: जब एक शख्स लगभग
पैंतालीस वर्ष के थे तब
उनकी पत्नी का स्वर्गवास
हो गया था।
लोगों ने दूसरी शादी की
सलाह दी परन्तु उन्होंने
यह कहकर मना कर दिया
कि पुत्र के रूप में पत्नी की
दी हुई भेंट मेरे पास हैं,इसी
के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे
से कट जाएगी।
पुत्र जब वयस्क हुआ तो
पूरा कारोबार पुत्र के हवाले
कर दिया।
स्वयं कभी अपने तो कभी
दोस्तों के ऑफिस में बैठकर
समय व्यतीत करने लगे।
पुत्र की शादी के बाद वह
ओर अधिक निश्चित हो गये।
पूरा घर बहू को
सुपुर्द कर दिया।
पुत्र की शादी के लगभग
एक वर्ष बाद दोहपर में
खाना खा रहे थे,
पुत्र भी लंच करने ऑफिस
से आ गया था और हाथ–मुँह
धोकर खाना खाने की तैयारी
कर रहा था।
उसने सुना कि पिता जी
ने बहू से खाने के साथ
दही माँगा और बहू ने
जवाब दिया कि आज
घर में दही उपलब्ध नहीं है।
खाना खाकर पिताजी
ऑफिस चले गये।
थोडी देर बाद पुत्र अपनी
पत्नी के साथ खाना खाने
बैठा।
खाने में प्याला भरा
हुआ दही भी था।😘
पुत्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं
दी और खाना खाकर स्वयं
भी ऑफिस चला गया।
कुछ दिन बाद पुत्र ने
अपने पिताजी से कहा-
‘‘पापा आज आपको कोर्ट
चलना है,आज आपका
#विवाह होने जा रहा है।’’
पिता ने आश्चर्य से पुत्र
की तरफ देखा और कहा-
‘‘बेटा मुझे पत्नी की
आवश्यकता नही है
और मैं तुझे इतना स्नेह
देता हूँ कि शायद तुझे
भी माँ की जरूरत नहीं है,
फिर दूसरा विवाह क्यों ?’’
पुत्र ने कहा,
‘‘पिता जी,न तो मै अपने लिए
माँ ला रहा हूँ न आपके लिए
पत्नी,मैं तो केवल आप के
लिये #दही का इन्तजाम
कर रहा हूँ।🔥
कल से मै किराए के मकान
मे आपकी बहू के साथ रहूँगा
तथा आपके ऑफिस मे एक
कर्मचारी की तरह वेतन लूँगा
ताकि *#आपकी_बहू_को #दही_की_कीमत_का_पता #चले।’’*
*👌अद्भुत👌*
#माँबाप_हमारे_लिये_ATMकार्ड_बन_सकते_है_तो_हम
#उनके_लिए_Aadhar #Card_तो_बन_ही_सकते_हैं।
💕💕💕
[2/12, 11:08 PM] +91 93283 11844: अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....?
तो सुनो-
बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और रूपया मांगकर भी लांग ड्राइव पर ले जाते हो. लेकिन पत्नी के आते ही अमीर हो जाने पर भी उससे बारिश होने पर चाय पकौड़ी बनवाना ही याद आता है.
थकी- हारी पत्नी कुछ कह देती है तो तुम्हारे अहम को इतनी चोट लगती है कि सुबह तक मुंह फुलाए घूमते हो.......
लेकिन प्रेमिका के आगे 365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर कुछ़ हासिल नहीं हो तो भी संस्कार समझकर उस पर और प्यार लुटाते हो और मान- मुनव्वल शुरू कर देते हो
प्रेमिका को पार्क, रैस्टोरेंट,रिसोर्ट...सुंदर से सुंदर और खर्चीली जगह ले जाते हो..... लेकिन पत्नी के आते ही उसे मुंडन,जनेऊ,विवाह,पूजा- पाठ,बीमार की सेवा,श्रद्धांजलि सभा में, सारी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए ले जाते हो...
प्रेमिका को सर से पांव तक घूरते रहने में आंखें नहीं थकती और हर इंच और हर मौके के लिए शायराना अंदाज रहता है. लेकिन पत्नी के लिए शिकायत - कितना देर लगाती हो तैयार होने में......
