Wednesday 4 September 2024

दीपक तिजोरी के पिता ने तो खूब रईसी देखी थी। लेकिन दीपक तिजोरी और उनके भाई ने गरीबी और संघर्षों में अपना शुरुआती जीवन बिताया। नौबत ये थी कि पिता का जो पुश्तैनी घर था वो इन्हें छोड़ना पड़ा और अपनी नानी के घर रहने आना पड़ा। दीपक की माता जी पारसी थी। इसलिए दीपक जी का काफी वक्त नानी के घर के पास के एक कमरे में, एक पारसी कॉलोनी में गुज़रा था। दीपक भी खुद को आधा पारसी ही कहते हैं। उस ज़माने में एक छोटे से कमरे में इनका पूरा परिवार रहता था।

दीपक तिजोरी के पिता ने तो खूब रईसी देखी थी। लेकिन दीपक तिजोरी और उनके भाई ने गरीबी और संघर्षों में अपना शुरुआती जीवन बिताया। नौबत ये थी कि पिता का जो पुश्तैनी घर था वो इन्हें छोड़ना पड़ा और अपनी नानी के घर रहने आना पड़ा। दीपक की माता जी पारसी थी। इसलिए दीपक जी का काफी वक्त नानी के घर के पास के एक कमरे में, एक पारसी कॉलोनी में गुज़रा था। दीपक भी खुद को आधा पारसी ही कहते हैं। उस ज़माने में एक छोटे से कमरे में इनका पूरा परिवार रहता था। 

वो दिन कुछ ऐसे थे कि अगर इनके कज़िन्स के कपड़े पुराने हो जाते थे वो कपड़े इन्हें पहनने को दे दिए जाते थे। नानी के घर आकर रहने का दीपक को एक बड़ा फायदा हुआ। चूंकि नानी का घर जुहू में मौजूद एक पारसी कॉलोनी थी तो वहां आस-पास ही बहुत से फिल्म स्टार्स के घर भी थे। उसी माहौल ने दीपक तिजोरी को फिल्मी दुनिया की तरफ आकर्षित किया। फिल्मी दुनिया की तरफ आकर्षित होने की एक और वजह भी दीपक तिजोरी के पास थी। और वो थी इनकी माता जी।

दीपक तिजोरी की मां एक ज़माने में रेडियो में काम करती थी। और वो सुनील दत्त साहब के साथ कई रेडियो नाटकों में काम कर चुकी थी। इसलिए उनकी थोड़ी-बहुत जानकारी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों से थी। मां हमेशा से चाहती तो थी कि उनके तीनों बेटों मेंसे कोई तो फिल्मी दुनिया में जाए। लेकिन चूंकि उनकी हैसियत बहुत खास नहीं थी तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ऐसा कभी कुछ हो पाएगा। मगर उनके बेटे दीपक ने उनका वो अधूरा और धुंधला सा ख्वाब पूरा कर ही दिया।

आज दीपक तिजोरी का जन्मदिन है। 28 अगस्त 1961 को दीपक तिजोरी का जन्म हुआ था। यानि आज दीपक तिजोरी 63 साल के हो चुके हैं। चलिए, दीपक तिजोरी के बारे में कुछ रोचक बातें जानते हैं। ये लेख पसंद आए तो लाइक-शेयर अवश्य कीजिएगा।

दीपक तिजोरी ने नरसी मोनजी कॉलेज से कॉमर्श में ग्रेजुएशन किया था। उस कॉलेज का एक थिएटर ग्रुप भी हुआ करता था। दीपक भी उस थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। कॉलेज में परेश रावल इनके सीनियर थे। जबकी आमिर खान इनके जूनियर थे। दीपक कॉलेज में अपने डांस के लिए बहुत मशहूर थे। और डांस ने ही उन्हें कॉलेज की ड्रामा सोसायटी से जुड़ने का मौका दिया था। एक दिन एक इंटरकॉलिजिएट ड्रामा कॉम्पिटिशन में दीपक तिजोरी ने भी एक अवॉर्ड जीता। और दीपक तिजोरी को वो अवॉर्ड सुनील दत्त साहब ने अपने हाथों से दिया। वो कॉम्पिटीशन इप्टा ने आयोजित कराया था।

कुछ दिन बाद जब दीपक तिजोरी ने दत्त साहब द्वारा दिए गए अवॉर्ड की तस्वीर अपनी मां को दिखाई तो मां बोल पड़ी,"अरे, ये तो बल्ली है।" दीपक तिजोरी ने कहा कि ये कोई बल्ली नहीं सुनील दत्त साहब हैं। तब इनकी मां ने कहा कि तुम्हारे लिए ये सुनील दत्त हैं। हमारे लिए ये बल्ली हैं। हमने इनके साथ कई रेडियो नाटकों में काम किया है। गौरतलब है कि सुनील दत्त साहब का रियल नेम बलराज दत्त था। जब वो रेडियो सिलोन में काम करते थे तब लोग उन्हें बलराज दत्त के नाम से ही जानते थे। और उनके साथी कर्मचारी उन्हें प्यार से बल्ली कहते थे, जैसा कि दीपक तिजोरी की मां ने उन्हें बताया था उस दिन।

