*परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा दिल्ली के सभी अधिकृत वाहन स्क्रैप डीलरो की मान्यता रद्द करने के बाद भी अपने द्वारा किए जा रहे वाहन मालिकों को परेशान करते रहने के लिए व्यवसायिक वाहन को स्क्रैप करने के लिए अपनी इच्छा के वाहन स्क्रैप डीलर की वाहन स्क्रैप करने की मान्यता बनाई रखी और वाहन स्क्रैप की इज़ाजत भी शूरू रखी थी ?*
*ऑनलाइन प्रक्रिया उपल्ब्ध होने के बावजूद वाहन मालिक को परेशान करने में लिप्त अधिकारियो एवम् ऐसी प्रणाली को चलाए रखने की इजाजत प्रदान करने वाले आला अधिकारी कि निष्पक्ष जांच एजेंसी द्वारा जांच के आदेश हेतू आज टोलवा अध्यक्ष ने दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्य सचिव को किया ई मेल,*
भारत वर्ष में सर्वप्रथम फेस फ्री आनलाइन सुविधाएं उपलब्ध करवाने का श्रेय प्राप्त करने वाले परिवहन आयुक्त द्वारा ही दिल्ली के आनलाइन आवेदन सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद कार्य प्रणाली को करवा रखा है मैनुअल, वह भी इतना जटिल की एक ही कार्य के लिए वाहन मालिक/ नुमाइदे को आना पड़ता है एक बार की जगह 4 बार ।
दिल्ली परिवहन आयुक्त का फेस फ्री आनलाइन आवेदन सुविधा के दावे की सच्चाई तब खुल कर सामने आईं जब एक वाहन चालक ने परिवहन विभाग द्वारा नो ड्यू सर्टिफिकेट प्राप्त कर अपना वाहन भारत सरकार द्वारा पंजीकृत स्क्रैप डीलर से स्क्रैप करवा कर उसके पूर्व परमिट के लिए नए वाहन को खरीद कर लाने के लिए विभाग द्वारा दी जाने वाली एल ओ.आई. की मांग की ।
जो बात खुल कर सामने आई वह अत्यंत चौकाने वाली निकली ओर साथ ही निकला फेस फ्री आनलाइन आवेदन सुविधा का सच
आपकी जानकारी के लिए बता दें पूरे भारत देश के सभी कार्यालयों में एमवी एक्ट/ रूल के अंर्तगत एक व्यावसायिक वाहन मालिक अपने वाहन की परिवहन विभाग से सिर्फ तीन प्रकार की डिपॉजिट स्लिप प्राप्त कर सकता हैं
1. रिप्लेसमेंट डिपोजिट स्लिप:- जब भी कोई वाहन मालिक विभाग द्वारा ड्रा/ अन्य आवेदन के अनुसार व्यवसायिक गतिविधि करने के लिए कोई परमिट प्राप्त करता है और उसी परमिट के लिए पूराने वाहन की जगह उसी श्रेणी का नया वाहन बदलना चाहता है के लिए अनिवार्य
2. ट्रांसफर ऑफ परमिट डिपोजिट स्लिप:- यह डिपोजिट स्लिप की आवश्यकता तब होती है जब वाहन मालिक अपना वाहन और परमिट किसी दुसरे व्यक्ति को अपनी इच्छा या जरुरत की लिए प्रदान कर देता है,
3. परमानेंट डिपोजिट स्लिप :- जब वाहन मालिक अपने वाहन को किसी दूसरे को बेच रहा हो और अपना पूर्व प्राप्त परमिट उस वाहन मालिक को नही देना चाहता,
इन तीन प्रकार की डिपोजिट द्वारा ही सम्पूर्ण भारत देश में कार्य किया जाता हैं पर दिल्ली भारत देश की राजधानी और भारत देश का पहला राज्य जहा परिवहन आयुक्त द्वारा पूर्ण रूप से फेस फ्री ऑनलाईन आवेदन सेवा उपल्ब्ध करवाई गई में एक वाहन चालक को अपने पूर्व प्राप्त परमिट पर पूराने की जगह नया वाहन लाने के लिए रिप्लेसमेंट डिपोजिट स्लिप जो ऑनलाइन आवेदन सुविधा में वर्षो से उपल्ब्ध है की जगह वाहन मालिक को पहले अपना पूर्व परमिट
रिप्लेसमेंट की जगह परमानेंट डिपोजिट मोड में डिपोजिट करवाया जाता हैं,
फिर उसे नो ड्यू सर्टिफिकेट जो वाहन पोर्टल पर उपल्ब्ध है को मैनुअल दिया जाता हैं
फिर उसका वाहन स्क्रैप सर्टिफिकेट प्राप्त कर मैनुल तरीके से कंप्यूटर वाहन पोर्टल पर फीड किया जाता है,
फिर उसको नया वाहन लाने के लिए एल.ओ.आई. ज़ारी की जाती हैं।
यहां यह आप सभी के लिए जानने की आवश्यकता है की *एल.ओ.आई. ज़ारी करने का क्या मतलब होता है:- (एल ओ आई) लेटर ऑफ इंटेंट यानी किसी वाहन मालिक को नया परमिट प्रदान कर उसके लिए नया वाहन खरीद कर लाने की इजाजत,*
अब यहा क्या समझे
परिवहन विभाग द्वारा ऑनलाइन रिप्लेसमेंट डिपोजिट स्लिप की जगह इतना लम्बा और मैनूल प्रक्रिया क्यों?
