Tuesday, 9 September 2025

हाय हाय उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन *वितरण हो या पारेषण बेखौफ चल रहा है जूता चांदी का संरक्षण मिल रहा बड़का बाबू का*

हाय हाय उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन 

*वितरण हो या पारेषण बेखौफ चल रहा है जूता चांदी का संरक्षण मिल रहा बड़का बाबू का*
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में आज कल मनमाने आदेश पारित किया जा रहा है चाहे वो स्थानांतरण हो पदोन्नति निलंबन के बाद बहाली हो जांच हो भ्रष्टाचार से संबंधित कोई शिकायत हो निलंबन के बाद बहाली हो जांच आख्या लगानी हो आईजीआरएस का जवाब देना हो दोहरा चार्ज / अतिरिक्त कार्यभार देना हो अधीक्षण अभियंता होते हुए मुख्य अभियंता की कुर्सी पर बैठना हो व अन्य कोई भी काम हो अगर आप एक विशेष वर्ग से है तो ठीक वर्ना चांदी का जूता मजबूती से चलाने की हैसियत में हो ठीक वर्ना वरना बर्खास्त या निलंबन झेलने के लिए तैयार रहो। 
        चर्चा है कि जब से अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन दिल्ली से झाड़ सुनकर के वापस लखनऊ आए हैं तब से इनकी चाल बदलीं बदली है । 
              *वैसे एक और भी चर्चा है कि माननीय मंत्री जी के ओएसडी महोदय राम चरण शर्मा जन सम्पर्क अधिकारी द्वारा हर सोमवार को सुबह 10 से 12 बजे अवैधानिक रुप से से समस्त अधिशासी अभियंता वितरण क्षेत्र की समीक्षा बैठक की जा रही है*
        *क्या इस समीक्षा बैठक का मतलब है यह तो शायद बतना जरुरी नहीं है पाठक खुद ही समझ ही गए होंगे कि किस कारण से यह समीक्षाएं  की जा रही है और वो भी हर सोमवार को ?*  
            *अगर  समीक्षा बैठक करनी है तो मंत्री करें उनके ओएसडी महोदय को कौन सा अधिकार है समीक्षा बैठकें लेने का ?*  
*वो इस विभाग मैं कौन सी हैसियत रखते हैं ?* 
           *वैसे मंत्री जी अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर समीक्षा बैठक लेते रहते तो फिर यह कैसे व किस के आदेश पर समीक्षा बैठक लेते हैं । इससे तो लगता है कि दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल ही काली है यह तो माननीय ही बता सकते हैं कि उनके ओएसडी को उन्होंने कौन सा विशेषाधिकार दे रखा है यानी कि  कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा आएगा और विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियंताओ की समीक्षा बैठक लेने लगेगा भाई मान गए मंत्री जी को !*
                *वैसे चांदी के जूते का दौर इस वक्त पावर कॉरपोरेशन व ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन दोनो कम्पनीयो में आज कल खुला चल रहा है जूता चांदी का*
                  *उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के जनपद इकाई में चार मुख्य अभियंता होते हुए भी  पूर्वांचल ,पश्चिमांचल एवं मध्यांचल के मुख्य अभियंता के पद रिक्त पड़े हुए हैं और हर वितरण निगम में इस मुख्य अभियंता का पद एक अधीक्षण अभियंता के स्तर वाले अभियंता द्वारा संभाली जा रहा है वैसे उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन में चार मुख्य अभियंता सम्बद्ध पड़े हुए हैं और मुफ्त का वेतन ,गाड़ी व अन्य सुविधाओ का लाभ ले रहे हैं और मजे की बात यह है कि एक अधीक्षण अभियंता पावर कॉरपोरेशन एवम मुख्य* *अभियंता सिविल ट्रांसमिशन के मुख्य अभियंता का काम अतिरिक्त रुप से देख रहे हैं वैसे वितरण निगमो में ही नहीं पारेषण निगम में भी यही हालत है अधीक्षण अभियंता अतिरिक्त मुख्य अभियंता ट्रांसमिशन सिविल का कार्य देखा रहे है एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया जब एक वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता प्रयागराज अब अपने से कनिष्ठ के मातहत हो कर कार्य कर रहे हैं और अपनी किस्मत पर रो रहे हैं और रोज अपने से जूनियर अधिकारी की गालियां और डांट सुनते हैं* !