उस दिन वो अवॉर्ड जीतने के बाद दीपक तिजोरी नाटकों और अभिनय को लेकर काफी गंभीर हो गए। वो ड्रामा सोसायटी के लोगों के साथ काफी उठने-बैठने लगे। उनकी मां ने जब ये नोटिस किया तो उन्होंने दीपक को समझाया कि एक्टिंग के चक्कर में पढ़ाई को गंभीरता से लेना मत छोड़ना। क्योंकि एक्टिंग में तुम कामयाब हो ही जाओगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन अगर ढंग से पढ़ लोगे तो जीवन चलाने के लिए तुम कोई अच्छा काम कर सकते हो। मां की वो बात दीपक को समझ में आ गई। उन्होंने पढ़ाई पर फिर से ध्यान लगाना शुरू किया और बीकॉम के बाद उन्होंने एमकॉम, और फिर कानून की पढ़ाई भी की। थिएटर भी साथ-साथ चलता ही रहा।

चूंकि दीपक के घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी तो पढ़ाई के साथ-साथ ही वो कोई ना कोई काम भी करते रहते थे। एक दफा उनकी नौकरी मुंबई के सी-रॉक होटल में बतौर रिसेप्शनिस्ट लगी। उस होटल में फिल्मी दुनिया की हस्तियां भी खूब आती थी। उन्हें देखकर दीपक को लगता था कि काश, वो भी किसी दिन इनके जैसा फिल्मस्टार बनें और फिर वो भी ऐसे ही बतौर गेस्ट इस होटल में आएं। एक इंटरव्यू में दीपक ने बताया था कि सी-रॉक होटल की उस नौकरी के दौरान उन्होंने कभी किसी हस्ती का ऑटोग्राफ नहीं लिया था। लेकिन एक दफा जब पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान वहां आए थे तो दीपक ने उनसे ज़रूर ऑटोग्राफ मांगा था। जबकी दीपक तिजोरी कोई क्रिकेट फैन भी नहीं थे। दीपक कहते हैं कि चूंकि इमरान खान देखने में बहुत ज़्यादा हैंडसम थे तो उनसे रहा ना गया और वो इमरान का ऑटोग्राफ लेने उनके पास पहुंच ही गए। 

दीपक तिजोरी ने सिने ब्लिट्ज़ मैगज़ीन के मार्केटिंग डिपार्टमेंट में भी नौकरी की थी। उनका काम था मैगज़ीन के लिए विज्ञापन लेकर आना। एक दिन दीपक विज्ञापन की बात करने एक एड एजेंसी में गए थे जब इनकी पर्सनैलिटी से प्रभावित होकर इन्हें एक एड में काम करने का मौका दिया। वो एड पार्ले कंपनी के एक ब्रैंड का था। उस एड में दीपक के साथ संजय दत्त की एक्स वाइफ रिया पिल्लई को फीचर हुई थी। दीपक तिजोरी और रिया पिल्लई के बड़े-बड़े होर्डिंग्स मुंबई की कई सड़कों पर लगाए गए। फिर तो दीपक को सड़क पर चलते हुए लोग नोटिस भी करने लगे थे। वो एड काफी पसंद किया गया। उसकी सफलता से उत्साहित होकर दीपक ने सिने ब्लिट्ज़ की नौकरी छोड़ दी और फुल टाइम मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया।

दीपक की मेहनत रंग लाई और उन्हें कई मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स मिले। सिने ब्लिट्ज़ की नौकरी के दौरान दीपक की तनख्वाह हुआ करती थी साढ़े बारह सौ रुपए। इसलिए जब उन्होंने नौकरी छोड़ी थी तो उनकी मां टेंशन में आ गई थी। दीपक की कमाई से घर को काफी जो सपोर्ट मिलता था। मगर जब दीपक ने मां के हाथ में मॉडलिंग से कमाए पांच हज़ार रुपए रखे तो वो बहुत खुश हुई। दीपक मॉडलिंग में कामयाब होने लगे। लेकिन फिल्मों में काम करने के बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था। उन्हें तब लगता था कि फिल्में उनके बूते से बाहर की बात है। क्योंकि फिल्मों में काम करने के लिए तो एनएसडी या एफटीआईआई जैसे बड़े इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग लेना ज़रूरी है। 

