*आज बहुत से लोगों को लगता है कि.... केंद्र में भाजपा का शासन आ जाने के बाद तुष्टिकरण और तृप्तिकरण की गाड़ी काफी तेज हो गई है*...!
*तो, उसका कारण भी वही "माइंड सेटअप" है.*
*असल में... राजनीति और सिस्टम के काम करने के तरीके से अनजान लोगों को ऐसा लगता था कि.... भाजपा / मोई का शासन आने के बाद*....
*मोई जी, लालकिले से प्राचीर पर चढ़ कर गरज कर पूछेंगे कि... "कौन है रे मा.चो*. ?
*साले, अगर आज के बाद नमाझ पढ़ा या ईद-फीद मनाया तो में डंडा करके उलट देंगे.*
*आज से भारत एक हिनू राष्ट्र है... समझ गए* ???"
*लेकिन, ऐसा हो सकना न तो संभव था और ही हुआ*.
*बल्कि, शासन पूर्ववत ही सुचारू रूप से चलता रहा.*
*परिणामतः... ऐसे लोगों को "लगने लगा" कि... मोई रूपी ब्रेक लगाने के बाद गाड़ी और तेज भागने लगी है.*
*जबकि ऐसा है नहीं.*..
*क्योंकि, अगर ऐसे लोग हड़बड़ाने की जगह गाड़ी की स्पीडोमीटर पर नजर दौड़ाते तो उन्हें समझ आ जाता कि.*..
*जहाँ कश्मीर समेत पूरे भारत में आतं कवाद अपने चरम पर था और आये दिन किसी न किसी शहर में बम फूटा करते थे*
...
*धर्मांतरण अपने चरम पर था*...
*हज सब्सिडी में हजारों करोड़ फूंके जा रहे थे.*.
*राजभवन एवं प्रधानमंत्री आवास को इफ्तारी का अड्डा बना दिया था..*
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*भगवान राम को काल्पनिक एवं रामसेतु को फालतू बताया जा रहा था..*
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*देश में राम का नाम लेना तक साम्प्रदायिक माना जाने लगा था...*
*कुछेक मजहब के लोग खुद को कानून व्यवस्था से ऊपर मानने लगे थे*
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*यहाँ तक कि पिगिस्तान जैसा चिन्दी चोर भी हमारी छाती पर चढ़कर तांडव करने को उतारू था..*
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*और, सबसे बड़ी बात कि... भारत की सनातनी पहचान को ही बदल कर इसे ताजमहल और कुतुबमीनार से जोड़ा जाने लगा था*.
*सब बंद हो चुका है*.
*और, अब... सबका रिवर्स हो रहा है*.
*देश में आतंकवाद अब बीते दिनों की बात हो चुकी है तथा हज सब्सिडी का कहीं नामोनिशान नहीं है.*
*हमारे राजभवन एवं सरकारी आवासों में धूमधाम से कन्यापूजन आयोजित किया जा रहा है*
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*दीपावली एवं रामनवमी आदि में लाखों दीप जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड दर्ज करवाया जा रहा है*
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*और सबसे महत्वपूर्ण कि... अब उस ताजमहल और कुतुबमीनार को साइड लाइन करके*....*सनातनी भारत के पहचान तौर पर भव्य काशी कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, अयोध्या के राममंदिर, वृंदावन में विश्व के सबसे बड़े कृष्ण मंदिर आदि को उभारा जा रहा है.*
*कुल मिलाकर.... गाड़ी में ब्रेक लगाई जा रही है जो सफलता पूर्वक लग भी रही है*.
*लेकिन, सबसे मुख्य सवाल कि... ये सब ठीक है*
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*लेकिन, इस हाइटेक जमाने में इतना हल्का ड्रम ब्रेक क्यों लगाया जा रहा है* ? *डिस्क या पावर ब्रेक लगाकर झटके से गाड़ी को क्यों नहीं रोका जा रहा है ?*??
*तो, इसका बहुत ही आसान सा जबाब है कि... गाड़ी में बहुत पैसेंजर हैं.*
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*जो बिना किसी सीटबेल्ट के गाड़ी में बहुत लापरवाही से बैठे हुए हैं*.
*इसीलिए, अगर गाड़ी के डिस्क ब्रेक या हैंड ब्रेक का इस्तेमाल करके झटके से गाड़ी को रोका गया तो पैसेंजर्स को बहुत ज्यादा कैजुअल्टी हो सकती है और गाड़ी जो एक्सीडेंट होगी सो अलग.*
*क्योंकि, सड़क की हालत अच्छी नहीं है और बरसात (हिनूओं की उदासीनता) होने की वजह से सड़क पर काफी फिसलन है एवं बड़े बड़े रोड ब्रेकर (बड़का कोठा, मानवाधिकार आदि) हैं.*
*इसीलिए, कोई कुछ भी कहे...*
*लेकिन, मेरी नजर में सबसे कुशल ड्राइवर वही है जो न सिर्फ गाड़ी को डेस्टिनेशन पर पहुँचा दे..*
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*बल्कि, उससे भी ज्यादा जरूरी है कि सारे पैसेंजर को सुरक्षित करते हुए गाड़ी को डेस्टिनेशन तक पहुंचा दे.*
*और, मोई जी वही कर रहे हैं*...!!!
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