Tuesday, 23 September 2025

23 और 24 सितंबर एक अद्भुत भौगोलिक दिन- डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि*

*23 और 24 सितंबर एक अद्भुत भौगोलिक दिन- डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि*

अंतरिक्ष से देखने पर नीले हरे रंग की हमारी धरती घूमते हुए अनंत ब्रह्मांड का अद्भुत ग्रह है क्योंकि अभी तक एक भी ग्रह पृथ्वी की तरह खोजा नहीं जा सका है जो जीव जंतु हवा पानी और वनस्पतियों से युक्त हो धरती सचमुच अपने सौरमंडल का ही नहीं अपनी आकाशगंगा का भी सबसे अद्भुत ग्रह है और यहां पर घटने वाली भौगोलिक घटनाएं भी परम विचित्र हैं अपनी आकाशगंगा के दो खरब सूर्य के बीच कई हजार खरब ग्रह नक्षत्र में धरती पर ही जीवन विद्यमान है ऐसी ही एक अद्भुत भौगोलिक घटना 22 दिसंबर 21 जून 23 सितंबर और 21 मार्च को को घटित होती है जब सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होता है और 21 मार्च तथा 23 सितंबर को धरती पर दिन रात सर्दी गर्मी बराबर होती है

पृथ्वी बाहर से देखने पर गोल दिखती है लेकिन यह पूरी तरह गोल नहीं है बल्कि उत्तरी दक्षिणी ध्रुव पर नंगी की तरह हल्की चपटी है और यह अपने अक्ष पर 23.50अंश झुकी हुई है इसीलिए धरती पर दिन-रात बराबर नहीं रहता है क्योंकि धरती पर सूर्य की किरणें सामान नहीं पड़ती है इसलिए धरती पर दिन-रात अंधेरा उजाला बराबर नहीं रहता है अभी तक लगभग 5000 अरब आकाशगंगाएं खोजी जा चुकी हैं और धरती उन सब में अनूठी हैं

पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने के कारण मौसम और ऋतु में बदलता है जबकि पृथ्वी के अपने अक्ष पर लट्टू की तरह घूमने के कारण दिन और रात होते हैं इसी परिक्रमण और परिभ्रमण के कारण सूर्य पूर्व में उगता हुआ और पश्चिम में डूबता हुआ दिखाई देता है अपने लट्टू को देखा होगा वह अपने अक्ष पर घूमते हुए आगे भी बढ़ता रहता है ठीक इसी तरह हमारी धरती भी अपने अक्ष पर घूमते हुए सौरमंडल में पूरे सौर परिवार के साथ आकाशगंगा में आगे बढ़ती रहती है और हर घंटे हम अंतरिक्ष में 107000 किलोमीटर की मुफ्त यात्रा कर चुके होते हैं और अपनी आकाशगंगा भी अन्य आकाशगंगाओं की परिक्रमा कर रही है और सारी आकाशगंगाएं किसकी परिक्रमा कर रही है विज्ञान को ज्ञात नहीं है हमारे अनुसार वे भगवान शिव और भगवती पार्वती की परिक्रमा करते रहते हैं

