Monday, 26 May 2025

मानसून का समय से पूर्वआगमन और मानसूनी वर्षा का भविष्य -

मानसून का समय से पूर्वआगमन और मानसूनी वर्षा का भविष्य -डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि

इस बार मानसून ने केरल और आसपास 15 में को पहुंचकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था जबकि भारत के मौसम विभाग और स्काई वेदर जैसे चैनल 27 से 30 में के बीच मानसून का आगमन मानकर मानसून के दो-तीन दिन पहले आने की घोषणा कर चुके थे लेकिन हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर के द्वारा पहले ही मानसून के 15 में से आने और बहुत तेजी से इसके 17 में तक महाराष्ट्र और दक्षिण भारत बंगाल की खाड़ी अरब सागर और पूर्वोत्तर भारत में फैलने की बिल्कुल स्पष्ट भविष्यवाणी बहुत पहले कर दिया था यद्यपि भारत के मौसम विभाग ने 15 में को मानसून के आगमन को न मानते हुए उसको 24 में से माना जो कि हर दृष्टि से अनुचित वैज्ञानिक और गलत है शायद अपने अनुमान को नजदीक ले जाने के लिए जानबूझकर उसे 24 से माना गया जबकि मानसून के जितने मानक होते हैं उन सभी के अनुसार 15 में से मानसूनी वर्षा प्रारंभ हो चुकी थी 

समय से पूर्व आया हुआ यह मानसून बहुत तेजी से बढ़कर कर्नाटक गोवा महाराष्ट्र मुंबई लक्षद्वीप अंडमान निकोबार बंगाल त्रिपुरा अरुणाचल प्रदेश असम मेघालय नगालैंड मणिपुर मिजोरम और बांग्लादेश 17 में तक पहुंच गया और वहां लगातार वर्षा हो रही है मुंबई और आसपास पिछले एक सप्ताह में100 से 200 सेंटीमीटर वर्षा हो चुकी है और यही हाल केरल कर्नाटक और गोवा जैसे प्रदेश का है इसी तरह अंडमान निकोबार लक्षद्वीप और पूर्वोत्तर भारत में भी इन 10 दिनों के कालअवधि में 100 से 150 सेंटीमीटर वर्षा हो चुकी है। ज्योतिश्वर पंचांग उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों गणित के समीकरण और देसी कहावत और अन्य अनुमानों के अनुसार अभी यह वर्षा 30 में तक जारी रहेगी और 1 जून को जब मानसून आता है तब दक्षिण भारत में सूखे जैसी स्थितियां पैदा हो जाएंगी 

इधर उत्तर मध्य भारत और पश्चिम तथा पश्चिम उत्तर भारत में कमजोर पड़ा हुआ यह मानसून 25 से 30 में के बीच हल्की मध्यम वर्षा करता हुआ अचानक समाप्त हो जाएगा और इसके बाद महाराष्ट्र के उत्तर मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल और राजस्थान तथा दिल्ली हरियाणा पंजाब में मानसून का अगला चक्र 10 से 20 जून के आसपास प्रारंभ होगा इस प्रकार हमारे केंद्र के द्वारा समय से बहुत पहले मानसून आने की और भी चीज में सूखा पड़ने की भविष्यवाणी भी सही होगी 


15 से लेकर 30 में तक केरल तमिलनाडु से लेकर गोवा कर्नाटक मुंबई और सूरत तथा महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में भारी से बहुत भारी और कहीं-कहीं प्रचंड मूसलाधार बाढ़ लाने वाली वर्षा होगी विशेष कर मुंबई गोवा कर्नाटक करने का स्थान और चेन्नई के आसपास तथा महाराष्ट्र के अनेक भागों में यह स्थितियां पैदा होगी उसके बाद अचानक ही मानसून में एक अंतराल आने और सूखे जैसी स्थितियां होने के संकेत हैं 

कुल मिलाकर इस वर्ष की वर्षा 105 प्रतिशत के आसपास होगी यह अंतराल के साथ होगी और जब जहां होगी बहुत तेज और कई कई दिनों तक होगी और बीच-बीच में सूखे जैसी स्थितियां पद्धति रहेंगे इन सब कर्म के लिए हिमालय और पामीर के पत्थर समुद्र की जलधाराएं ला नीना और अलीना सूर्य की पृथ्वी के सापेक्ष स्थिति स्थानक विक्षोभ जल और स्थल पर गर्मी का अंतर ला नीनो और एल नीनो जैसे कारक हरियाली प्रदूषण जंगल और सीमेंट तथा कंक्रीट के जंगल घर में लगे हुए वातानुकूलित यंत्र माइक्रोवेव व में और लगातार बढ़ रही विषैली कैसे साथ-साथ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य का चुंबकीय प्रभाव अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात और महा चक्रवात तथा धरती के अन्य भागों के आंधी बवंडर तूफान और महा चक्रवात सामूहिक रूप से निर्णायक भूमिका निभा रहे है इस वर्ष सूर्य पर हो रहे प्रचंड महा विस्फोट और निकलने वाली सौर ज्वालाएं और सौर आंधियां समय पूर्व मानसून के आगमन का एक प्रमुख कारण हैजंगल और हरियाली के लगातार समाप्त हो जाने सेऔर सीमेंट कंक्रीट के जंगल बढ़ जाने से वर्षा लगातार कम दिनों में लेकिन भारी मात्रा में हो रहे हैं और पहले वाली वर्षा जो 10 से 15 दिनों तक लगातार होती थी उसका कम टूट गया है यही हाल ठंड और गर्मी का भी है लगातार वर्षा जाड़ा और गर्मी का क्रम अब संभव नहीं रहा है और आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी भीषण होगी क्योंकि अब धरती को हरा-भरा और ऑक्सीजन से भरपूर बनाना संभव नहीं हो पाएगा।

इस वर्ष में महीने में भारत में वर्षा का नया कीर्तिमान बनेगा 1 जून से 15 जून तक कम वर्षा और सुख का फिर 15 जून से 15 जुलाई तक सबसे अधिक वर्षा का कीर्तिमान बनेगा जुलाई और अगस्त के बाद 15 से 20 सितंबर तक मानसून के अचानक समाप्त होने से कृषि बागवानी और अन्य चीजों पर इसका निर्णायक असर पढ़ने की आशा है जौनपुर और आसपास के सभी जनपदों और पूर्वांचल क्षेत्र तथा बिहार भी इस वर्ष काफी दिनों के बाद औसत से अधिक वर्षा होने की प्रबल संभावना दिख रही है और भयंकर उमस पसीने भरा वातावरण और गर्मी की अवधि 25 अक्टूबर तक अनवरत जारी रहेगी लेकिन जब वर्षा तेज होगी तब मौसम सुहाना प्रतीत होता इस वर्ष धान के साथ-साथ मिली जुली फैसले जैसे मक्का ज्वार बाजरा अरहर इत्यादि बोना किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा

Friday, 23 May 2025

जौनपुर में शराब गोदाम के सामने मुख्य सड़क पर सीवर लाइन टूटा हुआ और उसका में होल का ढक्कन खुला हुआ है

जौनपुर जनपद स्थित खरका तिराहा थाना लाइन बाजार जनपद जौनपुर में शराब गोदाम के सामने मुख्य सड़क पर सीवर लाइन टूटा हुआ और उसका में होल का ढक्कन खुला हुआ है है जिससे दिन रात बड़ी संख्या में यात्री गुजरते रहते हैं इस खतरनाक मैनहोल में कभी भी पैदल या वाहन सवार गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं और बहुत बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है इसलिए तत्काल इस सीवर लाइन को सही किया जाना जनहित में अत्यंत आवश्यक है इस आशय का प्रस्ताव अमित सिंह निवासी स्थानीय द्वारा  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर के माननीय सचिव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दिया गया है इसलिए संबंधित विभाग और अधिकारी गण तत्काल है इस मैनहोल गड्ढे को सही करें जिससे भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना घटित ना हो

*बाजारों में नहीं बेचे जाए पाकिस्तानी सूट और चीनी उत्पाद* स्वदेशी जागरण मंच के पूर्व ज़िला संयोजक फरहत अली खान

*बाजारों में नहीं बेचे जाए पाकिस्तानी सूट और चीनी उत्पाद* 
स्वदेशी जागरण मंच के पूर्व ज़िला संयोजक फरहत अली खान ने कहा की बाजारों में आज भी धड़ल्ले पाकिस्तानी सूट बेचे जा रहे हैं। पाकिस्तान जो हमारा दुश्मन मुल्क है। जिसने हमारे मुल्क में मासूमों की हत्या कर आतंक मचा रखा है।। अभी हमारी फौज ने जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।। हमें इसका कड़ा विरोध कर इसके नाम से बिकने वाले या यह नाम रखने वालों पर कड़ी कार्यवाही होना चाहिए।