                  *क्या यह एक जीता-जागता उदाहरण नही है कि किस तरह से चांदी के जूते का साम्राज्य चल रहा है* ।
          *दूसरा उदाहरण एक मुख्य अभियंता ट्रांसमिशन के सिविल/ जानपद का है जिनकी इसी माह सेवानिवृत्ति होनी है उन्होंने ने भी मौके पर चौका लगाते हुए बहती गंगा में भ्रष्टाचार का गोता लगाने और चांदी के जूते से अपना मुंह सुजवाने एक नया का कीर्तिमान चुपचाप स्थापित किया है इनके द्वारा एक अधिशासी अभियंता को मेरठ के साथ साथ अतिरिक्त कार्यभार मुजफ्फरनगर और फिर उसी अधिशासी अभियंता को मुजफ्फरनगर  स्थानांतरण करके   मेरठ का अतिरिक्त कार्यभार प्रदान कर दिया गया है इनके तो  कारनामे ही बहुत है इनके मातहत में एक अधीक्षण अभियंता जिनके ऊपर डायरी कांड मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में रहते हुआ था जिसकी जांच अभी लंबित है उनको दो-दो मंडलों का मुरादाबाद मंडल एवं नोएडा मंडल का कार्यभार दे कर सम्मानित किया है और इस भ्रष्टाचारी मुख्य अभियंता जनपद ने चांदी के जूते के दम पर बहुत सारे वरिष्ठों के होते हुए भी उनके कनिष्ठों को उनके ऊपर के पद पर बैठा दिया जा रहा है और जूता खाने का कार्यक्रम निर्बाध रूप से प्रगति पर है इस मुख्य अभियंता जानपद ट्रांसमिशन प्रथम के खिलाफ कई निविदाओं में घोटाले एवं अनियमिताओं की शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल पर लंबित है और इनकी सभी जांच ट्रांसमिशन मे लम्बित है और सेवानिवृत्ति इसी माह है यानि कि जूता खाओ और खिलाओ व सेवानिवृत्ति हो कर घर जा कर मौज करो* ।
             वैसे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम भी इस मामले में पीछे नहीं है तीन मुख्य अभियंता मुख्यालय में ही वाणिज्य में जुड़े है और लखनऊ के अमौसी व अयोध्या जोन कार्यभार एक अधीक्षण अभियंता को दे दिया गया है वैसे लखनऊ में वर्टिकल सिस्टम लगाने की पूरी तैयारी हो रही है जबकि उपभोक्ताओं को इस बारे मैं कुछ पता नहीं है आने वाले समय में उपभोक्ता मारे मारे इस द्वार से उस द्वार विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने हेतु दौड़ेंगे और उनसे जमकर उगाही होगी तभी तो इन भ्रष्टाचार मे लिप्त प्रशासनिक अधिकारियों महाज्ञानियों का पेट भरेगा जब तक उत्तर प्रदेश में चल रही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस वाली डबल इंजन की सरकार को पूरी तरह से इनके द्वारा बदनाम नहीं कर दिया जाता तब तक यह कार्य अनवरत रूप से चलता रहेगा । वैसे भी विभाग में लूटपाट करके यह महा ज्ञानी भ्रष्टाचारी लोग दूसरे विभाग में स्थानांतरित हो जाएंगे फिर इनका कोई घाटे या फायदे से मतलब नहीं रह जाएगा और दूसरे विभाग में लूटपाट का कार्यक्रम फिर से शुरू हो जाएगा ।                जब विभाग में यह बड़का बाबू लोग बदलते हैं तब तब यह नित नए प्रयोग कर के अपने हिसाब से नए-नए नियम लागू करते हैं जिससे हर बार विद्युत विभाग को करोड़ों का घाटा सहना पड़ता है वैसे भी शक्ति भवन में अवैध रूप बैठे सचिवालय के लोग इन बड़का बाबूओ के बड़े बड़े कारनामे छिपाते हैं और रिटर्न गिफ्ट में अपनी पद्धोन्नति व वेतन  बढ़वाते है अगर किसी केन्द्रीय जांच एजेंसी की जांच उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन व पारेषण निगम में हो जाए तो आधे से ज्यादा लोग सलाखों के पीछे होंगे । खैर 

          *युद्ध अभी शेष है* 

   *अविजित आनन्द संपादक और चन्द्रशेखर सिंह प्रबंध संपादक समय का उपभोक्ता राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र लखनऊ*

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