23 और 24 सितंबर को धरती पर दिन रात सर्दी गर्मी बराबर रहते हैं जैसा कि इस समय आप देख रहे हैं लगभग 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात हो रही है यह बात आप पंचांग और विज्ञान में भी देख सकते हैं हमारे प्राचीन काल के ऋषि मुनि वैज्ञानिक दार्शनिक बुद्धिजीवी कितने विद्वान थे जिन्होंने लाखों वर्ष पहले धरती सूर्य आकाश गंगा सहित अनंत ब्रह्मांड की सटीक जानकारी और ग्रहण की जानकारी दे दिया था वह अनंत ब्रह्मांड में यात्रा करने में सक्षम थे अब सितंबर से लेकर नवंबर तक लगातार बसंत जैसा मौसम रहेगा नवंबर में सर्दी बढ़ने लगेगी और गर्मी कम होने लगेगी और धीरे-धीरे ठंड आ जाएगी यही हाल फरवरी और मार्च में भी होती है जब फागुन और चैत्र महीने में ठंडी गर्मी बराबर होती है ऐसा केवल धरती पर ही होता है अन्य ग्रहों में ऐसी स्थिति नहीं है क्योंकि बुद्ध और शुक्र भयंकर गम है जहां 400 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहता है तो वही मंगल और बृहस्पति पर बहुत ठंडा दिन रहता है वहां का तापमान सोने से भी नीचे रहता है मंगल ग्रह पर औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहता है जबकि शनि अरुण वरुण और यह ग्रह पर हमेशा बर्फ जमी रहती है

22 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में पड़ता है और सबसे छोटा दिन होता है जबकि सबसे बड़ी रात होती है जब सूर्य मकर संक्रांति करता है तब मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी के आसपास उत्तरी गोलार्ध में दिन बाद होने लगता है और रात धीरे-धीरे छोटी होने लगती है इसलिए उत्तरी गोलार्ध में नवंबर से लेकर फरवरी तक घनघोर जाना पड़ता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में इस समय गर्मी की ऋतु होती हैं इसीलिए दक्षिण अफ्रीका दक्षिण अमेरिका और आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड में इस समय जाड़े में गर्मी के रितु चल रही है 

इसी प्रकार 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है इसके बाद धीरे-धीरे सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और उत्तरी गोलार्ध में वर्षा और उसके बाद जाड़े की ऋतु आने लगती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में इस समय जाड़े का मौसम शुरू हो जाता है इस प्रकार अप्रैल में जून जुलाई में घनघोर गर्मी पड़ती है 

इसके भी खरीद 21 मार्च और 23 सितंबर ऐसा समय है जब सारी धरती पर दिन-रात बराबर होते हैं और सर्दी गर्मी भी बराबर होती है इसलिए सितंबर अक्टूबर में और फरवरी मार्च में सारी दुनिया में और भारत में भी मौसम सुहावना और बसंत का होता है यह सभी धरती के अपने अक्ष पर झुकी होने पूरी तरह से गोल नहीं होने और परिक्रमण और परिभ्रमण के कारण होता है 

एक बात और है कि ठंड में जैसे-जैसे उत्तरी ध्रुव की ओर जाते हैं वैसे-वैसे दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगती है भारत के दक्षिणी भागों में और विषुवत वृत्त पर 12 घंटे के दिन 12 घंटे का रात होता है जबकि मध्य भारत जौनपुर और आसपास दिसंबर में लगभग 14 घंटे की रात और 10 घंटे का दिन होता है कश्मीर और उसके उत्तरी भागों में और चीन तथा अरब देशों में इस समय 8 घंटे का रात और 16 घंटे की रात होता है जबकि 66 अंश उत्तरी अक्षांश पर केवल रात होती है और उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने की रात होती है जबकि इस समय दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने का दिन होता है ऐसा माना जाता है कि विश्व काव्य रामायण का भीषण धुरंधर महायोद्धा कुंभकरण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर बारी-बारी से 6 महीने सोया करता था 

इस प्रकार धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने के दिन और 6 महीने की रात होती है यहां 6 महीने सूर्य डूबा रहता है और गर्मी में 6 महीने रात में भी सूर्य निकल रहता है फिनलैंड नार्वे जहां पर महीना का दिन होता है उसका दृश्य देखने लोग जाया करते हैं यहां पर रंग-बिरंगे प्रकाश की किरणें फैल जाते हैं जिनको मेरु प्रभा कहते हैं धरती पर यह अद्भुत भौगोलिक घटनाएं 22 दिसंबर 21 जून 23 सितंबर और 21 मार्च का दिन अद्भुत भौगोलिक घटना बना देती हैं

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