अंग्रेजों के शिमला आने से पहले यहाँ था गोरखाओं का शासन, अंग्रेजों ने पहाड़ी राजाओं के आग्रह पर शिमला से गोरखाओं को खदेड़ा.
पराक्रम चन्द....
शिमला:-देश की ब्रिटिश कालीन समर कैपिटल रहे शिमला में अंग्रेजों ने 1815 में पहली बार अपने कदम रखे थे. इस ऐतिहासिक शहर में आने से पूर्व अंग्रेजों को गोरखा शासकों से युद्ध लड़ना पड़ा था.
कहा जाता है कि यह युद्ध अंग्रेजों ने गोरखा शासकों के साथ नालागढ़ के रामगढ़ किले में लड़ा था. जिसमें गोरखा शासकों को हार का मुंह देखना पड़ा था. इन गोरखा शासकों ने छोटे-छोटे महल भी बनाए थे और 19वीं शताब्दी में जतोग का किला भी गोरखाओं द्वारा बनाया गया था.
ऐसा माना जाता है कि 1804 में कांगड़ा युद्ध हुआ था, जिसमें गोरखाओं की पराजय हुई थी. उसके बाद गोरखा शासकों ने शिमला की ओर कुच किया. गोरखा शासकों का राज्य सतलुज और जम्मूआना के बीच फैला हुआ था. शिमला के आसपास के क्षेत्र में भी गोरखा ही शासन करते थे.
गोरखाओं से पीछा छुड़ाने के लिए पहाड़ी रियासतों के राजाओं ने अंग्रेजों से मदद मांगी. जिसके लिए उन्होंने बाकायदा ब्रिटिश मेजर जनरल सर डेबिड को बाकायदा पत्र भी भेजा था. इसके बाद ही अंग्रेजों ने पहाड़ी रियासतों में दखल दिया और गोरखा शासकों को शिमला से खदेड़ा था.
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