चाइना, तुर्की, अज़रबयान जैसे मुल्क जिन्होंने पाकिस्तान का साथ दिया यानि जो हमारे देश के दुश्मन हैं वो हमारे भी दुश्मन हैं।।
अगर अब इस तरह के कोई उत्पाद या कुछ भी किसी व्यापारी या दुकानदार पर पाया गया तो यह राष्ट्रविरोधी माना जाएगा।।
अब वह समय आ गया है जब स्वदेशी को अपनाना है और विदेशी को हटाना है।।
हमारा देश दुनिया की सर्व शक्ति बनने जा रहा है। देशवासियों को सूझ बूझ अपनाते हुए आर्थिक व्यवस्था को भी बढ़ावा देना है। पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश उन्हें भी सबक सिखाने की ज़रूरत है। यह आपके हाथ है कि आप देश के साथ है या देश के ख़िलाफ़।
फरहत अली खान 
पूर्व ज़िला संयोजक 
स्वदेशी जागरण मंच रामपुर

Thursday, 22 May 2025

20 मई से मौसम बदलने की भविष्यवाणी सही हुई आगे 20 से 22 मई के बीच बहुत तेज हवा आंधी अंधड़ बवंडर चलने की और हल्की फुल्की वर्षा की भविष्यवाणी तेज हवा वज्रपात और बिजली की चमक गरज के साथ भी सही होगी मुझे नहीं लगता कि सरकारी और प्राइवेट मौसम विभागों की 27 मई से मानसून आने की भविष्यवाणी सही होगी क्योंकि हमारे केंद्र के अनुसार 31 म ई से 2 जून के बीच ही मानसून आ सकता है क्योंकि यह पहले ही 15 मैं को आ चुका है और केरल से लेकर महाराष्ट्र गुजरात पूर्वोत्तर भारत में बरस रहा है

20 मई से मौसम बदलने की भविष्यवाणी सही हुई आगे 20 से 22 मई के बीच बहुत तेज हवा आंधी अंधड़ बवंडर चलने की और हल्की फुल्की वर्षा की भविष्यवाणी तेज हवा वज्रपात और बिजली की चमक गरज के साथ भी सही होगी मुझे नहीं लगता कि सरकारी और प्राइवेट मौसम विभागों की 27 मई से मानसून आने की भविष्यवाणी सही होगी क्योंकि हमारे केंद्र के अनुसार 31 म ई से 2 जून के बीच ही मानसून आ सकता है क्योंकि यह पहले ही 15 मैं को आ चुका है और केरल से लेकर महाराष्ट्र गुजरात पूर्वोत्तर भारत में बरस रहा है

आज का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहेगा जिसके कारण 4:00 बजे से 9:00 सुबह तक काफी सुहाना मौसम रहेगा सुबह   हल्के  बादल रहेंगे बाद में खुली धूप होगी फिर घने बादल तेज हवा झनझनाहट के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी तो कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है यही स्थिति कल भी रहेगी । पुलिस वाले में सुरक्षित है और यहां वर्षा वज्रपात ओलावृष्टि आंधी तूफान की संभावना सबसे कम है

न्यूनतम तापमान 27 डिग्री होने से भयंकर  उमस और गर्मी पसीना में कमी रहेगी वायुमंडल में सापेक्षिक आर्द्रता 75% तक बढ़  जाने से भीषण पसीने उमस से लथपथ असहनीय गर्मी  दोपहर को होगी।

कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा महाभयंकर उमस और गर्मी में कमी आने से कुछ राहत मिलेगी लेकिन दोपहर में और रात में भयंकर उमस पसीना रहेगा और कल भी अचानक मौसम बिगड़ कर आंधी पानी के साथ बूंदाबांदी वर्षा की संभावना बन रही है इस समय कुछ भी खानपान करते समय बहुत सावधान रहना होगा भोजन कम पसंद पानी अधिक ग्रहण करना उचित रहेगा

 17 मई से 23 मई तक भयंकर गर्मी प्रचंड उमस और पसीना के  वातावरण में लगातार कमी आएगी और मौसम एक बार फिर परिवर्तनशील हो जाएगा बादलों के साथ जौनपुर जनपद के पड़ोसी जिलों में गरज चमक वज्रपात झंझावात के साथ हल्की वर्षा का योग 20-23 तक बनेगा। इसका सबसे कम असर जौनपुर में ही रहेगा यद्यपि 21 से 23 तक बहुत तेज आंधी बवंडर का मौसम रहेगा उत्तर प्रदेश के मध्य और पश्चिमी भागों से लेकर दिल्ली पंजाब हरियाणा तक बहुत ही खराब तेज वर्षा आंधी तूफान झंझाबाद वज्रपात वाला मौसम रहेगा जबकि केरल कर्नाटक गोवा महाराष्ट्र पूर्वोत्तर भारत में लगातार 15 दिनों तक भारी मानसून वर्षा होगी किसी से मानसून की समय सारणी गड़बड़ हो जाएगी

गर्मी भयंकर रहेगी लेकिन उमस और आर्द्रता में वृद्धि होगी धीरे-धीरे वातावरण आर्द्र होता जाएगा और सापेक्षिक आर्द्रता बढ़ कर अधिकतम 80 और न्यूनतम 35 तक आ जाएगी आज वर्षा की संभावना नहीं है यद्यपि सुबह घने बादल छाए रहेंगे

हवा की दिशा  पूर्वी और गति 10 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और एक सप्ताह तक पुरवा हवा लगातार चलेंगी और हवा आर्द्र रहेगी इसलिए अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान घटेगा। मौसम में कभी भी कहीं भी परिवर्तन के साथ आंधी तूफान आ सकता है

आज सूर्योदय 5:10 पर और सूर्यास्त 6:42पर होगा धीरे-धीरे दिन की अवधि लगातार अधिक और रात की अवधि लगातार कम होती जाएगी 

पराबैंगनी किरणों अर्थात अल्ट्रावायलेट रेज स्तर 7 से 11 के बीच होगा जो बहुत अधिक और बहुत भयानक होगा लगातार धूप में 1 मिनट से अधिक खड़ा होना हानिकारक होगा

वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 से 250 के बीच रहेगा जो संतोष जनक है जबकि वातावरण और हवा में प्रदूषण और हानिकारक कणों की मात्रा अत्यधिक रहेगी 

जौनपुर और उत्तर भारत मध्य भारत का मौसम तेज चटक धूप वाला सूखा और बेहद गर्म होगा दक्षिण भारत पूर्वोत्तर और पश्चिम उत्तर भारत में मौसम परिवर्तनशील रहेगा जबकि गुजरात मुंबई और  दक्षिण भारत आसपास के क्षेत्र में तूफान वज्रपात के बीच भारी वर्षा के और बेंगलुरु तमिलनाडु श्रीलंका आंध्र प्रदेश बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में कहीं-कहीं घनघोर मूसलाधार वर्षा होने के संकेत मिल रहे हैं- डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर
[5/12, 5:53 AM] Dr  Dileep Kumar singh: हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर केंद्र की भविष्यवाणी के अनुसार 9 मे ई  से 17 म ई तक महा भयंकर प्रलयंकर  उमस पसीना और गर्मी जारी है।

पापी पेट और भौतिक आवश्यकताएं

पापी पेट और भौतिक आवश्यकताएं 

विधि का विधान विचित्र है एक छोटा बच्चा या बच्ची जन्म लेती है पूरे परिवार में अपार खुशियां होती हैं प्रारंभ में एक-एक पल बच्चों की देखभाल की जाती है धीरे-धीरे बच्चा हाथ पैर फेंकता है है सरकता है फिर करवट बदलता है फिर घुटनों के बल चलकर  9 से 12 महीने में खड़ा हो जाता है और जैसे-जैसे वह बड़ा होता है वैसे-वैसे उस पर ध्यान घर परिवार का कम हो जाता है ।

 फिर एक वर्ष से 5 वर्ष तक उसका समय बहुत ही निश्चिंत और स्वच्छ निर्दोष वातावरण में बीतता है जो उसके जीवन का स्वर्ण काल होता है मन में पाप और पुण्य अच्छा और बुरा जैसा कोई भी विचार नहीं बिल्कुल निष्पाप होता है इसलिए  कहा जाता है जन्म से लेकर 5 वर्ष तक ईश्वर हर बच्चे के साथ रहकर उसकी रक्षा करते हैं ।

