*सुना है बेशर्मी की भी कोई हद होती है* नेहा कक्कड़ को कोई दिक्कत नहीं है,
इसीलिए वो आतिफ असलम के साथ स्टेज शो कर सकती हैं ....... .
विराट कोहली को कोई दिक्कत नहीं है,
इसीलिए वो दुबई में शाहीन अफरीदी से गले मिल के हालचाल ले सकते हैं .......... .
क्रिकेट टीम की कोई पर्सनल दुश्मनी नहीं है,
इसीलिए वो पाकिस्तान से खेल सकती है ........... .
बॉलीवुड की पाकिस्तान से कोई दुश्मनी नहीं है इसीलिए वो वहाँ के आर्टिस्ट्स को काम दे सकते हैं .......... .
खेलो और जीतो मैच पर सट्टा लगाने वालों की भी पाकिस्तान से कोई ख़ास दुश्मनी नहीं है,
इसीलिए वो भी लगायेंगे और कमाएंगे ......... यहां तक के टीवी चैनलों पर झूंटी देश भक्ति दिखाने वाले आज टीआरपी के लिए पाकिस्तानियों को टीवी पर बैठा कर आतंकी देश के गुण गान करते नही थक रहे हैं.... सुना है बेशर्मी की भी कोई हद होती है...
पर्सनल दुश्मनी तो बस लांसनायक हेमंत,
सूबेदार कुलजीत
और लेफ्टिनेंट गौरव और इन जैसे लोगों की है,
जिनकी भैंस पाकिस्तानी खोल ले गए हैं, इसीलिए वो दुष्कर स्थितियों में बॉर्डर पर पहरा दे रहे हैं और जान देने को तैयार हैं ........... .
तुम लोग ये क्रिकेट, गीत संगीत इंजॉय करो ....... .
तुम्हारी कोई पाकिस्तान से पर्सनल दुश्मनी थोड़ी न है ....
जिसकी पर्सनल दुश्मनी है,
वो खड़ा है बॉर्डर पे......... .
और उसके निधन की जब ख़बर आये तो सोशल मीडिया पर 'दिखावे के 2 आँसू' डाल देना......... .
बस हो गया।
साभार
फरहत अली खान
मुस्लिम महासंघ
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