: ए, बी, एस, से, की छत्रछाया में फल फूल रहा है निजी स्कूलों का धंधा
अमित कुमार रवि की रिपोर्ट शोरकॉट से
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजनौर के नगर व गांव में जिन स्कूलों के पास कक्षा 5 तक की,, मान्यताएं हैं वह इंटर तक क्लास संचालित कर रहे हैं और उनके पास ना ही कोई इण्टर तक क्लास चलाने के लिए अनुभवी शिक्षक है और ना ही प्रयोगशालाएं हैं ऐसे स्कूल बुक सेलरों से अपने स्कूल में पढ़ाई जा रही पाठ्यक्रम की पुस्तकों पर मोटा कमीशन खाते हैं और अभिभावकों की जेब पर डाका डालने में बुक से लोगों के साथ बराबर रिश्तेदारी निभा रहे हैं और अगर इन स्कूलों के खिलाफ कोई अभिभावक शिकायत लेकर आता है तो उसकी कोई जांच नहीं हो पाती जिस कारण बच्चों के साथ और भी गंदा रवैया अख्तियार किया जाता है ऐसा मालूम होता है कि स्कूलों से मोटी रकम का बंडल ए,बी,एस,ऐ तक पहुंचता है शायद इसी कारण ए,बी,एस, ऐ महोदय अवैध तरीके से चल रहे स्कूलों की तरफ से आंख मूंदे बैठे हैं इस तरह के स्कूल बच्चों के स्वर्गिण विकास एवं शारीरिक विकास बुद्धि विकास का उत्पीड़न करने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं बच्चों का बुद्धि स्तर भी निम्न होता जा रहा है । कुछ स्कूलों में तो कई अपराधिक घटनाओं का भी मामला सामने आया है इस तरह के स्कूलों में जो शिक्षिकाएं पढ़ाने आती हैं उनका भी शोषण प्रबंधक तंत्र मनमाने ढंग से करता है कुछ स्कूल तो यूपी बोर्ड की मान्यता लेकर अपने स्कूल पर सीबीएसई बोर्ड का बोर्ड लगा कर भी अभिभावको का बेवकूफ बना रहे हैं और सिलेबस सीबीएसई बोर्ड का ही पढ़ा रहे हैं और जिन स्कूलों में जो वाहन लगे हुए हैं उनका ना ही तो परमिट ही होता है और ना ही चेचिस फिटनेस बीमा भी खत्म हो चुके होते है उनके जो वाहन चालक हैं वह भी मानक के अनुसार उनकी आयु नहीं मिलती इस तरह के स्कूलों पर शीघ्र अति शीघ्र होनी चाहिए कार्यवाही
[8/3, 5:25 PM] Amit Shorcot Trilok: रिपोर्ट अमित कुमार
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