Monday, 30 October 2023

पश्चिम बंगाल की राजनीति में सिंगुर Protest का बहुत बड़ा Role रहा है.... कहीं ना कहीं इस Movement के कारण ही ममता बनर्जी ताकतवर हो कर उभरी और तीन दशक से भी लम्बे वामपंथी शासन का अंत हुआ... खैर यह बात और है कि ममता वामपंथीयो से कई गुणा ज्यादा वामपंथी हैं.

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पश्चिम बंगाल की राजनीति में सिंगुर Protest का बहुत बड़ा Role रहा है.... कहीं ना कहीं इस Movement के कारण ही ममता बनर्जी ताकतवर हो कर उभरी और तीन दशक से भी लम्बे वामपंथी शासन का अंत हुआ... खैर यह बात और है कि ममता वामपंथीयो से कई गुणा ज्यादा वामपंथी हैं.

सिंगुर में Tata ने अपना Plant स्थापित कर लिया था, जिसमें Nano बनने वाली थी... कई सौ करोड़ का investment भी हो गया था... लेकिन तभी ममता बनर्जी ने इसके विरोध में उठ रही आवाजो के बीच सत्ता का रास्ता देख लिया... और कूद पड़ी इस जंग में.

कई महीनों चले इस हिंसक आंदोलन के कारण टाटा जैसे अतिप्रतिष्ठित व्यापारी समूह को रातो रात सिंगुर से अपना काम धाम छोड़ कर जाना पड़ा.... यह फैक्ट्री गुजरात चली गई.. और आज गुजरात में Automobiles का बहुत बड़ा Ecosystem बन चुका है.. जहाँ लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है.

वहीं अगर सिंगुर की बात करें... तो वहाँ आज भी बर्बादी के हालात हैं... ना नौकरी है, ना काम धंधा है.... Tata के आने से वहाँ की local अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव आने वाला था.. लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा ने लाखों लोगों के सपनो की बलि ले ली.

टाटा ग्रुप को कई सौ करोड़ रूपए का नुकसान हुआ.. साथ ही उन्हें moral, social झटका लगा वो अलग... Image में dent लग गया.... इनकी कोई भरपाई नहीं होती. लेकिन आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए टाटा ग्रुप ने Arbitration Tribunal में जाने का फैसला लिया... और आज 15 साल बाद इसका फैसला टाटा के हक़ में आया है.

Tribunal ने West Bengal Industrial Development Corporation Limited (WBIDC) को आदेश दिया है कि वह टाटा को 766 करोड़ रूपए का भुगतान करे. इस रकम के अलावा Interest और 1 करोड़ रूपए अलग से देने होंगे, जो टाटा ने इस कानूनी कार्यवाही पर खर्च किये.

यह पश्चिम बंगाल सरकार का ही एक Department है.

अब सवाल यह है कि भुगतान सरकारी department अपनी जेब से तो करेगा नहीं.... सरकार करेगी... और भरेगा कौन?? वही आम जनता.

ममता बनर्जी को यह काण्ड करके सत्ता मिल गई... जनता को क्या मिला??

सिंगुर अभिशप्त हो गया... वहाँ के लाखों लोगों के सपने टूट गए.... राज्य की image पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा... ऊपर से 766 करोड़+15 साल का interest और 1 करोड़ भी देने पड़ेंगे.

राजनीति का खेल खेलता कोई और है.. उसका भुगतान जनता ही करती है.

तो भैया जोर से बोलो.... आमार सोनार बांगला.

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