5 वर्ष के बाद बच्चे का विद्यालय प्रारंभ हो जाता है और इसी के साथ उसका समय घर में कम बाहर अधिक बीतने लगता है और धीरे-धीरे घर परिवार के लोग काफी निश्चित हो जाते हैं बहुत अधिक विलंब होने पर ही उसका ध्यान दिया जाता है।

10 से 15 वर्ष का बच्चा जीवन की शक्ति ऊर्जा और ताकत के सर्वोच्च शिखर पर रहता है इसलिए इस कालखंड में उसकी ऊर्जा का सही उपयोग करने वाले घर परिवार माता-पिता का बच्चा ही जीवन में सर्वोच्च सफलता पाता है इस कालखंड में जो भी लड़का या लड़की पथ से भटक गया वह संभल नहीं पता है विशेष करके बच्चियों पर ज्यादा ही ध्यान रखा जाता है क्योंकि उन्हें 100 में 99 लोग गलत रास्ते पर डालने वाले और वह काफिला कर उनका उपभोग करने वाले मिलते हैं इसमें अपने घर परिवार गांव घर के सदस्य अधिक होते हैं।

फिर 15 वर्ष से लेकर 20 22 या 25 वर्ष के बाद एक समय ऐसा आता है जब लड़का या लड़की शिक्षा या नौकरी के लिए घर परिवार गांव संबंधी सगे रिश्तेदार समाज को छोड़कर दूसरे जगह दूर निकल जाते हैं और इस समय दोनों पक्ष में भावनाओं का ज्वार  रहता है कोई भी माता-पिता परिवार अपने बेटा बेटी या घर वालों को दूर नहीं रखना चाहता परंतु दोनों हृदय और कलेजे पर पत्थर रखकर देशकाल की स्थिति स्थिति समझ कर रोते-रोते  अलग हो जाते हैं 

और आज के परिवेश में विवाह होने के बाद लगभग सभी अपने मूल घर गांव परिवार माता-पिता से दूर अलग हो जाते हैं यहां पर संबंध धीरे-धीरे कमजोर होकर टूटने लगता है और दोनों एक दूसरे को भूलने लगते हैं ऐसा देश कल परिस्थितियों के कारण ही होता है अपवाद छोड़कर कोई भी अपनों को भूलना नहीं चाहता।

कुछ लोगों का भ्रम है कि बच्चा या बच्ची माता-पिता परिवार को अधिक भूल जाता है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं वह भी घर परिवार मां-बाप गांव खेत स्कूल नदी तालाब बगीचे उतना ही याद करता है जितने मां-बाप मित्र मंडली सगे संबंधी उसे याद करते हैं लेकिन ज़रूरतें आवश्यकताओं का बोझ और दिन-रात काम के बाद चार-छह घंटे सोकर अगले दिन फिर नौकरी पर भागना धीरे-धीरे इसमें दूरी बढ़ा देता है ।

इसी जरूरत और भौतिकवाद को पूरा करने के चक्कर में धीरे-धीरे छोटा सा बच्चा एक दिन खुद प्रौढ़ और अंत में बुड्ढा होने लगता है और एक-एक कर उसके माता-पिता घर परिवार समाज मित्र छूटने लगते हैं और कालचक्र और समय अपनी गति से भागता रहता है और एक दिन ऐसा आ जाता है जब उसे जन्म देने वाले मां-बाप घर परिवार के लोग मित्र सगे संबंधी एक-एक करके छूट जाते हैं हर सुखद घटना के दुख में बदलने पर हर व्यक्ति चाहे स्त्री हो या पुरुष हो रोता है कोई अकेले में तो कोई सबके सामने और दुख इस आंसू में पिघल कर बह जाता है।

और जब वह अवकाश प्राप्त करता है तो उसके चारों ओर बहुत लंबा अंधेरा और शून्य होता है जिसको वह भरने और बांटने की वह पूरी कोशिश करता है लेकिन पाट नहीं पाता और दिन-रात उसी का चिंतन करते-करते एक अपनी स्थिति में पता है जब वह लगभग अकेला होता है और उसके अपने बच्चे भी बाहर भौतिकवाद और जरूरत को पूरा करने में दूर-दूर हो जाते हैं कुछ भाग्यशाली लोगों को छोड़कर लगभग सब के साथ ऐसा ही हो रहा है और अंत में वह अपने को देखा है कि अब काल और यमराज उसको इस लोक से ले जाने के लिए उसके द्वारा पर खड़े हैं 

यही दुनिया का अंतिम चक्र और माया है जो निरंतर लाखों करोड़ों अर्बन साल और न जाने कब से चला चला आ रहा है केवल धरती पर नहीं सौरमंडल और आकाशगंगा में नहीं परम विश्व में कृष्ण विवर और श्वेत विवर में एक-एक अणु परमाणु में यही गति व्याप्त है इसलिए कोशिश करो जब तक संभव हो घर परिवार सगे संबंधी समाज धर्म अपनों से जुड़कर रहो डॉ दिलीप कुमार सिंह

Tuesday, 20 May 2025

यह ज्योतिषीय विश्लेषण लग्न और ग्रहों की स्थिति के आधार पर उनके 12 भावों में प्रभाव को समझाता है।ज्योतिष शास्त्र में लग्न और ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन के हर पहलू जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, धन, रिश्ते, करियर और भाग्य को प्रभावित करती है।यह लेख लग्न राशि और नौ ग्रहों—सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु—के 12 भावों में प्रभाव को विस्तार से बताता है।हर स्थिति का ज्योतिषीय महत्व और उसका जीवन पर असर यहाँ समझाया गया है ताकि पाठक को गहराई से जानकारी मिल सके। #ज्योतिष #वैदिक ज्योतिष #राशिफल 99588 45907

यह ज्योतिषीय विश्लेषण लग्न और ग्रहों की स्थिति के आधार पर उनके 12 भावों में प्रभाव को समझाता है।ज्योतिष शास्त्र में लग्न और ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन के हर पहलू जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, धन, रिश्ते, करियर और भाग्य को प्रभावित करती है।यह लेख लग्न राशि और नौ ग्रहों—सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु—के 12 भावों में प्रभाव को विस्तार से बताता है।हर स्थिति का ज्योतिषीय महत्व और उसका जीवन पर असर यहाँ समझाया गया है ताकि पाठक को गहराई से जानकारी मिल सके। #ज्योतिष #वैदिक ज्योतिष #राशिफल  99588 45907 

लग्न अगर (लग्न राशि का प्रभाव):  
लग्न कुंडली का पहला भाव होता है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट, स्वास्थ्य और जीवन के प्रति शुरूआती नजरिए को दर्शाता है।यह आत्मा का प्रतीक है और यह तय करता है कि व्यक्ति दुनिया को कैसे देखता है और दुनिया उसे कैसे देखती है।यहाँ अलग-अलग लग्न राशियों के प्रभाव हैं:  

