Monday, 29 April 2024

भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान है ..परमवीर चक्र। इस चक्र में चार इंद्र के वज्र की आकृति उकेरी होती हैं। इस परमवीर चक्र पदक की डिजाइन किसने किया था ??

भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान है ..परमवीर चक्र। इस चक्र में चार  इंद्र के वज्र की आकृति उकेरी होती हैं। 
 इस परमवीर चक्र पदक की डिजाइन किसने किया था ?? 
परमवीर चक्र की डिजाईन तैयार किया था सावित्री बाई खनोलकर ने ! 
सावित्री बाई खानोलकर का जन्म स्विट्ज़रलैंड में हुआ था। इनके पिता हंगरी मूल के और माता रसियन मूल की थी ! इनके बचपन का नाम था 'इवा योन्ने लिण्डा माडे-डे-मारोज ' था ।
इवा के पिता जिनेवा में  लीग आफ नेशंस के पुस्तकालय में पुस्तकालयाध्यक्ष ( लाईब्रेरियन ) थे ! 
बचपन में ही ईवा की मा का निधन हो गया था। इनका पालन पोषण इनके पिता ने किया ! 
ईवा पुस्तकालय में खूब किताबे पढ़ती थी ! किताबो से ही ईवा को भारतीय धर्म व संस्कृति के बारे में परिचय हुआ तो वो भारत से बहुत प्रभावित हुई ! 
जब ईवा 14 वर्ष की थी ..तो वहाँ ब्रिटेन के सेण्डहर्सट मिलिटरी ऐकडमी से एक समूह आया था !
 इसी समूह में एक भारतीय मूल का लड़का था,जिसका नाम था विक्रम खनोलकर । ईवा का परिचय विक्रम से हुआ ! दोनों के बीच पत्र व्यवहार होने लगा ! चार पाच वर्ष तक पत्र व्यवहार होता रहा ! एक दिन ईवा भारत चली आयी ! ईवा का विवाह विक्रम से हो गया ! विवाह के बाद ईवा पूरी तरह से भारतीय संस्कृति अपना लिया ! यहाँ तक की इन्होंने संस्कृत भाषा भी सीखी ! शास्त्रीय नृत्य सीखा ! कला में सीखा ! 
आजादी के समय विक्रम सेना में अधिकारी बन चुके थे ! उसी समय भारतीय सेना में पदक के बारे में विचार किया जा रहा था ! पदको के नाम जैसे परमवीर चक्र व महावीर चक्र सोच लिये गये थे। 
पदको के डिजाइन का काम ईवा जिनका नाम अब सावित्री बाई हो चुका था , को दिया गया ! सावित्री बाई ने भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार ही पदको का डिजाइन बनाया ! 
जैसे परमवीर चक्र में इंद्र के अस्त्र वज्र की आकृति ! वज्र दधीचि की हड्डी से बना है। जिन्हें बलिदान का सर्वोच्च उदाहरण माना जाता हैं ! 
#explorepage #foryoupage #happybirthday #reelsinstagram #trendingreels #reelsvideo #interiordesign #fypシ゚viralシ #fbreels #fbreelsfypシ゚viral #india #instadaily #instagram #instalike #art  #style #StarsEverywhere #shorts #happy #highlights #xuhuong

No comments:

Post a Comment