Monday, 7 August 2023

एक_बार_फिर_इतिहास_दोहराया_गया #माफिया_अधिकारी_गठजोड़ का शिकार हुआ दीवानी जौनपुर का अधिवक्ता

#एक_बार_फिर_इतिहास_दोहराया_गया 
   #माफिया_अधिकारी_गठजोड़ का शिकार हुआ दीवानी जौनपुर का अधिवक्ता
    अबकी बार नाम आया चर्चित सिटी मजिस्ट्रेट श्री देवेन्द्र कुमार महोदय का जिनका खुद का वैवाहिक वाद चल रहा है और उनके खिलाफ़ वारंट भी चल रहा है
      अधिकारी - माफिया गठजोड़ की हालत यह  है कि अधिकारी महोदय, अधिवक्ता के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाना पर जमे रहे थानाध्यक्ष द्वारा इन्कार करने पर 151 सी आर पी सी मे अधिवक्ता महोदय का चालान कराने मे सफल रहे और जमानत की सुनवाई खुद किया और अधिवक्ता महोदय को 151 सी आर पी सी मे जेल भेज दिया।
  आखिर अधिवक्ता होना अपराध है, वह भी दीवानी का, कितना कमजोर बार हो गया अपना, जो  हनक थी वह कहां चली गयी
 सोचनीय है।
   जातियों व धर्मों मे बटे होने का कलंक धोते हुए सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन जौनपुर को ऐसा निर्णय लेना चाहिए जो ऐतिहासिक हो।  बात जब इज्जत व सुरक्षा की  हो तो इन अधिकारियों की कोई इज्जत हमे भी नहीं करना चाहिए। 
  सूत्रों,खबरो के मुताबिक सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन जौनपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रदीप त्रिपाठी के जूनियर श्री मो  साहिल एडवोकेट मोहल्ला मतापुर के निवासी हैं उनकी भूमिधरी मे उनकी बुआ का भी नाम रहा, उनकी बुआ से भू माफियाओं ने फर्जी तरीके से मुवाहिदानामा लिखा लिया  और जौनपुर के सिटी मजिस्ट्रेट माफियाओं से साठगांठ करने मे काफी चर्चित रहने वाले श्री देवेन्द्र कुमार कई बार जबरदस्ती कब्जा दिलाने के लिए मौके का दौरा किया और धमकियां भी दिया लेकिन सी सी कैमरे लगे होने व मोबाईल से वीडियो रेकार्डिग होने की वजह से मौके से बेरंग वापस आ गए।* 
       *फिर अधिकारी महोदय ने  अपना रंग दिखाना शुरू किया और अपराधियों को प्राश्रय देकर जबरदस्ती कब्जा कराने लगे और अधिवक्ता महोदय को पुलिस सहायता से पकडवा कर थाना लाइनबाजार के लाक अप मे बंद करा दिए और 307 का मुकदमा दर्ज कराने के लिए अड गए।थाना का सी सी फुटेज देखा जाय तो लगेगा कि अधिकारी महोदय जमीन पर कब्जा कराने के लिए इतना बेकरार थे कि जैसे इनकी ही बेनामी सम्पत्ति हो। पुलिस द्वारा 307 का मुकदमा दर्ज करने से इन्कार करने पर सिटी मजिस्ट्रेट महोदय, अधिवक्ता महोदय का चालान 151 सी आर पी सी मे कराने मे सफल रहे और जमानत की सुनवाई उन्होंने खुद किया और अधिवक्ता महोदय को जेल भेज दिया। 
    सुना है कि दीवानी के कई अधिवक्ताओं के साथ साथ सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन जौनपुर बडे पदाधिकारी भी कलेक्ट्रेट मे मौजूद रहे। 
 ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी जौनपुर से बगैर कलंक लिए निकल कैसे जाते हैं यह सोचनीय है चापलूसी छोडकार इस अधिकारी को उनके अंजाम तक पहुचाया जाना आवश्यक है।
     आप सभी अधिवक्ताओं से व दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों व नेताओं से निवेदन है कि जाति धर्म मे बटे होने का कलंक धोते हुए इस अधिकारी के खिलाफ़ ऐसा आंदोलन करे कि इतिहास बने
 ख्याल है न डी एम बलकार सिंह के खिलाफ़ आंदोलन 
 रगों मे अभी भी वही खून है
   तैयारी करे इस भ्रष्टाचारी के खिलाफ़ एतिहासिक आंदोलन की

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