1. मेष: मंगल ग्रह इस राशि का स्वामी है जिसके कारण व्यक्ति साहसी, ऊर्जावान, और नेतृत्व करने में माहिर होता है।इसे "आदमी का बच्चा" कहते हैं क्योंकि इसका स्वभाव मर्दाना, जोशीला और थोड़ा जिद्दी होता है।यह जोखिम लेने से नहीं डरता और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेजी से कदम उठाता है।इस राशि का व्यक्ति अपनी पहचान बनाने में कुशल होता है और उसे भीड़ से अलग दिखना पसंद करता है।  
2. वृष: शुक्र इस राशि का स्वामी है जो व्यक्ति को "धन की मशीन" बनाता है।यह सुख-सुविधा, विलासिता और स्थिरता की चाह रखता है।कला, संगीत, और भौतिक संपत्ति इसके जीवन का मुख्य हिस्सा होते हैं।यह धीरे-धीरे लेकिन लगातार मेहनत करता है और अपने आसपास सुंदरता बनाए रखना पसंद करता है।  
3. मिथुन: बुध के प्रभाव से यह व्यक्ति "टेलीफोन" जैसा होता है—बातूनी, बुद्धिमान और संचार में निपुण।इसका दिमाग तेज और जिज्ञासु होता है जो इसे कई क्षेत्रों में प्रतिभाशाली बनाता है।यह नई चीजें सीखने और लोगों से जुड़ने में माहिर होता है।  
4. कर्क: चंद्रमा इस राशि का स्वामी है जो इसे "भावना की पुतली" बनाता है।यह संवेदनशील, परिवार से गहराई से जुड़ा और दूसरों की देखभाल करने वाला होता है।इसका मन पानी की तरह बदलता रहता है जिसके कारण यह कभी खुश तो कभी उदास हो सकता है।  
5. सिंह: सूर्य इस राशि का स्वामी है जिससे यह "अहम से भरा" होता है।आत्मसम्मान, शाही अंदाज और नेतृत्व इसके खास गुण हैं।यह हमेशा ध्यान का केंद्र बनना चाहता है और अपनी शक्ति को दिखाने में विश्वास रखता है।  
6. कन्या: बुध के प्रभाव से यह "कर्मठ" और व्यवस्थित होता है।यह छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता है और विश्लेषण करने में कुशल होता है।दुश्मनों और बीमारियों से लड़ने में यह सक्षम होता है और सेवा करने में खुशी मिलती है।  
7. तुला: शुक्र इस राशि का स्वामी है जिससे यह "हर बात में फायदा सोचने वाला" होता है।संतुलन, सौंदर्य और सामाजिकता इसके मुख्य गुण हैं।यह रिश्तों को बहुत महत्व देता है और झगड़े से बचने की कोशिश करता है।  
8. वृश्चिक: मंगल इस राशि का स्वामी है जिससे यह "भूतों का सरदार" जैसा होता है।इसका स्वभाव गहरा, जुनूनी और रहस्यमयी होता है।यह भावनाओं को छिपाने में माहिर होता है और मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानता।  
9. धनु: गुरु इस राशि का स्वामी है जिससे यह "बाप-दादा की बात करने वाला" होता है।यह धार्मिक, ज्ञानी और साहसी होता है और जीवन को दार्शनिक नजरिए से देखता है।यह यात्रा और नई चीजें सीखने का शौकीन होता है।  
10. मकर: शनि इस राशि का स्वामी है जिससे यह "चौबीसों घंटे काम में लगा" रहता है।यह मेहनती, अनुशासित और महत्वाकांक्षी होता है।अपने लक्ष्यों को पाने के लिए यह कठिन परिश्रम करता है और धैर्य रखता है।  
11. कुंभ: शनि और राहु का प्रभाव इसे "जल्दी रास्ता बनाने वाला" बनाता है।यह नए विचारों और सामाजिक बदलाव में रुचि रखता है।यह दूसरों से अलग सोचता है और समाज के लिए कुछ बड़ा करना चाहता है।  
12. मीन: गुरु इस राशि का स्वामी है जिससे यह "हमेशा मौन रहने वाला" होता है।यह आध्यात्मिक, कल्पनाशील और दयालु होता है।यह भावनाओं और सपनों की दुनिया में रहना पसंद करता है और दूसरों की मदद करने में खुशी पाता है।  
#लग्न #राशि #ज्योतिषशास्त्र  

लग्न से सूर्य अगर (सूर्य का 12 भावों में प्रभाव):  
सूर्य आत्मा, आत्मविश्वास, जीवन शक्ति और पिता का प्रतिनिधित्व करता है।यह सम्मान, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है।इसका हर भाव में प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह व्यक्ति "अहम से भरा" होता है।आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना बहुत मजबूत होती है लेकिन अहंकार के कारण कभी-कभी विवाद भी हो सकते हैं।यह अच्छा स्वास्थ्य, तेजस्वी व्यक्तित्व और लोगों पर प्रभाव छोड़ने की क्षमता देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "चमक के आगे कुछ दिखाई नहीं देता" कहते हैं।धन और परिवार में सूर्य की ताकत दिखती है लेकिन वाणी थोड़ी कठोर हो सकती है।यह धन इकट्ठा करने में सफलता और आर्थिक मजबूती देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "नेतागिरी पहले होती है" वाला होता है।भाई-बहनों और साहस में यह प्रभावशाली होता है।संचार में तेजी और पराक्रम बढ़ता है जिससे यह अपने विचारों को मजबूती से रखता है।  
4. चौथे भाव में: यह "राजनैतिक सोच वाला" होता है।माता और संपत्ति पर अधिकार जमाने की इच्छा रहती है।यह घर में प्रभाव बनाता है और मां से गहरा लगाव देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "परिवार में ही राजनैतिक करता है"।संतान और बुद्धि में तेजस्विता आती है लेकिन संतान से मतभेद भी हो सकते हैं।यह रचनात्मकता और शिक्षा में सफलता देता है।  
6. छठे भाव में: इसे "बाप को नौकर समझता है" कहते हैं।शत्रुओं पर जीत मिलती है लेकिन स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहता है।यह संघर्ष में सफलता और कठिनाइयों से लड़ने की ताकत देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "जीवनसाथी का गुलाम" होता है।विवाह और साझेदारी में प्रभुत्व की चाह रहती है लेकिन साथी पर निर्भरता भी बढ़ती है।यह रिश्तों में प्रभाव डालता है।  
8. आठवें भाव में: इसे "बेचारा मृत्यु का मरीज" कहते हैं।आयु, रहस्य और कष्ट में सूर्य कमजोर पड़ सकता है।यह जीवन में संघर्ष और गहरे बदलाव लाता है।  
9. नवें भाव में: यह "धर्म के नाम पर कमाई करता है"।भाग्य और गुरु से लाभ मिलता है।यह धार्मिक स्वभाव, सौभाग्य और उच्च विचार देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "सब काम नेतागिरी से निकलवाता है"।कर्म और प्रसिद्धि में सूर्य की चमक होती है।यह करियर में ऊंचा स्थान, सम्मान और सफलता देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "मित्रों को नोट छापने की मशीन समझता है"।लाभ और सामाजिक मंडल में प्रभावशाली होता है।यह धन की वृद्धि, दोस्तों से मदद और सामाजिक पहचान देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "आंखों का मरीज" होता है।खर्च, एकांत और विदेश में सूर्य कमजोर होता है।यह स्वास्थ्य में परेशानी, आर्थिक नुकसान और आत्मचिंतन की ओर ले जा सकता है।  
#सूर्य #ज्योतिष #भावप्रभाव  

लग्न से चंद्र अगर (चंद्रमा का 12 भावों में प्रभाव):  
चंद्रमा मन, भावनाओं, माता और मानसिक शांति का कारक है।यह संवेदनशीलता और बदलाव का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "मन से काम करने वाला" होता है।भावुक, संवेदनशील और आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है।मन की चंचलता इसे प्रभावित करती है और यह दूसरों के प्रति सहानुभूति रखता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "ख्यालों से धनी" कहते हैं।धन और परिवार में कोमलता होती है।यह वाणी में मधुरता, धन जमा करने की क्षमता और पारिवारिक सुख देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "हर बात को पूछकर चलने वाला" होता है।भाई-बहनों और संचार में चंचलता रहती है।यह जिज्ञासु दिमाग, सक्रियता और छोटी यात्राओं में रुचि देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "मकान, दुकान और घर में रहने वाला" होता है।माता और सुख से गहरा लगाव होता है।यह घरेलू सुख, संपत्ति और मां की देखभाल की भावना देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "मनोरंजन में मस्त रहता है"।संतान और रचनात्मकता में भावनात्मकता होती है।यह कला, प्रेम और बच्चों से खुशी देता है।  
6. छठे भाव में: इसे "कोई काम सोचने से नहीं होता" कहते हैं।शत्रु और रोग से मन परेशान रहता है।यह स्वास्थ्य में परेशानी और मानसिक तनाव दे सकता है।  
7. सातवें भाव में: यह "हर बात में माता की राय जरूरी होती है"।जीवनसाथी से भावनात्मक जुड़ाव होता है।यह रिश्तों में संवेदनशीलता और साथी पर निर्भरता लाता है।  
8. आठवें भाव में: इसे "मन की गहराइयां बहुत हैं, थाह पाना मुश्किल है" कहते हैं।रहस्य और परिवर्तन में गहराई होती है।यह मानसिक जटिलता और भावनात्मक उतार-चढ़ाव देता है।  
9. नवें भाव में: यह "हर काम भाग्य के भरोसे" होता है।भाग्य और धर्म में विश्वास होता है।यह आध्यात्मिकता, सौभाग्य और लंबी यात्राओं का शौक देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "कार्य के लिए सोचने वाला है, करने वाला नहीं"।कर्म में भावनात्मक दृष्टिकोण होता है।यह प्रसिद्धि दे सकता है लेकिन मेहनत कम करता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "कमाने के पहले खर्च करने वाला" होता है।लाभ में भावनात्मक निर्णय लेता है।यह मित्रों से सहायता और सामाजिक जुड़ाव देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "टोने-टोटके और ज्योतिष में रुचि रखने वाला" होता है।एकांत और आध्यात्मिकता में रुचि होती है।यह रहस्यमयी स्वभाव और आत्मचिंतन की ओर ले जाता है।  
#चंद्रमा #ज्योतिष #मन  

