Wednesday, 31 August 2022

कविता - जब साथ में तुम रहते हो**************************

कविता - जब साथ में तुम रहते हो
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**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो**
मैं हूं हमेशा तुम्हारे साथ, जब मेरा माथा चुमकर, तुम ये कहते हो....
**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो**
चलते-चलते जब मैं थक जाती हूं, 
थोड़ी देर आराम कर लो....
 ये मेरा हाथ पकड़ तुम कहते हो....
**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो**
बीमार जब मैं पड़ जाती हूं, तो छुपी नजरो से मुझे देखते हो.... 
मेरे अकेलेपन को बड़ी आसानी से पढ़ लेते हो....
**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो**
ये तो सच है मेरी आंखे, एकदम नम हो जाती है....
थोड़ा सा डाटते हो, पर फ़िर अपना कंधा दे देते हो....
**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो**
कभी-कभी गुस्सा आता है, तेरी कई बातों पर....
गुस्से में भी अच्छी लगती हों, ये कहकर हँसा देते हो....
**सारी परेशानियां मिट जाती हैं,जब साथ में तुम रहते हो।।**
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लेखिका - रश्मि अग्रवाल


संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट

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