Thursday, 7 September 2023

नियम -77- आटोमेटिक आदतें और शांति

आन्तरिक बल – 1920 

नियम -77- आटोमेटिक  आदतें    और शांति 

हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी दिमाग में  जहां ख़तम होती है, वहां पर एक केंद्र होता है ! जहां पर अच्छी वा बुरी आदते स्वचालित मोड़ में आती हैं  ! आप अच्छा सोचते हैं, तो  अच्छा करते  हैं, कुछ दिन तक करते हैं,  तो वह आदत बन जाती है ! उसी अनुसार कार्य करने लगते हैं  ! आप कुछ बुरा सोचते हैं और कुछ दिन करते हैं  तो  वही आदत बन जाती है !
हमारा  सांस अपने आप चलता  है  ! ये दिमाग का आटोमेटिक मोड वाला भाग अपने आप करता रहता है !
हमारी बुरी आदतें काम, क्रोध, लोभ, मोह अहंकार,  इर्ष्या , निराशा, दुःख, चिंता, तनाव, निंदा, शोषण, भय, आलस्य, धोखाधड़ी, काला बाजारी, अपमान, दबाने की भावना, कुचलने की भावना या विचार हमारे दिमाग में ऑटोमेटिक मोड में चले गए है ! इसलिये बिना चाहे हम बुरे विचारों से पीड़ित होते रहते हैं ! 
कोई भी विचार अगर हम 21 दिन तक दिन में एक बार करते रहें  तो यह हमारे दिमाग के  आटोमेटिक मोड में चला जाता है !
अगर हम स्वय को श्रेष्ट बनाना चाहते  हैं, विश्व को श्रेष्ट शान्तमय  बनाना चाहते हैं  तो सब से पहले हमें  अपने बुरे विचारों को बदलना होगा ! आप को जो विचार या आदत बुरी लगती हैं, उस के विपरीत अच्छा क्या है, वह एक बार दिन में जरुर  सोचें  ! सोचें  मैं कल से  चाय नही दूध सेवन करुगा,  बस यह हर रोज सोचते रहो ! कुछ ही दिनों में आप दूध पीने लग जाएगें  ! आप का विचार मन में करने मात्र से वह आटोमेटिक मोड को चालू करने में लग जाता है !
-जीवन को नई दिशा देने वाली  - आन्तरिक बल ( भाग -1 ),       ( भाग -2 ), ( भाग,-3 विश्व परिवर्तन) तथा नई पु स्तक आंतरिक बल (भाग-4  आकर्षणऔर  अवचेतन मन) एवम  पांचवी पुस्तक  'उड़ती कला के टिप'  लेने  के लिए  संपर्क करें ! आप अपना नाम, पूरा पोस्टल पता , पिन नम्बर और फोन नम्बर मेरे  व्हाटसअप नम्बर 9896348516 पर लिख कर भेजें ! लागत मूल्य पर  डाक  से पुस्तक /पुस्तकें  भेज  दूंगा !   आप को नया मार्ग  मिलेगा ! 

Milakh Raj  Sandha, Hisar, Haryana, India, 9896348516

No comments:

Post a Comment