मंगल अगर (मंगल का 12 भावों में प्रभाव):  
मंगल साहस, ऊर्जा, क्रोध और संघर्ष का कारक है।यह शारीरिक शक्ति और जुनून का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "तलवार का धनी" होता है।साहसी, जोशीला और शारीरिक रूप से मजबूत होता है।यह क्रोध, ऊर्जा और आत्मनिर्भरता देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "खरी-खोटी सुनाने वाला" कहते हैं।धन और वाणी में तेजस्विता होती है।यह धन के लिए संघर्ष और बोलने में स्पष्टता देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "झगड़ा करने की आदत" वाला होता है।भाई-बहनों से विवाद और साहस में वृद्धि होती है।यह पराक्रम और छोटी यात्राओं में सफलता देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "मन को सुलगाने वाला" होता है।माता और संपत्ति में तनाव होता है।यह घर में संघर्ष और मां से मतभेद दे सकता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "शक्की स्वभाव का" होता है।संतान और बुद्धि में जुनून होता है।यह रचनात्मकता में जोश और संतान से तनाव देता है।  
6. छठे भाव में: इसे "खून में बीमारी" कहते हैं।शत्रुओं पर विजय मिलती है लेकिन स्वास्थ्य में चुनौतियाँ रहती हैं।यह संघर्ष में सफलता और रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "काम में चौकस" होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में ऊर्जा होती है।यह रिश्तों में तनाव और जुनून दे सकता है।  
8. आठवें भाव में: इसे "सूली हुई मिठाई" कहते हैं।आयु और रहस्य में कष्ट होता है।यह जीवन में जोखिम, दुर्घटना और गहरे बदलाव लाता है।  
9. नवें भाव में: यह "खानदान को आग लगाने वाला" होता है।भाग्य और धर्म में विवाद होता है।यह स्वतंत्रता और परंपराओं से विद्रोह देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "जो कहा वह सच है, भले ही झूठ हो"।कर्म में साहस और प्रभाव होता है।यह करियर में सफलता और नेतृत्व की क्षमता देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "चोरों का सरदार" होता है।लाभ और मित्रों में जोखिम लेने की प्रवृत्ति होती है।यह धन में वृद्धि और दोस्तों से सहायता देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "तवे पर पानी मछली की तरह मछमछाता है"।खर्च और एकांत में बेचैनी होती है।यह गुप्त शत्रु, नुकसान और छिपे हुए तनाव देता है।  
#मंगल #ज्योतिष #साहस  

बुध अगर (बुध का 12 भावों में प्रभाव):  
बुध बुद्धि, संचार, व्यापार और चतुराई का कारक है।यह तर्क और सीखने का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "बातूनी" होता है।बुद्धिमान, चतुर और संचार में कुशल होता है।यह व्यक्तित्व में चंचलता, तेज दिमाग और बोलने की कला देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "समझ और सलाह वाला" कहते हैं।धन और वाणी में बुद्धिमता होती है।यह व्यापार में सफलता, धन जमा करने की क्षमता और मीठी बोली देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "चुगलखोर" होता है।भाई-बहनों और संचार में सक्रियता होती है।यह जिज्ञासा, गपशप और छोटी यात्राओं में रुचि देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "गाने-बजाने में रुचि" वाला होता है।माता और सुख में रचनात्मकता होती है।यह शिक्षा में सफलता, मां से लगाव और घर में खुशी देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "गेंद की तरह परिवार को उछालने वाला" होता है।संतान और बुद्धि में चंचलता होती है।यह कला में रुचि, बच्चों से खुशी और तेज दिमाग देता है।  
6. छठे भाव में: इसे "आवाज धीमी" कहते हैं।शत्रु और रोग में विश्लेषण की क्षमता होती है।यह स्वास्थ्य में सावधानी और दुश्मनों से बचाव की शक्ति देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "मौन रहकर सुनने वाला" होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में बुद्धिमता होती है।यह व्यापार में लाभ और रिश्तों में समझदारी देता है।  
8. आठवें भाव में: इसे "बात की औकात नहीं" कहते हैं।रहस्य और परिवर्तन में कमजोरी होती है।यह जीवन में संदेह, मानसिक भटकाव और गहरे विचार लाता है।  
9. नवें भाव में: यह "पहुंचकर भी सहायता न करने वाला" होता है।भाग्य और धर्म में बुद्धि होती है।यह ज्ञान में वृद्धि, शिक्षा और दर्शन में रुचि देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "बातों का व्यापार करने वाला" होता है।कर्म और प्रसिद्धि में संचार की शक्ति होती है।यह करियर में सफलता, सम्मान और व्यापारिक कौशल देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "इज्जत को बखानने वाला" होता है।लाभ और मित्रों में चतुराई होती है।यह सामाजिकता, दोस्तों से लाभ और धन की वृद्धि देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "आधा पागल" होता है।खर्च और एकांत में चंचलता होती है।यह मानसिक भटकाव, नुकसान और गुप्त चिंताएं दे सकता है।  
#बुध #ज्योतिष #बुद्धि  

गुरु अगर (गुरु का 12 भावों में प्रभाव):  
गुरु ज्ञान, धर्म, समृद्धि और नैतिकता का कारक है।यह शिक्षक, सौभाग्य और विस्तार का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "बेचारा अकेला" होता है।ज्ञानी और उदार होता है लेकिन आत्म-केंद्रित भी हो सकता है।यह सम्मान, बुद्धि और सकारात्मक सोच देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "वेद को भी बेचकर खाने वाला" कहते हैं।धन और परिवार में समृद्धि होती है।यह धन संचय, पारिवारिक सुख और ज्ञान से लाभ देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "हर बात धार्मिक होनी चाहिए" वाला होता है।भाई-बहनों और संचार में ज्ञान होता है।यह शिक्षा में रुचि, भाई-बहनों से सहायता और लेखन में सफलता देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "कपड़े की जानकारी" वाला होता है।माता और सुख में समृद्धि होती है।यह घरेलू सुख, मां से लाभ और संपत्ति में वृद्धि देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "रास्ते चलते शिक्षा देने वाला" होता है।संतान और बुद्धि में ज्ञान होता है।यह संतान सुख, रचनात्मकता और उच्च शिक्षा में सफलता देता है।  
6. छठे भाव में: यह "कर्मठ, दुश्मनी और बीमारी में गुणी" होता है।शत्रु और रोग में विजय होती है।यह स्वास्थ्य में सुधार, मेहनत और कठिनाइयों पर जीत देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "धर्म पर बहस करने वाला" होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में उदारता होती है।यह रिश्तों में लाभ, समझदार साथी और व्यापार में सफलता देता है।  
8. आठवें भाव में: इसे "सर्व पूर्ण को खाने वाला" कहते हैं।रहस्य और आयु में जटिलता होती है।यह जीवन में कष्ट, गहरे अनुभव और आध्यात्मिक खोज लाता है।  
9. नवें भाव में: यह "पूर्वजों के भाग्य को खाने वाला" होता है।भाग्य और धर्म में समृद्धि होती है।यह सौभाग्य, धार्मिकता और लंबी यात्राओं में सफलता देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "पूर्वजों की संपत्ति को बेचकर खाने वाला" होता है।कर्म और प्रसिद्धि में ज्ञान होता है।यह करियर में उन्नति, सम्मान और नेतृत्व देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "दोस्तों के बनाने वाला" होता है।लाभ और मित्रों में उदारता होती है।यह सामाजिक सफलता, दोस्तों से लाभ और धन की वृद्धि देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "आगे नाम चलाने वाला नहीं" होता है।खर्च और एकांत में ज्ञान होता है।यह आध्यात्मिकता, दान और मुक्ति की ओर ले जाता है।  
#गुरु #ज्योतिष #ज्ञान  

