Monday, 26 May 2025

मानसून का समय से पूर्वआगमन और मानसूनी वर्षा का भविष्य -

मानसून का समय से पूर्वआगमन और मानसूनी वर्षा का भविष्य -डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि

इस बार मानसून ने केरल और आसपास 15 में को पहुंचकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था जबकि भारत के मौसम विभाग और स्काई वेदर जैसे चैनल 27 से 30 में के बीच मानसून का आगमन मानकर मानसून के दो-तीन दिन पहले आने की घोषणा कर चुके थे लेकिन हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर के द्वारा पहले ही मानसून के 15 में से आने और बहुत तेजी से इसके 17 में तक महाराष्ट्र और दक्षिण भारत बंगाल की खाड़ी अरब सागर और पूर्वोत्तर भारत में फैलने की बिल्कुल स्पष्ट भविष्यवाणी बहुत पहले कर दिया था यद्यपि भारत के मौसम विभाग ने 15 में को मानसून के आगमन को न मानते हुए उसको 24 में से माना जो कि हर दृष्टि से अनुचित वैज्ञानिक और गलत है शायद अपने अनुमान को नजदीक ले जाने के लिए जानबूझकर उसे 24 से माना गया जबकि मानसून के जितने मानक होते हैं उन सभी के अनुसार 15 में से मानसूनी वर्षा प्रारंभ हो चुकी थी 

समय से पूर्व आया हुआ यह मानसून बहुत तेजी से बढ़कर कर्नाटक गोवा महाराष्ट्र मुंबई लक्षद्वीप अंडमान निकोबार बंगाल त्रिपुरा अरुणाचल प्रदेश असम मेघालय नगालैंड मणिपुर मिजोरम और बांग्लादेश 17 में तक पहुंच गया और वहां लगातार वर्षा हो रही है मुंबई और आसपास पिछले एक सप्ताह में100 से 200 सेंटीमीटर वर्षा हो चुकी है और यही हाल केरल कर्नाटक और गोवा जैसे प्रदेश का है इसी तरह अंडमान निकोबार लक्षद्वीप और पूर्वोत्तर भारत में भी इन 10 दिनों के कालअवधि में 100 से 150 सेंटीमीटर वर्षा हो चुकी है। ज्योतिश्वर पंचांग उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों गणित के समीकरण और देसी कहावत और अन्य अनुमानों के अनुसार अभी यह वर्षा 30 में तक जारी रहेगी और 1 जून को जब मानसून आता है तब दक्षिण भारत में सूखे जैसी स्थितियां पैदा हो जाएंगी 

इधर उत्तर मध्य भारत और पश्चिम तथा पश्चिम उत्तर भारत में कमजोर पड़ा हुआ यह मानसून 25 से 30 में के बीच हल्की मध्यम वर्षा करता हुआ अचानक समाप्त हो जाएगा और इसके बाद महाराष्ट्र के उत्तर मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल और राजस्थान तथा दिल्ली हरियाणा पंजाब में मानसून का अगला चक्र 10 से 20 जून के आसपास प्रारंभ होगा इस प्रकार हमारे केंद्र के द्वारा समय से बहुत पहले मानसून आने की और भी चीज में सूखा पड़ने की भविष्यवाणी भी सही होगी 


15 से लेकर 30 में तक केरल तमिलनाडु से लेकर गोवा कर्नाटक मुंबई और सूरत तथा महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में भारी से बहुत भारी और कहीं-कहीं प्रचंड मूसलाधार बाढ़ लाने वाली वर्षा होगी विशेष कर मुंबई गोवा कर्नाटक करने का स्थान और चेन्नई के आसपास तथा महाराष्ट्र के अनेक भागों में यह स्थितियां पैदा होगी उसके बाद अचानक ही मानसून में एक अंतराल आने और सूखे जैसी स्थितियां होने के संकेत हैं 

कुल मिलाकर इस वर्ष की वर्षा 105 प्रतिशत के आसपास होगी यह अंतराल के साथ होगी और जब जहां होगी बहुत तेज और कई कई दिनों तक होगी और बीच-बीच में सूखे जैसी स्थितियां पद्धति रहेंगे इन सब कर्म के लिए हिमालय और पामीर के पत्थर समुद्र की जलधाराएं ला नीना और अलीना सूर्य की पृथ्वी के सापेक्ष स्थिति स्थानक विक्षोभ जल और स्थल पर गर्मी का अंतर ला नीनो और एल नीनो जैसे कारक हरियाली प्रदूषण जंगल और सीमेंट तथा कंक्रीट के जंगल घर में लगे हुए वातानुकूलित यंत्र माइक्रोवेव व में और लगातार बढ़ रही विषैली कैसे साथ-साथ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य का चुंबकीय प्रभाव अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात और महा चक्रवात तथा धरती के अन्य भागों के आंधी बवंडर तूफान और महा चक्रवात सामूहिक रूप से निर्णायक भूमिका निभा रहे है इस वर्ष सूर्य पर हो रहे प्रचंड महा विस्फोट और निकलने वाली सौर ज्वालाएं और सौर आंधियां समय पूर्व मानसून के आगमन का एक प्रमुख कारण हैजंगल और हरियाली के लगातार समाप्त हो जाने सेऔर सीमेंट कंक्रीट के जंगल बढ़ जाने से वर्षा लगातार कम दिनों में लेकिन भारी मात्रा में हो रहे हैं और पहले वाली वर्षा जो 10 से 15 दिनों तक लगातार होती थी उसका कम टूट गया है यही हाल ठंड और गर्मी का भी है लगातार वर्षा जाड़ा और गर्मी का क्रम अब संभव नहीं रहा है और आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी भीषण होगी क्योंकि अब धरती को हरा-भरा और ऑक्सीजन से भरपूर बनाना संभव नहीं हो पाएगा।

इस वर्ष में महीने में भारत में वर्षा का नया कीर्तिमान बनेगा 1 जून से 15 जून तक कम वर्षा और सुख का फिर 15 जून से 15 जुलाई तक सबसे अधिक वर्षा का कीर्तिमान बनेगा जुलाई और अगस्त के बाद 15 से 20 सितंबर तक मानसून के अचानक समाप्त होने से कृषि बागवानी और अन्य चीजों पर इसका निर्णायक असर पढ़ने की आशा है जौनपुर और आसपास के सभी जनपदों और पूर्वांचल क्षेत्र तथा बिहार भी इस वर्ष काफी दिनों के बाद औसत से अधिक वर्षा होने की प्रबल संभावना दिख रही है और भयंकर उमस पसीने भरा वातावरण और गर्मी की अवधि 25 अक्टूबर तक अनवरत जारी रहेगी लेकिन जब वर्षा तेज होगी तब मौसम सुहाना प्रतीत होता इस वर्ष धान के साथ-साथ मिली जुली फैसले जैसे मक्का ज्वार बाजरा अरहर इत्यादि बोना किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा

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