देश को जगाने वाले और देश को बचाने वाले दो वर्ग होते हैं पहला बुद्धिजीवी और दूसरा प्रेस और मीडिया वर्ग
दोनों बुरी तरह से गलत हाथों में फंस चुके हैं जिसका कारण यह है कि 90% बुद्धिजीवी लोगों को पुरस्कार नौकरी सम्मान प्रशस्ति पत्र और धन वैभव ऐश्वर्य और सम्पत्ति उन लोगों के द्वारा मिलता है जो घूसखोर भ्रष्टाचारी दुराचारी लंपट दुराचारी छिनरे कुपंथी विदेशी हाथों में खेलने वाले धर्म और देश के विरुद्ध और जनता का खून चूसने वाले होते हैं
यही हाल प्रेस और मीडिया का है अगर ढेर सारे पैसे कमाने हैं गाड़ी बंगला फार्म हाउस बनाना है और तथाकथित भारत का बहुत बड़ा टीवी चैनल और समाचार पत्र बना कर दिखाना है तो विज्ञापन के लिए इन्हीं लंपट दुराचारी घूसखोरी भ्रष्टाचारी छिनरन के हाथ खेलना है
आपने खुद देखा होगा कि तमाम चापलूस चालबाज दलाल लंपट 420 सरकार और धन कुबेरों की अधिकारियों की झूठी वह वही करने वाले आज बहुत बड़े-बड़े प्रेस रिपोर्टर बनकर में खेल रहे हैं और सच्चे और अच्छे प्रेस रिपोर्टर और मीडिया कर्मी दाने-दाने को मोहताज हैं
इसलिए देश और सनातन धर्म को सुधरने आगे बढ़ाने की कोई आशा नहीं है क्योंकि सुधारने वाला वर्ग पहले ही बिक चुका है और चाह कर भी वह कुछ नहीं कर सकता- डॉ दिलीप कुमार सिंह
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