Tuesday, 11 February 2025

कहानी किसी और की हैफूड वीडियो शूट करने जब राजस्थान गया तो वहां दादा दादी मिले जो सड़क के किनारे बैठ के बाजरे की रोटी सांगरी की सब्जी बना रहे थे

कहानी किसी और की है
फूड वीडियो शूट करने जब राजस्थान गया तो वहां दादा दादी मिले जो सड़क के किनारे बैठ के बाजरे की रोटी सांगरी की सब्जी बना रहे थे 
जब हमारी गाड़ी रुकी तो दादा मारवाड़ी में कुछ बोलते हैं जिसे मुझे समझ नहीं आया और फिर मैं हिंदी में बोला की मुझे राजस्थानी समझ नही आती 
तो उन्होंने बोला पानी पिओगे साहब जी, अब उनकी उम्र तकरीबन 75 साल थी तो मैने बताया की मेरा नाम प्रबल है आप उम्र में काफी बड़े हैं इस लिए नाम लेके बुलाएं साहब जी बोलना अच्छा बोलना अच्छा नही लगता, इतना सुनते ही दादा  ही ही ही कर के हंसने लगे और बोले आप बेटा दुकान में आओ
जब अंदर गया तो चूल्हे पर 70 साल की दादी बाजरे की रोटी बना रही थी हमने चूल्हे पर किन रोटी और बैंगन  सांगरी की सब्जी के लिए बोला 

अब बात का सिलसिला शुरू हुआ दादा ने पूछा की कहा से आए हो हमने बताया बनारस से तो उन्होंने बोला की जवानी के दिनों में सोमनाथ जाते थे तो काशी विश्वनाथ जाने का बहुत मन था पर कभी गए नही मैने उत्सुकता से बोला दादा आप आइए मैं वही का हूं घुमा दूंगा 
जिसपे दादी और दादा दोनों हंसने लगे और बोले बेटा पैसा कहां है इतना लेकिन ये बोलते हुए भी उनके चेहरे पर थोड़ा भी शिकन नहीं था 
हमने ऑफर दिया की आप पैसा का चिंता मत कीजिए अपना शहर है खाने पीने रहने की कोई दिक्कत नही रही ट्रेन की बात तो साथ चलो वहां से टिकट करा देंगे आजाना 
जिसपर दोनों बोले की उमर लगभग 75 साल हो गयो है अब शरीर साथ नथी दी 

खैर बात करते करते रोटी खाई फिर मैने पूछा आप के बेटे या बच्चे नहीं हैं जिस पर दादा खुश होकर बोले की हैं न 1 बेटा है 3 बेटियां हैं फिर मैने बोला की जब 4 बच्चे हैं तो काम करने की क्या जरूरत 
जिसपे तपाक से दादी बोली 
जब तक जिंदगी है पेट पालना है, काम करना है 
हमने बोला बेटे के साथ रहो ना 
तो दादा ने कहा बेटा विदेश में हैं बेटी जामनगर और पुणे में हैं 
तो मैंने बोला विदेश में कहां 
और जैसा कि हम उम्मीद थी उन्होंने बोला कनाडा में है एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, 
मैने बोला जब इतना सब है तो फिर क्या जरूरत है काम करने की 
उन्होंने बोला की बेटा कुछ भेजता नहीं है मैने बोला क्यों 
तो उन्होंने बड़ी मासूमियत से बोला, विदेश से पैसा भारत नहीं आता और अगर पोस्ट से भेजे तो रास्ते में लोग गायब कर लेते हैं फिर मैने बोला अच्छा सही में तो उन्होंने बोला की 2 3 बार मेरा बेटा पैसा भेजा लेकिन मेरे तक आया नहीं फिर हमने मना कर दिया और बोला की जब तुम आना तो लेके आना 

बात ही बात में पता चला की उनका बेटा 10 साल से है अब भारत नहीं आता, पढ़ाई के लिए जमीन बेच दी और बेटियों को शादी के लिए घर और गहने 

उनकी बातों से पता चल गया था की इनका लड़का उन्हे गुमराह कर रहा है लेकिन वो इतने भोले थे की उन्हे सब सच लग रहा था मैंने कोई बात नहीं बताई की आज विदेश से पैसा आना कितना आसान है 

लड़कियों के बारे उन्होंने बोला की बेटियां अपने परिवार में सुखी है लेकिन कोई मदद नहीं करती 

ये कहानी सिर्फ इनकी नहीं है जिन्होंने इतनी मेहनत से बच्चे को पढ़ाया लिखाया और बाद में वही बच्चे अपने मां बाप से मोह भंग कर लेते हैं इसका बहुत बड़ा कारण है बचपन से ही अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए अपने से अलग रखना 
लेकिन इस संतान को भी ये सोचना चाहिए की जिनकी बदौलत आज वो काबिल बना है बुढ़ापे में उनका सहारा बनना उसी का काम है 

आज भी मेरे जान पहचान में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने मां बाप के लिए अपने सपनों को छोड़ देते हैं नमन है ऐसे लोगों को ।

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