अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जनपद कारागार में योग का किया गया आयोजन
आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महान अवसर पर जिला जेल में आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लेकर सारगर्भित वक्तव्य दिया और बताया कि योग कोई आज के उपज नहीं है या महर्षि पतंजलि के योग शास्त्र का विस्तार है और वेद पुराण रामायण महाभारत और प्राचीन भारत के हर एक ग्रंथों में योग व्यायाम ध्यान धारणा समाधि का वर्णन है
योग कर्मशुीई कौशल की अधिकतम कुशलता ही योग है योग शरीर को निरोग रखते हुए व्यक्ति को स्वस्थ और फुर्तीला बनाकर शरीर के अंगों को अधिकतम क्षमता प्रदान करता है और रोग बीमारियों से मुक्ति देता है दवा से बीमारियों के साइड इफेक्ट होते हैं लेकिन योग बीमारी और उसके दुष्प्रभाव को जड़ मूल से नष्ट कर देता है
योग एक दिन की वस्तु नहीं है यह भारत के ऋषि मुनियों का अनमोल खजाना है जिनको रोज घर पर करना चाहिए अगर अधिक न कर सके तो घर पर सूर्य नमस्कार और अनुलोम विलोम 5 मिनट में अवश्य कर लिया करें इससे जीवन में स्वस्थ रहेंगे योग का महत्व अब सारी दुनिया में फैल गया है और हर देश तनाव और रोग से बचने के लिए योग विज्ञान का सहारा ले रहे हैं
जनपद कारागार में हुए इस समारोह में योग दिवस पर प्रशांत कुमार सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डिफेंस डॉ दिलीप कुमार सिंह काउंसिल प्रकाश तिवारी और अनुराग चौधरी असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल जेल अधीक्षक डॉ विनय कुमार पांडे जेलर अजय कुमार सिंह डिप्टी जेलर धर्मेंद्र सिंह भदोरिया सुभाष चंद्र पांडे श्रीमती सुषमा शुक्ला नंदकिशोर गौतम जेल के बंदी और अन्य लोग नित्यानंद पांडे योग गुरु सेवा प्राधिकरण के लोग उपस्थित थे 1 घंटे से चले इस योग्य कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के योग का वर्णन उसका लाभ बताया गया।
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