

 इसलिए इस देश का भगवान ही मालिक है और जब विदेशी चाहते हैं तभी इसको आसानी से गुलाम बना लेते हैं और यह इतना गिरा हुआ देश हो गया है कि जिस जाति ने इसे गुलाम बनाया औरशैतानों से भी बुरा अत्याचार किया ।

उसी अंग्रेजों की भाषा रहन-सहन वेश भूषा सभ्यता सूट बूट कोट टाई पहनकर गर्व दिखाकर काले अंग्रेज बन जाते हैं और जल्दी ही इसी कारण यह देश सैकड़ो पाकिस्तान में बदलने वाला है देसी कुतिया मराठी बोल आधा तीतर आधा बटेर की बात आपने सुना ही होगा।

अब आप सोच रहे हैं कि आखिर जब सभी लोग अंग्रेजी भाषा अंग्रेजी रहन-सहन अंग्रेजी सभ्यता चाहते हैं तो फिर क्यों हिंदी भाषा और अन्य भाषाएं बची हैं उसका कारण एक ही है कि लोग दिन रात पूरे जीवन भर अंग्रेजी सीखने के बाद भी ना पढ़ सकते हैं ना लिख सकते हैं ना बोल सकते हैं और रही बात वेशभूषा की तो इस देश में कोट पैंट सूट बूट ताई पहनकर कोई काम करना संभव ही नहीं है इसीलिए आज भी थोड़ी बहुत भाषा संस्कृति सभ्यता वेशभूषा बची हुई है वरना 100% भारत के लोग काले अंग्रेज मैकाले के मानस पुत्र और विदेशीकृत दास बन चुके होते डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि
[10/13, 7:36 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: ‌13‌ जब हमारे केंद्र के द्वारा जनवरी 2025 में कहा गया था कि इस बार जौनपुर सहित पूरे भारत में बहुत अधिक वर्षा होगी और यह वर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक जाएगी तब किसी को विश्वास नहीं था लेकिन पूरी तरह सच हुई इसी तरह जब जनवरी 2025 में और उसके बाद कई बार चेतावनी दी गई कि इस वर्ष जादा 45 दिन पहले 25 सितंबर से प्रारंभ हो जाएगा और 1 अक्टूबर से मौसम पूरी तरह बदल जाएगा और 10 अक्टूबर तक लोगों को मोटी चादर या कंबल ओढ़ना होगा तब लोग हंसी उड़ा रहे थे क्योंकि इधर 20 वर्ष में ठंड 15 नवंबर के बाद ही प्रारंभ हो रही थी लेकिन 25 सितंबर से मौसम बदला गुलाबी ठंड आई 1 अक्टूबर से ठंड पड़ने लगी और 10 अक्टूबर से पूरे उत्तर भारत में और जौनपुर में भी ठंड फैल चुकी है अभी भी समय है 6 महीने भीषण भयंकर जाड़ा के लिए हर प्रकार से तैयार हो जाइए 

यह बातें में कोई लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं बल्कि सबकी भलाई देश और समाज के लाभ के लिए कह रहा हूं और यह भी सच है कि इस बार बहुत भयंकर शीतलहर ठंड कोहरा पाला और तुषार पूरी दुनिया और तीन चौथाई भारत में पड़ेगी ‌ इसके साथ ही ठंड के मौसम में प्रचंड झंझा झकोर घन गर्जन वज्रपात वारिदमाला आंख को चकाचौंध कर देने वाली विद्युत ‌ आंधी तूफान बवंडर का मौसम जनवरी फरवरी मार्च में प्रस्तुत होगा और पूरी दुनिया में ठंड और शीतलहर के नए-नए कीर्तिमान बनेंगे सावधान रहें सुरक्षित रहें अभी से लकड़ी कोयला इत्यादि रख ले मिट्टी का तेल तो सरकार गायब ही कर चुकी है ज्यादा बहुत विकराल होगा आप सबको याद होगा कि दीपावली के दिन ठंड नहीं पसीना होता था लेकिन इस बार ठंड होगी डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि
[10/13, 9:42 PM] Dileep Singh Rajput Jounpur: इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस समय बेंजामिन नेतनयाहू निर्विवाद रूप से विश्व के सबसे महान और लोह इस्पाती नेता बन गए हैं 2 वर्ष अकेले 58 मुस्लिम देशों से लड़कर और विजेता बनकर अपनी विराट कूटनीति और युद्ध नीति से सभी बंधकों को आज मुक्त करा कर इजरायल के सुपर हीरो बनने के साथ-साथ उन्होंने ‌‌ वर्तमान समय के संसार के चार सबसे बड़े देशभक्त सुपरहीरोज को भी बहुत पीछे छोड़ दिया जिनमें से डोनाल्ड ट्रंप व्लादिमीर पुतिन ‌शी जिनपिंग किम जोंग ‌ को भी बहुत पीछे छोड़ दिया और पूरी पृथ्वी के सबसे बड़े देशभक्त और महानायक बन गए 

।मोदी और बाकी नेता तो स्पष्ट भूमि में कहीं आते ही नहीं है यदि सनातनी जनता ने उन्हें दुनिया का सुपर हीरो और भारत का निर्विवाद महानायक बनाने के लिए की जान लगाकर तीन बार प्रधानमंत्री बनाया लेकिन वह कैलाश मानसरोवर गुलाम कश्मीर सम्मान नागरिक संहिता जनसंख्या नियंत्रण 22 करोड़ विदेशी घुसपैठिए महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार लाल फीताशाही संवेदनहीनता वक्फ बोर्ड और मदरसा बोर्ड पर कुछ भी नहीं कर पाए जिसका बहुत भयानक नुकसान अखंड भारत और देश के सनातन धर्म को हुआ लेकिन यहां हम महान बेंजामिन नेतन्याहू को अनंत कोटि नमन करते हैं जो जौनपुर भर के देश इजराइल में रहकर एक चौथाई दुनिया में फैले मुस्लिम देशों को अकेले हराकर यह सिद्ध कर दिया कि शैतान और मलिक्ष लोगों का वध करना बहुत आसान होता है

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