जब मैं मोदी और भाजपा की आलोचना करने के कारण लज्जित हुआ - डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक
आज तो मैं उसे समय बहुत अधिक लज्जित हो गया जब पड़ोकी दादा अविरल मुझसे मिलकर बोले कि आप तो दिन-रात मोदी और भाजपा की बुराई करते हो और योगीबाबा हेमंत ,विश्वशर्मा, पुष्कर धामी ,शिवराज चौहान और प्रज्ञा सिंह साध्वी जैसे लोगों की प्रशंसा करते हो मैंने कहा बात तो सही है लेकिन हुआ क्या तो पड़ोकी दादा अविरल बोले चलो मेरे साथ तुम्हें दिखाता हूं और वह अपने अंतरिक्ष यान पर मुझे बैठकर कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक ले गए
यह देखकर मुझे घनघोर आश्चर्य हुआ कि सचमुच यह तो बड़ा भयंकर काम बीजेपी और मोदी जी ने कर दिया अफगानिस्तान पाकिस्तान तिब्बत कजाकिस्तान यारकंद खुटन खोटान नेपाल भूटान म्यांमार थाईलैंड श्रीलंका मालदीप भारत में मिल चुके हैं अंग्रेजी पूरी तरह भारत से मिट चुकी है और एक भी इसाई और क्रिश्चियन स्कूल भारत में नहीं बचे हैं उर्दू और अरबी का तो नामोनिशान मिट गया है
चारों ओर हिंदी का राज है और संस्कृत के वेद मंत्र पूरे देश में गूंज रहे हैं देश में एक भी मस्जिद और गिरजाघर नहीं बचे हैं क्रिश्चियन यहूदी और मुसलमान को छोड़कर सारे सनातनी धर्म एक हो गए हैं जिसमें आदिवासी गुफावाशी वनवासी अनुसूचित जनजाति पिछड़ी हिंदू सिख जैन बौद्ध नास्तिक सब एक हो चुके हैं चारों ओर तिरंगा की जगह भगवा केसरिया ध्वज लहरा रहा है और हर प्रत्येक चिन्ह पर गांधी को हटाकर भगवान श्री राम और माता सीता का चिन्ह स्थापित कर दिया गया है । देश के सभी गैर सनातनी लोगों के सनातनी हो जाने से मदरसा और वक्त बोर्ड अपने आप समाप्त हो गए हैं जनसंख्या नियंत्रण विधेयक और समान नागरिक संहिता लाने की आवश्यकता ही नहीं रही है काला धन तो कहीं रह ही नहीं गया था
भारत का सकल घरेलू उत्पाद अमेरिका से दो गुणा और चीन से तीन गुना अधिक हो गया है 50 लाख की विराट भारतीय सेवा हवा पानी आकाश में अजेय हो गई हैं कैलाश मानसरोवर फिर से भारत का हो गया है पूरे देश में महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार लाल फीता शाही संवेदनहीनता कहीं नहीं बची है हर घर सुखी है देश में सबसे गरीब घर में भी एक चार पहिया वाहन दो दो पहिया वाहन और कम से कम दो मंजिला मकान बहुत सुंदर ढंग से बन चुका है ।
पुलिस थाने में जाते ही पुलिस थाने वाले हाथ जोड़कर आरती दिखाकर अगवानी करते हैं और जलपान करने के बाद तुरंत ही रिपोर्ट दर्ज करते हैं सरकारी कर्मचारी अधिकारी तो पैसा देखकर इस तरह भागते हैं जैसे मंत्र शक्ति के आगे भूत भागता है पूरे देश में कहीं भी अपराध यौन अपराध हिंसा दंगा फसाद का नामोनिशान नहीं है आतंकी तत्व कब के समाप्त हो चुके हैं और सनातन धर्म बहुत तेजी से एशिया यूरोप ग्रीनलैंड अमेरिका अंटार्कटिका ऑस्ट्रेलिया में फैल रहा है ।
हिंदी संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य भाषा बन गई है और बाकी भाषाएं उसके नीचे चल रही है और चारों ओर सत्यमेव जयते लिखा गया है चीन रूस अमेरिका फ्रांस इंग्लैंड के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की अगवानी करने के लिए खड़े रहते हैं सोने का भाव गिरकर ₹5000 प्रति 10 ग्राम हो गया है चारों ओर ऋषि मुनि वेद मंत्रों का उद्घोष कर रहे हैं हरियाली और प्रदूषण की हालत इतनी अच्छी हो गई है कि कहीं पर धरती वीरान और बंजर नहीं दिखाई देती है वायु गुणवत्ता सूचकांक 05 पर पहुंच गया है और हवा ऑक्सीजन से इतनी अधिक भरी हुई है कि सांस लेने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है चारों ओर नदी समुद्र झील तालाब पोखर इतने स्वच्छ हैं कि कुएं और हैंडपंप की आवश्यकता ही नहीं रह गई है शहर हो या गांव कहीं गंदगी का टुकड़ा देखने से भी नहीं मिलता है।
सारे सांसद विधायक मंत्री प्रधानमंत्री राष्ट्रपति आलीशान भवन को छोड़कर चारों ओर पेड़ पौधे लगाकर एक कुटिया बनाकर प्राचीन काल के ऋषि मुनियों की तरह रहते हुए सारे देश का संचालन कर रहे हैं और ऐसी उन्नत टेक्नोलॉजी विकसित हो गई है कि भारत के लोग चांद तारों को पार कर आकाशगंगा हो आए हैं और कई नवीन उन्नत सभ्यताओं का पता चला है और यह भी पता चला है कि प्राचीन भारत के लोग पूरे सौरमंडल के अलावा एंड्रोमेडा और अन्य आकाशगंगाओं में बस कर हिंदू संस्कृति सभ्यता का उद्घोष कर रहे हैं चारों ओर घी दूध की नदियां बह रही हैं और कहीं पर पीड़ा दुख बीमारी का नामोनिशान नहीं है कल कल बहती हुई नदियां झरते हुए झरने स्वच्छ चांदनी हरियाली और मंत्र शक्ति से चलने वाले विमान और अंतरिक्ष यान देखकर मन प्रफुल्लित हो गया।चंद्रमा पर बसी हुई भारतीय सभ्यता और विकसित किए गए वन बाग खेत तो देखने योग्य थे ।
स्वयं पड़ोकी दादा अविरल का विमान प्रकाश की गति से 100000 गुना तेज चल सकता था यह सब देखकर मैं घनघोर आश्चर्य में पड़ गया और भाजपा और मोदी जी की आलोचना के लिए पड़ोकी दादा अविरल से क्षमा मांगने लगा तभी मैंने देखा कि वासुकी आकाशगंगा की भयानक सेना मृत्यु किरण और लेजर और क्वासर तथा विद्युत से चलने वाले वज्र और ब्रह्मास्त्र अग्नि अस्त्र वरुण अस्त्र चक्र और पाशुपत अस्त्र लेकर हमारी आकाशगंगा की ओर बढ़े और पल मात्र में उन्होंने दो लाख प्रकाश वर्ष में फैली हुई हमारी आकाशगंगा को उड़ाकर नष्ट कर दिया एक महा विस्फोट हुआ और अचानक ही सब कुछ शांत हो गया मैं घबरा कर उठा तब पता चला मैं तो बहुत गहरी नींद में सो रहा था और यह सब एक सपना था और तब मैं समझा कि आखिर यह सब महान चमत्कार कल्पना और बुद्धि के परे कैसे हो गया था।
No comments:
Post a Comment