शुक्र अगर (शुक्र का 12 भावों में प्रभाव):  
शुक्र सुख, प्रेम, सौंदर्य और विलासिता का कारक है।यह रिश्तों और भौतिक सुख का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "खूबसूरत" होता है।आकर्षक और सौम्य स्वभाव वाला होता है।यह व्यक्तित्व में सुंदरता, आकर्षण और लोगों से प्यार देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "बिना क्रीम लगाए कहीं जाने वाला नहीं" कहते हैं।धन और वाणी में विलासिता होती है।यह धन में सुख, मीठी बोली और भौतिक संपत्ति देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "सब संवर कर ही निकलेगा" वाला होता है।भाई-बहनों और संचार में सौंदर्य होता है।यह कला में रुचि, भाई-बहनों से सहायता और रचनात्मकता देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "रोजाना सवारी करनी है" वाला होता है।माता और सुख में विलासिता होती है।यह घर में सुख, मां से प्यार और वाहन सुख देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "फिल्म देखने से फुर्सत नहीं" वाला होता है।संतान और रचनात्मकता में प्रेम होता है।यह प्रेम, कला और बच्चों से खुशी देता है।  
6. छठे भाव में: यह "मकान, दुकान और पत्नी को गिरवी रखने वाला" होता है।शत्रु और रोग में सुख की हानि होती है।यह कर्ज, स्वास्थ्य में परेशानी और रिश्तों में तनाव दे सकता है।  
7. सातवें भाव में: यह "जीवन को पैर के नीचे लेकर चलने वाला" होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में प्रभुत्व होता है।यह रिश्तों में सुख, प्यार और साझेदारी में सफलता देता है।  
8. आठवें भाव में: यह "श्मशान में भी सो सकने वाला" होता है।रहस्य और आयु में सुख की चाह होती है।यह जोखिम, गहरे अनुभव और भावनात्मक जटिलता देता है।  
9. नवें भाव में: यह "देश में रह नहीं सकता" वाला होता है।भाग्य और धर्म में विलासिता होती है।यह विदेश यात्रा, सौभाग्य और नए अनुभव देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "चमक-दमक में काम करना है" वाला होता है।कर्म और प्रसिद्धि में सौंदर्य होता है।यह करियर में आकर्षण, सफलता और सम्मान देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "शाम को रोटी उधारी की आ सकती है" वाला होता है।लाभ और मित्रों में सुख होता है।यह सामाजिकता, दोस्तों से लाभ और धन की वृद्धि देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "आराम का मामला" होता है।खर्च और एकांत में विलासिता होती है।यह सुख, शांति और आध्यात्मिक सुख देता है।  
#शुक्र #ज्योतिष #प्रेम  

शनि अगर (शनि का 12 भावों में प्रभाव):  
शनि कर्म, अनुशासन, कष्ट और मेहनत का कारक है।यह समय और सीमाओं का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "सख्त" होता है।मेहनती और गंभीर स्वभाव वाला होता है।यह जीवन में कठिनाई, धैर्य और मजबूत इच्छाशक्ति देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "धन की चिंता" कहते हैं।धन और परिवार में कमी होती है।यह धन संचय में देरी, मेहनत और आर्थिक तनाव देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "आलसी" होता है।भाई-बहनों और संचार में सुस्ती होती है।यह मेहनत में कमी और भाई-बहनों से दूरी देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "ठंड अधिक लगती है" वाला होता है।माता और सुख में कठिनाई होती है।यह घर में एकांत, मां से दूरी और संपत्ति में देरी देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "कल का खाया नहीं पचता" वाला होता है।संतान और बुद्धि में देरी होती है।यह शिक्षा में कष्ट, संतान से तनाव और रचनात्मकता में रुकावट देता है।  
6. छठे भाव में: यह "सारी जिंदगी की ताबेदारी" वाला होता है।शत्रु और रोग में विजय होती है।यह नौकरी में सफलता, मेहनत और स्वास्थ्य में सुधार देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "रोजाना पहाड़ पर चढ़कर काम करना है" वाला होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में मेहनत होती है।यह रिश्तों में कष्ट, देरी और गंभीरता देता है।  
8. आठवें भाव में: यह "सूखा कुआं" होता है।आयु और रहस्य में कठिनाई होती है।यह जीवन में संघर्ष, लंबी आयु और कष्ट देता है।  
9. नवें भाव में: यह "भाग्य भरोसे नहीं, काम के भरोसे कमाना है" वाला होता है।भाग्य और धर्म में मेहनत होती है।यह कर्म से सफलता, धैर्य और साधारण जीवन देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "दिन-रात मेहनत के बाद भी केवल रोटी" वाला होता है।कर्म और प्रसिद्धि में कठिनाई होती है।यह करियर में धीमी प्रगति, मेहनत और स्थिरता देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "रोजाना काम का पैसा डूबने वाला" होता है।लाभ और मित्रों में नुकसान होता है।यह धन में हानि, दोस्तों से दूरी और मेहनत का कम फल देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "आराम के मामलों में खर्च नहीं" वाला होता है।खर्च और एकांत में संयम होता है।यह आध्यात्मिकता, एकांत और कष्ट से मुक्ति देता है।  
#शनि #ज्योतिष #कर्म  

राहु अगर (राहु का 12 भावों में प्रभाव):  
राहु भ्रम, महत्वाकांक्षा, छल और अप्रत्याशित बदलाव का कारक है।यह सांसारिक इच्छाओं का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "आसमान से उतरना मुश्किल" होता है।भ्रमित और महत्वाकांक्षी स्वभाव होता है।यह व्यक्तित्व में रहस्य, अजीब आदतें और बड़े सपने देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "पैसा कहां से आएगा" कहते हैं।धन और वाणी में अनिश्चितता होती है।यह धन में जोखिम, अप्रत्याशित लाभ और हानि देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "कोई भरोसा नहीं, कब थप्पड़ मार दे" वाला होता है।भाई-बहनों और संचार में अस्थिरता होती है।यह साहस में छल, भाई-बहनों से तनाव और अचानक बदलाव देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "हर बात में शक" वाला होता है।माता और सुख में संदेह होता है।यह घर में अशांति, मां से दूरी और संपत्ति में जोखिम देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "पढ़ाई से क्या, हम बहुत जानते हैं" वाला होता है।संतान और बुद्धि में भ्रम होता है।यह शिक्षा में बाधा, संतान से परेशानी और अजीब विचार देता है।  
6. छठे भाव में: यह "बिना दवाई के रास्ता नहीं चलता" वाला होता है।शत्रु और रोग में चालाकी होती है।यह स्वास्थ्य में जटिलता, दुश्मनों से जीत और अप्रत्याशित मदद देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "घर में कभी नहीं बनता" वाला होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में भ्रम होता है।यह रिश्तों में अस्थिरता, अनोखे साथी और तनाव देता है।  
8. आठवें भाव में: यह "पता नहीं कब गायब हो जाए" वाला होता है।आयु और रहस्य में अनिश्चितता होती है।यह जीवन में जोखिम, अचानक बदलाव और गहरे रहस्य देता है।  
9. नवें भाव में: यह "खाना खाने से पहले पूर्वजों का नाम लेना है" वाला होता है।भाग्य और धर्म में छल होता है।यह विदेश से लाभ, अजीब विश्वास और सौभाग्य देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "कभी भूत की तरह काम, कभी करना ही नहीं" वाला होता है।कर्म और प्रसिद्धि में अनियमितता होती है।यह करियर में उतार-चढ़ाव, अप्रत्याशित सफलता और असफलता देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "कभी बहुत कमाई, कभी धेला भी नहीं" वाला होता है।लाभ और मित्रों में अस्थिरता होती है।यह धन में जोखिम, दोस्तों से अचानक लाभ और हानि देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "घर से बाहर निकलने में डर लगता है" वाला होता है।खर्च और एकांत में भय होता है।यह गुप्त कष्ट, नुकसान और अजीब अनुभव देता है।  
#राहु #ज्योतिष #भाग्य  

केतु अगर (केतु का 12 भावों में प्रभाव):  
केतु वैराग्य, आध्यात्मिकता, अलगाव और रहस्य का कारक है।यह मुक्ति और पिछले कर्मों का प्रतीक है।इसका प्रभाव इस तरह है:  