प्रेमिका का फ़ोन चौबीस घ॔टे में चौबीस बार भी आए तो वो "प्यार" लगता है. लेकिन पत्नी का दिन में दो बार फ़ोन करना, इन्क्वायरी लगने लगता है.
......... ...... ......... ...... ......... ...... ..... ..... .....
अपना भले अपने मां- बाप की सेवा नहीं किए होंगे लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती है कि वो चौबीस घंटे उसके पूरे परिवार के सेवा में गुजरे..इसलिए पत्नि को भी प्रेमिका की तरह प्रेम करो भाई फिर जिंदगी भर खुश खुश रहोगे ..!
🌹💞💞🌹🌹💞💞🌹
@A...k✍️ #हर_बेटी_मेरी #Repost
[3/12, 11:58 AM] +91 93283 11844: 🙏 *मरणासन्न परिस्थितिया*🙏
ये विडंबना है कि :_
❇️ आने वाले 20 वर्षो में सिंधीयों के घरों से कुछ रिश्ते हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। भाई, भाभी, देवर, देवरानी, जेठ, जेठानी, काका, काकी सहित अनेक रिश्ते सिंधीयों के घरों से समाप्त हो जाएंगे।
❇️बस ढाई तीन लोगों के परिवार बचेंगे, न हिम्मत देने वाला बड़ा भाई होगा, न तेज तर्राट छोटा भाई होगा,न घर मे भाभी होगी, न कोई छोटा देवर होगा, बहु भी अकेली होगी, न उसकी कोई देवरानी होगी न जेठानी। कुल मिलाकर इस एक बच्चा फैशन और सिर्फ मैं - मैं की मूर्खता के कारण ...
❇️ सिंधी परिवार खत्म होते जा रहे हैं, दो भाई वाले परिवार भी अब आखरी स्टेज पर हैं । अब राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न सीता उर्मिला मांडवी जैसे भरे पूरे परिवार असम्भव हो चले हैं ।
पहले कच्चे घरो में भी बड़े परिवार रह लेते थे अब बड़े बंगलो में भी ढाई तीन लोग रहने का फैशन चल पड़ा है। मन दुखी होता है सोचकर, हम सिंधीयों को ईमानदारी से इस दिशा में सोचना चाहिए।
इस चुनौती पूर्ण सदी में हम एक बच्चें को कहा कहा अड़ा पाएंगे और उसमें हिम्मत कौन भरेगा बिना भाइयों के कंधे पर हाथ रखे।
सिंधीयों की घटती हुई जनसंख्या चिंता का विषय है!
❇️ सिंधीयों को अपना ट्रेंड परिवर्तन करना होगा बच्चों की शादी की उम्र 20 से 24 तक निश्चित करें कामयाब बनाने के चक्कर में 30 से 35 तक खींच रहे हैं इतने में एक पीढ़ी का अंतर हो जाता है आपकी कामयाबी के समय में सामने वाला बीस का आंकड़ा पार कर देता है....!
❇️ आप अपने मैं-मैं(अहंकार) एवं अपने विशेष सुख के कारणों से आने वाली पीढ़ी का भविष्य खतरे में डाल रहे हैं। आज की दौड़ में किसी को किसी से मतलब नहीं है। दुःख एवं सुख में जब अपने इकट्ठे होते हैं। इसका स्वाद ही अलग होता है।
❇️ आप अपने बच्चों को संस्कार की मात्रा बढायें एवं हमारी संस्कृति पर जोरदार असर बनायें। यदि हमारा पुरा भरा परिवार हो तो इसके बहुत सारे लाभ हैं। हमारा मकसद हमारी एकता एवं अखंडता को कोई बाहरी लोग तोड़ नहीं सकें।
❇️ हमारे समाज से निवेदन है कि अपने बच्चों को जितनी भाषा सिखाएं। लेकिन अपने घर के हर सदस्य आपस में सिंधी भाषा का उपयोग करें।
❇️ आज हमारे परिवार छोटा होने का मुख्य कारण है कि माता पिता में संस्कार एवं संस्कृति की कमी होना। दुसरी बड़ा कारण है मैं (अहंकार)। आप जो भी बोयेंगे। वहीं फल के रूप में वापस मिलेगा।
तीसरा कारण है जीवन शैली में मेहनत की कमी । जिन जातियों में मेहनत की प्रधानता थी वो भी मेहनत से दूर है । जिससे पुरुष स्त्री की प्रजनन क्षमता में निरंतर कमी ।
चौथा घर का हाथ से बना खाना व व्यंजनों सात्विक पोष्टिक भोजन से दूर रह जंक फूड ज्यादा खाना जिससे मोटापा बढ़ना ।
🙏🙏सोचनीय विषय है..🙏
❤️🙏 जय श्री झूलेलाल 🙏PARMANAND PYASI 9328311844
[3/28, 9:53 PM] +91 93283 11844: पति का महत्व
एक युवती बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी, पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे।
उन्होंने उस परेशान युवती से पूछा क्या हुआ बेटी?