काफी वक्त तक दीपक तिजोरी मॉडलिंग ही करते रहे। लेकिन एक दिन दीपक तिजोरी को लगा कि एक दफा तो उन्हें फिल्मों में काम पाने के लिए कोशिशें करनी ही चाहिए। वो तो वैसे भी अच्छे डांसर हैं। और गोविंदा जैसा डांस तो वो भी कर लेते हैं। ये सोचकर दीपक ने फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों से मिलना-जुलना शुरू कर दिया। एक दिन एक शख्स ने दीपक को बताया कि अर्जुन हिंगोरानी कौन करे कुर्बानी नाम से एक फिल्म बना रहे हैं। उन्हें डांसर की ज़रूरत है। उसी शख्स के साथ दीपक तिजोरी अर्जुन हिंगोरानी से मिलने उनके ऑफिस पहुंच गए। अर्जुन हिंगोरानी ने इनसे डांस करके दिखाने को कहा। दीपक असमंजस में पड़ गए। क्योंकि वहां ना तो ज़्यादा जगह थी। और ना ही म्यूज़िक की कोई व्यवस्था थी। 

दीपक ने अर्जुन हिंगोरानी से अपनी दिक्कत बताई तो उन्होंने कहा कि बिना म्यूज़िक के नाचकर दिखाओ तो जानें। दीपक ने बिना म्यूज़िक के ही नाचना शुरू कर दिया। अर्जुन हिंगोरानी जी को इनका डांस बहुत पसंद आया। उन्होंने दीपक को शूटिंग पर आने के लिए कह दिया। दीपक जब उस फिल्म के सेट पर पहुंचे तो उसी दिन पहली दफा उनकी मुलाकात गोविंदा से हुई। शूटिंग के दौरान दीपक ने इतना बढ़िया डांस किया कि गोविंदा ने भी इनकी खूब तारीफ की। दीपक को लगा कि उन्हें तो फिल्मों में बढ़िया स्टार्ट मिल गया है। क्योंकि उनकी पहली फिल्म में गोविंदा और धर्मेंद्र जैसे बड़े सितारे हैं। लेकिन दीपक को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उन्होंने वो फिल्म थिएटर में जाकर देखी। उनके ज़्यादातर सीन्स काट दिए गए थे।

कुछ ऐसा ही दीपक तिजोरी के साथ क्रोध फिल्म में भी हुआ था। संजय दत्त और सनी देओल की क्रोध, जो 1990 में आई थी, दीपक तिजोरी ने उसमें भी काम किया था। वो उस फिल्म में विलेन के हैंचमैन बने थे। सीन तो उनके उसमें भी कई शूट हुए थे। लेकिन जब वो डबिंग करने पहुंचे तो उनसे सिर्फ एक ही लाइन डब कराई गई। दीपक तिजोरी उन दिनों एक ऐसे जिम में जाते थे जहां फिल्मी दुनिया के कुछ बड़े नाम भी आते थे। शक्ति कपूर उनमें से एक थे। दीपक तिजोरी के अलावा वहां और भी कई स्ट्रगलर्स आते थे। और सभी स्ट्रगलर्स उस जिम के नीचे मीटिंग करते थे। शक्ति कपूर जब भी दीपक को वहां देखते थे तो मज़ाक में कहते थे,"तू स्ट्रगलर्स का यूनियन लीडर है।"

एक वक्त आया था जब दीपक तिजोरी को लगने लगा था कि फिल्में उनके लिए हैं ही नहीं। वो फिर से मॉडलिंग की तरफ जाने का इरादा बनाने लगे थे। लेकिन एक दिन उन्हें एक फोन आया। वो फोन अभिनेता अवतार गिल ने उन्हें किया था। अवतार गिल ने दीपक तिजोरी को बताया कि महेश भट्ट एक फिल्म शुरू करने जा रहे हैं। तुम उनसे जाकर मिल लो। अवतार गिल जी की वो बात सुनकर दीपक को याद आया कि वो एक दफा महेश भट्ट से भी तो मिले थे। शायद इसिलिए महेश भट्ट ने उन्हें याद किया होगा। अगले दिन दीपक तिजोरी महेश भट्ट से जाकर मिले। और थोड़ी बहुत बातचीत के बाद महेश भट्ट ने आशिकी फिल्म में हीरो के दोस्त बालू के रोल के लिए दीपक तिजोरी को सिलेक्ट कर लिया। 

आशिकी ज़बरदस्त हिट हुई। दीपक तिजोरी के किरदार को भी हर किसी ने पसंद किया। और यहां से दीपक तिजोरी की गाड़ी फिल्मी दुनिया के रास्तों पर चल निकली। दीपक तिजोरी को फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। किस्सा टीवी की तरफ से दीपक तिजोरी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आखिर में एक बात और जो कि बतानी ज़रूरी है। दीपक तिजोरी की पहली फिल्म कौन करे कुर्बानी आशिकी से भी एक साल बाद, यानि अगस्त 1991 में रिलीज़ हुई थी। और इस फिल्म में दीपक के बहुत सारे सीन्स काट दिए गए थे। #DeepakTijori #happybirthday #biography #BiographyinHindi #KissaTV

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