Sunday, 30 November 2025

जब कोई भी व्यक्ति सरकारी विभागों संस्थानों में घूसखोरी भ्रष्टाचार लेनदेन की चर्चा करता है तब बहुत ही हंसी और बेहद क्रोध है दोनों एक साथ आता है

जब कोई भी व्यक्ति सरकारी विभागों संस्थानों में घूसखोरी भ्रष्टाचार लेनदेन की चर्चा करता है तब बहुत ही हंसी और बेहद क्रोध है दोनों एक साथ आता है 


भला भारत में ऐसा कौन सा विभाग संस्थान सरकारी है जहां बिना पैसों के काम होता है कुछ लोग पकड़े भी जाते हैं जिसमें चपरासी से लेकर कमिश्नर तक शामिल है। 


लेकिन वही लोग पकड़े जाते हैं जो ऊपर तक पैसा नहीं पहुंचते और चोरी से अकेले खाना चाहते हैं 99% सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिनके पास उनकी आमदनी का 2 गुना से लेकर 200000 गुना तक पैसा और संपत्ति विद्यमान है फिर यह नौटंकी किस लिए हो रही है आज भी 90% भारतीय पैसों और सोर्स सिफारिश पर ही हो रही है योग्यता पर नहीं यह सब खुला सच है जिस पर लिखने पढ़ने की आवश्यकता नहीं है ।

भारत में भ्रष्टाचार पूरी तरह शिष्टाचार बन गया है और 99% लोग किसी के आने पर उसको नहीं देखे बल्कि यह देखते हैं कि वह अपने साथ क्या लेकर आया है अब बता दो कि इसमें झूठ क्या है जितने नियम बने हैं सब हंसी मजाक के पात्र हैं चाहे वह महिला उत्पीड़न के विरुद्ध हो चाहे दहेज प्रथा चाहे हेलमेट का कानून हो पुलिस विभाग खुद ही सारे नियम कानून की ऐसी की तैसी करके केवल पैसा वसूली अभियान करता है‌

 यही हर नगर पालिका परिषद का है। जौनपुर में नगर पालिका परिषद के और कोतवाली जौनपुर के आगे पीछे दाएं बाएं चारों ओर हजारों अतिक्रमणकारियों खुलेआम सामान बेच रहे हैं जिसको अधिकारी से लेकर राजनेता मंत्री से लेकर भिखारी सब देख रहे हैं

 इसीलिए पूरे शहर में हर जगह अवैध ठेले खोमचे और घनघोर अतिक्रमण खुलेआम हो रहा है आधा सड़क घेर कर सामान बिक रहे हैं और रात में खुलेआम वसूली भी हो रही है इस तरह की नौटंकी बिल्कुल बेकार और बकवास है डॉ दिलीप कुमार सिंह

No comments:

Post a Comment