क्यों इतना परेशान हो?
युवती ने गुस्से में अपने पति की गलतियों के बारे में बताया।
बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कुराते हुए युवती से पूछा : बेटी क्या तुम बता सकती हो कि तुम्हारे घर का नौकर कौन है?
युवती ने हैरानी से पूछा....क्या मतलब?
बुजुर्ग ने कहा : तुम्हारे घर की सारी जरूरतों का ध्यान रखकर उनको पूरा कौन करता है?
युवती : मेरे पति।
......... ...... ......... ...... ......... ...... ..... ..... .....
बुजुर्ग ने पूछा : तुम्हारे खाने पीने की और पहनने ओढ़ने की जरूरतों को कौन पूरा करता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग : तुम्हे और बच्चों की किसी बात की कमी ना हो और तुम सबका भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए हमेशा चिंतित कौन रहता हैं?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग ने फिर पूछा : सुबह से शाम तक कुछ रुपयों के लिए बाहर वालो की और अपने अधिकारियों की खरी खोटी हमेशा कौन सुनता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग : परेशानी और गम में कौन साथ देता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग : तुम लोगों के अच्छे जीवन और रहन सहन के लिए दूरदराज जाकर, सगे संबंधियों को..... यहां तक अपने मां बाप को भी छोड़कर घर से दूर नौकरी करने को कौन तैयार होता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग : घर के गैस, बिजली पानी, मकान, मरम्मत एवं रखरखाव, सुख सुविधाओं, दवाईयों, किराना, मनोरंजन, बैंक, बीमा, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पास पड़ोस, ऑफिस और ऐसी ही ना जाने कितनी सारी जिम्मेदारियों को एक साथ लेकर कौन चलता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग : बीमारी में तुम्हारा ध्यान और सेवा कौन करता है?
युवती : मेरे पति।
बुजुर्ग बोले : एक बात और बताओ कि तुम्हारे पति इतना काम और सबका ध्यान रखते है, क्या कभी उसने तुमसे इस बात के पैसे लिए?
युवती : कभी नहीं।
इस बात पर बुजुर्ग बोले कि...पति की एक कमी तुम्हे नजर आ गई मगर उसकी इतनी सारी खूबियां तुम्हे कभी नजर नहीं आई?
आखिर पत्नी के लिए पति क्यों जरूरी है?
मानो या ना मानो जब तुम दुखी हो तो वो तुम्हे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा।
वो अपने दुख अपने ही मन में रखता है, लेकिन तुम्हे नहीं बताता ताकि तुम दुखी ना हो।
हर वक़्त हर दिन...तुम्हे कुछ अच्छी बाते सिखाने की कोशिश करता रहता है ताकि वो कुछ समय शांति के साथ घर पर वायतित कर सके और दिन भर की परेशानियों को भुला सके।
हर छोटी छोटी बात पर तुमसे झगड़ा तो कर सकता है, तुम्हे दो बाते बोल भी देगा, परन्तु किसी और को तुम्हारे लिए कभी कुछ नहीं बोलने देगा।
एक बात जान लो, पति ही हमेशा काम आयेगा, बाहर वाले सिर्फ सलाह दे सकते है या तुम्हारी शिकायते सुनकर सिर्फ बाते बनाएंगे।
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पति ईश्वर का दिया एक विशेष उपहार है । इसलिए उसकी उपयोगिता जानो और उसकी देखभाल करो एवं उसे सम्मान दो।
एक अच्छी हमसफ़र बनकर जीवन के पथ पर पग पग पर उसका साथ दो।
#हर_बेटी_मेरी
🍀🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹🙏🙏🌹
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