क्या यह ऑनलाईन प्रक्रिया से ज्यादा सुरक्षित है?
या फिर इसके पीछे दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारियो की कोई खास सोच है?
*कुछ भी कारण हो पर इस प्रक्रिया से यह तो साफ है की कोई कभी यह जानना चाहता हो की यह परमिट किसे और किस वर्ष में किस के तहत प्रदान किया गया तो उसका रिकॉर्ड मिलना बहुत कठिन?*
रिप्लेसमेंट डिपोजिट मोड में वाहन को रिप्लेस करने की इजाजत देने पर सिर्फ वाहन नम्बर बदलता है बाकी सारा डाटा यहां तक परमिट नम्बर वही रहता है को पहली बार किसी को विभाग द्वारा उपल्ब्ध करवाया गया था लेकिन दिल्ली परिवहन आयुक्त द्वारा दी गई इस प्रक्रिया में वाहन बदलने के साथ ही परमिट नम्बर बदल जाता हैं, इसका अर्थ और कारण का ही उदाहरण है दिल्ली जहा रिस्ट्रिक्टेड परमिट का बाजार गर्म और आटो माफियाओं का बोल बाला
यह सब बाते पूर्ण रूप से सबूतो के साथ खुल कर सामने तब आई जब एक वाहन चालक द्वारा अपना वाहन भारत सरकार द्वारा पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलर से स्क्रैप कर स्क्रैप सर्टिफिकेट प्राप्त किया और विभाग में आकर एल ओ आई की मांग की, और एक पत्र टोलवा को भी मदद के लिए भेजा,
"सरजी को सादर प्रणाम आपको अवगत कराते हुए बड़ा दुःख हो रहा है कि सुनील प्रताप राजपूत श्री रामजीत राजपूत पता। L1St/352 संगम विहार नई दिल्ली ऑटो नंबर DL1R N 5661 एवम DL1RL 6363 DL1RL 7819 तीनो ऑटो 4 तारिख को पाइन बिलू स्क्रैप डीलर से स्क्रैप करवाई थी जो आज तक LOI नही दी गई आपके साथ आपके चैनल के माध्यम से हम अपनी आवाज़ परिवहन आयुक्त महोदय और परिवहन मंत्री दिल्ली सरकार से अनुरोध करते हैं की ऑटो चालक रोज कमा कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है जब 2महीने तक अपनी रोज की कमाई से वंचित हो कर भुखमरी और आत्महत्या जैसे कठिन कृत करने पर मजबूर न हो अगर कोई चालक ऐसा करता है तो उसकी जिम्मेदारी परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार की होगी"
एक महीने से उपर का समय बीत जाने पर जब टोलवा अध्यक्ष ने इस मामले के बारे में जानना चाहा तो जवाब मिला
नो ड्यू सर्टिफिकेट जारी तो किया गया है पर हम जो उसे एल ओ आई प्रदान करते समय मैनूल फीड करते थे वह इसमें नही हो पा रहा है क्योंकि स्क्रैप डीलर द्वारा वाहन पोर्टल पर ही वाहन स्क्रैप कर दिया है,
जानने पर एक और बात सामने आई की फिर नो ड्यू सर्टिफिकेट जो विभाग ने जारी किया था क्या वह आधिकारी की इच्छा के अनुसार जारी होता है बिना ऑनलाईन वाहन पोर्टल के?
सवाल तो बहुत है पर जवाब देने वाला कोई नहीं, सरल से ऑनलाईन सेवा उपल्ब्ध होने पर भी एक वाहन मालिक को इतनी बार बुलाने के कारण?
संजय बाटला
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