Thursday, 31 August 2023

भाई साहब,भारत ने चांद पर चंद्रयान को उतार कर नया इतिहास रच दिया,दिल खुश हो गया,पर हम जैसे गंजे लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है,पहले करवा चौथ,और आखरी रमज़ान पर छत पर जाने में डर लगता था,कहीं कोई बहन मेरा गंजा सिर देखकर,उनको गलतफहमी न हो जाए की चांद निकल आया और वे अपना करवा चौथ व्रत समय से पहले खोल न ले,या लोग मेरी खोपड़ी को चांद न समझ ले और लोग ईद के चांद की मुबारकबाद देना शुरू न कर दे,

*जो बीत गया है,अब वो दौर* 
            *न आएगा ।* 
           *सिर पर चांद* 
           *निकल आया है,* 
 *अब कंघा काम न आएगा।*

 भाई साहब,भारत ने चांद पर चंद्रयान को उतार कर नया इतिहास रच दिया,दिल खुश हो गया,पर हम जैसे गंजे लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है,पहले करवा चौथ,और आखरी रमज़ान पर छत पर जाने में डर लगता था,कहीं कोई बहन मेरा गंजा सिर देखकर,उनको गलतफहमी न हो जाए की चांद निकल आया और वे अपना करवा चौथ व्रत समय से पहले खोल न ले,या लोग मेरी खोपड़ी को चांद न समझ ले और लोग ईद के चांद की मुबारकबाद देना शुरू न कर दे,भाई साहब बहुत डर लगता है, ऐसे मौकों पर मेरे घर वालों ने मुझे हिदायत दे रखी है,चाहे कुछ भी हो जाए रात के समय,इन दिनों छत पर जाना तुम्हारे लिए वर्जित है,मोहल्ले के बच्चे मुझे चांद मामू, चांद मामू कहकर पुकारते हैं,चलो मैं भी सोचता था,प्यार से मुझे मामा कह रहे हैं,जब हमारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को सभी महिलाएं एवं बच्चे मामा - मामा कह कर पुकारते हैं, तो यह बच्चे मुझे चांद मामू कहते हैं,तो मुझे गर्व महसूस होता था,चलो मुझे भी मुख्यमंत्री की तरह बच्चे मामा या मामू तो कहते हैं,पर एक दिन टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ गया,चंद्रयान का बच्चों पर नया-नया जोश है,यही मेरे लिए आफत का सबब बन गया,मैं सुकून से अपने आंगन में बैठा था,मोबाइल पर व्हाट्सएप - व्हाट्सएप खेल रहा था,अचानक मेरी खोपड़ी पर एक मक्खी आकर बैठ गई,मोहल्ले का एक नटखट बच्चा,मुझे बहुत देर से घूर रहा था,जैसे ही मक्खी मेरे सिर पर बैठी,बच्चा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा चांद पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग हो गई,बच्चे की आवाज़ सुनकर मोहल्ले के दस बीस बच्चे और इकट्ठा हो गए, भाई साहब बच्चों ने तो अब मेरी खोपड़ी का खेल बना लिया है, पूरे मोहल्ले के बच्चे छुप-छुप कर मेरी खोपड़ी को घूरते रहते हैं, जैसे ही कोई मक्खी, मेरी खोपड़ी पर बैठ जाएं, तो बच्चे झाड़ियों से चीखते हुए निकलते है,चंद्रयान चांद पर लैंड हो गया है,बच्चों के हाथों में कागज के छोटे-छोटे तिरंगे जिसमें ऑलपिन लगा हुआ मेरी तरफ दौड़ते हैं,और मेरी खोपड़ी पर ऑलपिन लगे हुए झंडे को लगाने की कोशिश करते हैं,भाई साहब,मैं इतना डरा हुआ हूं,सोच रहा हूं,अब नकली बालों का विग बनवा लूं,
 यह तो बात हुई बच्चों की,अब मैं आपको गंजेपन का फायदा भी बता दूं,भाई साहब जब मुंह धोता हूं,पता ही नहीं चल पाता चेहरा कहां तक है,मुंह धोने के चक्कर में आधा सिर भी धो लेता हूं,नहाने की छुट्टी हो जाती है।
एक वो ज़माना था,जब सिर पर जुल्फें लहराती थी,हम भी अपने आप को किसी नायक से कम नहीं समझते थे,अपना अब वो दौर आ गया है,नायक तो छोड़िए, अब खलनायक के लायक भी नहीं बचे हैं, अब अपना चेहरा शीशे में देखते हैं तो शीशे में से आवाज़ आती है चांद मामू शीशे के सामने से हट जाओ,शीशा तुम्हारे लिए नहीं बना है,जब बाल धीरे-धीरे झड़ रहे थे,जवानी में भी लड़कियां अंकल कह कर पुकारती थी,भाई साहब अब तो लोग दादाजी कहकर पुकारने लगे हैं,आपको विश्वास नहीं होगा,मेरी आयु सलमान खान,आमिर खान शाहरुख खान के बराबर है, लड़कियां इन को डार्लिंग कह कर  बुलाती है,और हम बदनसीब जिन्हें लड़कियां दादाजी कहती है। 
यह व्यंग्य मैंने अपने ऊपर लिखा है,कोई गंजा इसको अन्यथा न ले, दूसरों पर व्यंग करना आसान है, सोचा आज खुद के ऊपर व्यंग कर के देखूं,जब हम दूसरों पर व्यंग करते हैं,आपने कभी सोचा है,उसके दिल पर कितनी बड़ी चोट लगती है,बहुत सारे सेलिब्रिटी है,जो दूसरों का मज़ाक उड़ा कर,पैसे कमाते हैं,ऐश की जिंदगी जीते हैं,
यह मेरा प्रयास है,हो सकता है आपको यह मेरा प्रयास पसंद आए ।
धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏
 *मोहम्मद जावेद खान* 
 *संपादक* 
 *भोपाल मेट्रो न्यूज* 
  9009626191
  30/8/2023

No comments:

Post a Comment