1. पहले भाव में: यह "अकेला काफी है" वाला होता है।वैरागी और स्वतंत्र स्वभाव होता है।यह व्यक्तित्व में एकांत, आध्यात्मिकता और अजीब आदतें देता है।  
2. दूसरे भाव में: इसे "मामलिक के लिए धनदायक" कहते हैं।धन और वाणी में रहस्य होता है।यह संपत्ति से लाभ, अचानक धन और बोलने में संकोच देता है।  
3. तीसरे भाव में: यह "टेलीफोन का तार" वाला होता है।भाई-बहनों और संचार में अलगाव होता है।यह संचार में बाधा, भाई-बहनों से दूरी और वैराग्य देता है।  
4. चौथे भाव में: यह "बेचारा गांव का मरीज" होता है।माता और सुख में कमी होती है।यह घर में वैराग्य, मां से दूरी और संपत्ति में नुकसान देता है।  
5. पांचवें भाव में: यह "क्रिकेट का बल्ला" वाला होता है।संतान और बुद्धि में चंचलता होती है।यह शिक्षा में अलगाव, संतान से दूरी और अजीब रचनात्मकता देता है।  
6. छठे भाव में: यह "औरतें ही खराब हैं" वाला होता है।शत्रु और रोग में रहस्य होता है।यह स्वास्थ्य में जटिलता, गुप्त दुश्मन और वैराग्य देता है।  
7. सातवें भाव में: यह "सामने खंभा" वाला होता है।जीवनसाथी और साझेदारी में बाधा होती है।यह रिश्तों में अलगाव, तनाव और आध्यात्मिक झुकाव देता है।  
8. आठवें भाव में: यह "एक टांग टूटी" वाला होता है।आयु और रहस्य में कमी होती है।यह जीवन में कष्ट, गहरे अनुभव और मुक्ति की ओर ले जाता है।  
9. नवें भाव में: यह "कोई धर्म हो, सब एक हैं" वाला होता है।भाग्य और धर्म में वैराग्य होता है।यह आध्यात्मिकता, सौभाग्य और परंपराओं से दूरी देता है।  
10. दसवें भाव में: यह "सरकारी नेता" वाला होता है।कर्म और प्रसिद्धि में रहस्य होता है।यह करियर में अलगाव, अप्रत्याशित बदलाव और वैराग्य देता है।  
11. ग्यारहवें भाव में: यह "हर काम बाएं हाथ का" वाला होता है।लाभ और मित्रों में अनियमितता होती है।यह धन में वैराग्य, दोस्तों से दूरी और अचानक बदलाव देता है।  
12. बारहवें भाव में: यह "झंडा ऊंचा रहे हमारा" वाला होता है।खर्च और एकांत में आध्यात्मिकता होती है।यह मुक्ति, गहरी शांति और पिछले कर्मों का फल देता है।  
#केतु #ज्योतिष #आध्यात्मिकता  

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से हर ग्रह और भाव का असर व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, धन, रिश्ते, करियर और आध्यात्मिकता पर पड़ता है।#ज्योतिष #ग्रहप्रभाव #राशिफल

Monday, 19 May 2025

ताबीज के धागे से मां ने बेटे का गला घोंटाः कानपुर में प्रेमी के साथ रहने के लिए 4 साल के मासूम की हत्या की*

*सूत्रों से बड़ी ख़बर ताबीज के धागे से मां ने बेटे का गला घोंटाः कानपुर में प्रेमी के साथ रहने के लिए 4 साल के मासूम की हत्या की*
*कानपुर* में प्रेमी के साथ जाने के लिए महिला ने अपने 4 साल के बेटे की हत्या कर दी। गले में बंधे ताबीज के धागे से बेटे का गला घोंट दिया। चेहरे पर कई जगह को दांतों से काट लिया। इसके बाद छत पर सो रहे ससुर के पास बच्चे को सुला दिया। नीचे आकर काम करने लगी। इस बीच पति आया तो बोली- कोल्ड ड्रिंक पीने का मन है, लेकर आओ। इधर, बच्चे में कोई हरकत नहीं होने पर दादा उसे जगाने लगे। मासूम जब कुछ नहीं बोला तो परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पति ने घर आकर पत्नी से पूछा तो महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने बेटे की हत्या करने की बात कबूली। मामला रविवार देर रात नरवल थाना क्षेत्र के मजरा प्रतापपुर गांव का है। महिला एक माह पहले गांव के एक युवक के साथ भाग गई थी। कुछ दिन पहले ही पुलिस व परिजनों के दबाव में वापस आई थी। पति की तहरीर पर पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मां और प्रेमी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।

पुलिस मुतभेड़ में एक गो तस्कर मारा गया एक हेड कांस्टेबल हुआ शहीद*

*पुलिस मुतभेड़ में एक गो तस्कर मारा गया एक हेड कांस्टेबल हुआ शहीद*


*जौनपुर!* 14 और 15 मई की रात्रि पशु तस्करों ने अपने पिकअप वाहन से जान बुझकर जलालपुर थाने के चौकी प्रभारी पराउगंज प्रतिमा सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों को जान मारने की नियत से बदमाशों ने मारा था टक्कर
जिसमें श्रीमती प्रतिमा सिंह को गम्भीर चोट आने पर उनको ट्रामा सेन्टर वाराणसी में ईलाज के लिए भेज दिया गया।

जिसको लेक्ट पुलिस हरकत में आई और पूरे जनपद में सतर्कता के साथ गौ तस्करों के विरुद्ध चेंकिग अभियान के निर्देश दिये गये इस आदेश के पर 17 मई को प्रभारी निरीक्षक चन्दवक सत्य प्रकाश सिंह द्वारा खुज्झी मोड़ पर अपने फोर्स के साथ चेंकिग किया जा रहा था तभी रात्रि 11.50 बजे आजमगढ़ वाराणसी रोड़ पर आजमगढ की तरफ से गौ तस्कर एक पिकअप में सवार होकर वाराणसी की तरफ जा रहे थे कि रोकने पर जान मारने की नियत से पुलिस फोर्स पर चढ़ाने का प्रयास किया 
जिसमें चेकिंग कर रहे हे0का0 दुर्गेश कुमार सिंह को टक्कर मारते हुये बदमाश वाराणसी की तरफ भागने लगे । घटना की सूचना पर पहुची पुलिस हो गई जनपद की एसओजी टीम के साथ आस पास के थाने की पुलिस बल द्वारा उक्त पिकअप नं0 UP 65 PT 9227 का पीछा किया तथा गम्भीर रुप से घायल हे0का0 दुर्गेश कुमार सिंह को ट्रामा सेन्टर वाराणसी ले जाया गया । जहां पर इलाज के दौरान आज रात्रि के लगभग 1 बजे डाक्टरों ने हे0का0 दुर्गेश कुमार सिंह को मृत घोषित कर दिया ।

पुलिस ने इस घटना के सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 135/2025 धारा 103 बीएनएस विरुद्ध वाहन पिकअप नं0 UP 65 PT 9227 का चालक नाम पता अज्ञात व कुछ नाम पता अज्ञात के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

उक्त पिकअप व गौ तस्करों की तलाश व पीछा करते हुये। पुलिस बल ग्राम ताला बेला थाना चोलापुर जनपद वाराणसी पहुचे जहाँ पर गौ तस्करो ने उक्त वाहन पिकअप नं0 UP 65 PT 9227 को छोड़कर दो मोटर साइकिल पर तीन – तीन बैठकर चन्दवक की तरफ भागने लगे।

थाना क्षेत्र चन्दवक के अन्तर्गत पुलिस टीम पर एक मोटर साइकिल पर बैठे गौ तस्करों दवारा जान मारने की नियत से फायर किया जाने लगा । पुलिस टीम द्वारा आत्म रक्षार्थ जबाबी कार्यवाही में

नरेन्द्र यादव पुत्र हौसिला प्रसाद यादव निवासी रमना चौबेपुर वाराणसी,
गोलू पुत्र संकठा यादव निवासी टड़िया थाना अलीनगर चन्दौली के पैरों में गोली लगी है तथा
सलमान पुत्र मुसाफिर निवासी मुथरापुर कोटवा थाना जलालपुर जनपद जौनपुर को सीने में गोली लगने के कारण गम्भीर रुप से घायल होने पर सीएचसी डोभी बीरीबारी चन्दवक के डाक्टरो द्वारा बेहतर ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय जौनपुर रेफर किया गया है । जहां इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया
दुसरे मोटर साइकिल पर बैठे अभियुक्तगण
4.राहुल यादव पुत्र तहसीलदार यादव निवासी तालाबेला थाना चोलापुर जनपद वाराणसी,
5.राजू यादव पुत्र अज्ञात निवासी अज्ञात,
6.आजाद यादव पुत्र अज्ञात निवासी अज्ञात,फरार हो गये।

जिनकी गिरफ्तारी हेतु टीमें लगायी गयी है पुलिस ने घटना में प्रयुक्त वाहन पिकअप नं0 UP 65 PT 9227 को ग्राम ताला बेला थाना चोलापुर वाराणसी से बरामद कर लिया है ।

सांप्रदायिक प्रतिशोध के बिना न्याय की खोज: पहलगाम हमले के प्रकाश में*

*सांप्रदायिक प्रतिशोध के बिना न्याय की खोज: पहलगाम हमले के प्रकाश में*
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम घाटी की शांति, जो लंबे समय से अपने हरे-भरे घास के मैदानों और शांत नदियों के लिए जानी जाती है, एक अकल्पनीय क्रूरतापूर्ण घटना से छिन्न-भिन्न हो गई। धोखेबाज़ी से तैयार आतंकवादियों ने हज़ारों बेख़बर पर्यटकों की भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। एक ऐसे क्षेत्र में जहाँ सरकार वर्षों की उथल-पुथल के बाद सामान्य जीवन के नाज़ुक ताने-बाने को जोड़ने की कोशिश कर रही थी, इस हमले को घाटी की मुस्लिम आबादी के आतिथ्य पर एक गहरा घाव माना जाता है। इसने कश्मीर के पहाड़ों से परे, भारत के दिल और दुनिया भर में सिहरन पैदा कर दी। दुनिया भर के नेताओं से लेकर आम लोगों तक, जिन्होंने यह खबर सुनी, शोक, निंदा के संदेश आने लगे। इसके तुरंत बाद, दोष लगाने की होड़ मच गई। उँगलियाँ सीमा पार के आतंकी नेटवर्क की ओर उठीं और भारी सैन्यीकृत नियंत्रण रेखा के पार कूटनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे। टेलीविजन स्क्रीन पर रोते हुए माता-पिता, हमले की जगह पर छोड़े गए चप्पल और शहरी केंद्रों में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना करने की तस्वीरें दिखाई दे रही थीं। लेकिन इस सामूहिक शोक के साथ-साथ, एक और भी गहरा, अधिक परिचित अंतर्धारा भी उभरने लगी- एक दुखद घटना के चश्मे से पूरे समुदाय को देखने की इच्छा।

मुस्लिम संगठनों, नागरिक समाज समूहों और समुदाय के बुजुर्गों ने निंदा और एकजुटता के प्रदर्शन के बयानों के माध्यम से अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। धार्मिक नेताओं ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए समारोह और मोमबत्ती मार्च आयोजित किए और इस तरह के शर्मनाक कृत्यों के खिलाफ एकता का आह्वान किया। मस्जिद समितियों ने अंतरधार्मिक प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया, जहां मुस्लिम और गैर-मुस्लिम समान रूप से मंद रोशनी में एकत्र हुए, एक साथ सिर झुकाए, दुःख की सार्वभौमिक भाषा बोल रहे थे। संदेश सरल लेकिन शक्तिशाली था: आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, कोई भी समुदाय, चाहे वह कितना भी दृश्यमान या कमजोर क्यों न हो, कुछ लोगों द्वारा किए गए अपराधों का बोझ नहीं उठाना चाहिए। शोकग्रस्त कश्मीर घाटी, पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों और उत्तर प्रदेश, बिहार और केरल के शांत शहरों में, आम मुसलमानों ने इस संदेश को शांत गरिमा के साथ जीया। दुकानदार

विभिन्न क्षेत्रों से सार्वजनिक हस्तियों ने अपनी आवाज़ उठाई और न्याय की मांग की- बदला लेने की नहीं। उमर अब्दुल्ला, उमर फ़ारूक़, महबूबा मुफ़्ती जैसी हस्तियों ने देश को याद दिलाया कि दुख को नफ़रत में नहीं बदलना चाहिए। उनका संदेश बिल्कुल साफ़ था कि लोगों को एक व्यक्ति के रूप में देखना ज़रूरी है, न कि एक अखंड धर्म के बेपरवाह प्रतिनिधियों के रूप में। उनका अपीलें गूंज उठीं, जो सोशल मीडिया एल्गोरिदम द्वारा आसानी से बढ़ाए जाने वाले गुस्से के ज्वार के खिलाफ एक शांत प्रति-धारा के रूप में काम कर रही थीं। अकादमिक और नीतिगत हलकों ने चिंता जताई कि सामूहिक दंड और प्रोफाइलिंग से स्थिति और खराब हो सकती है। दुनिया भर के अध्ययनों से पता चलता है कि आतंकवादी हमलों के मद्देनजर एक समुदाय को पूरी तरह से अलग-थलग कर देना किसी देश को सुरक्षित नहीं बनाता है, बल्कि यह वही आक्रोश और दरारें पैदा करता है जिसका चरमपंथी फायदा उठाना चाहते हैं। भारत का अपना इतिहास-इसका गौरवशाली, दर्दनाक, लचीला इतिहास-विभाजन के बजाय समावेश को चुनने के महत्व पर अनगिनत सबक देता है।

जबकि राष्ट्र अपने खोए हुए नागरिकों के लिए शोक मना रहा है, ये सामुदायिक आवाजें आतंकवाद का जवाब देने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती हैं, जिससे न्याय कायम रहे, नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा हो, तथा भारत के विविध समुदायों को जोड़ने वाले साझा आदर्शों का संरक्षण हो।
फरहत अली खान 
एम ए गोल्ड मेडलिस्ट

जो तुम्हे नंगा कर के तुम्हारे सामने खुद नंगा होकर संबंध बनता हो उससे कैसी शर्म, जो तुम्हारे स्तन योनि नितंब आदि को स्पर्श किया हो उससे कैसी शर्म

जो तुम्हे नंगा कर के तुम्हारे सामने खुद नंगा होकर संबंध बनता हो उससे कैसी शर्म, जो तुम्हारे स्तन योनि नितंब आदि को स्पर्श किया हो उससे कैसी शर्म

जिसने तुम्हे ऐसी अवस्था में देखा हो जैसे तुम्हारी मां ने देखा था तो उससे कैसी शर्म
अमन और मेरी शादी को दो साल हो चुके थे। मैं बिहार के दरभंगा से हूं, जहां बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि लड़की की सबसे बड़ी इज्जत उसकी लज्जा होती है। इसी सोच के साथ मैं पली-बढ़ी थी। मेरे ससुराल में भी यही परंपरा थी, जहां घर की इज्जत पहले बेटी और फिर बहू से जुड़ी होती है।

शादी के बाद मेरी जिंदगी बहुत खूबसूरती से चल रही थी। अमन बहुत प्यार करने वाले पति थे। उनका स्पर्श मानो दिनभर की थकान को मिटा देता था। हमारे बीच रिश्ता सिर्फ पति-पत्नी का नहीं, बल्कि दोस्ती और अपनेपन का भी था। वह हर रूप में मेरे साथ खड़े थे।

कुछ समय बाद मैं गर्भवती हुई, और यह खबर पूरे परिवार के लिए खुशी लेकर आई। सबने मेरा ध्यान रखा। एक दिन, रूटीन चेकअप के लिए मैं अमन के साथ अस्पताल गई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पता चला कि बच्चा स्वस्थ है। लेकिन अस्पताल से लौटते समय एक ई-रिक्शा ने मुझे टक्कर मार दी। अमन ने मुझे संभालने की कोशिश की, लेकिन मैं पेट के बल गिर गई। दर्द असहनीय था।

हमें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया, तो लगा जैसे शरीर का कुछ हिस्सा काम नहीं कर रहा था। अमन ने मुझे दिलासा दिया और कहा कि सब ठीक है। बाद में उन्होंने बताया कि मेरी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट थी और कई नसें डैमेज हो गई थीं। इससे शरीर का निचला हिस्सा कभी काम करता था, कभी नहीं।

तीन दिन बाद जब मैं घर लौटी, तो अमन ने बताया कि एक्सीडेंट की वजह से हमारा बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा। यह सुनकर मेरा दिल टूट गया। ऊपर से मेरी शारीरिक स्थिति ने मुझे और अधिक बेबस बना दिया। एक दिन, जब अमन मुझे खाना खिला रहे थे, अचानक पेशाब निकल गया। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के सफाई की। लेकिन मुझे यह सब देखकर गहरा दुख हुआ।

मैंने अपनी सास से अपनी समस्या बताई और उनसे कहा कि किसी दाई को रख लें। सास नाराज होकर बोलीं कि मुझे शर्म नहीं आती, जो पति से अपना मल-मूत्र साफ कराती हूं।

शाम को अमन से मैंने यह बात साझा की। मैंने कहा कि यह सब उनसे करवाना मुझे शोभा नहीं देता। अमन ने मेरी ओर देखा और कहा, "अगर मेरी जगह तुम्हारी यह स्थिति होती, तो क्या तुम मुझे ऐसा कहतीं?"
मैं चुप थी।
उन्होंने आगे कहा, "जिसने तुम्हें हर रूप में देखा और अपनाया है, उससे कैसी शर्म? अगर तुम्हें मुझसे शर्म आती है, तो मैं एक नर्स रख सकता हूं। लेकिन तब मुझे लगेगा कि हमारे बीच का रिश्ता कमजोर हो गया है।"

उनकी बातों ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया। मैं सोचने लगी कि मैंने ऐसा कौन-सा सौभाग्य कमाया था, जो मुझे अमन जैसा जीवनसाथी मिला।
आज उस हादसे को दो साल हो चुके हैं। अमन रोज रात मेरे कमर की मालिश करते हैं, ताकि मैं जल्द से जल्द ठीक हो सकूं। उनके प्रेम और समर्पण ने मुझे हर कठिनाई से लड़ने का साहस दिया है।