*चुनावी मौसम आया है,*
*फिर नेताओं के झूठे वादों,*
*का पिटारा आया है ।*
*झूठे वादे कर जाएगा,*
*किसी को कुछ समझ,*
*में नहीं आएगा।।*
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है । उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव होना था,उत्तर प्रदेश में चार चरणों में चुनाव हो चुका है । राजनीति के सिपहसालारों की बेचैनियां बढ़ती जा रही है, जैसे-जैसे चुनाव नतीजों की तारीख़ नज़दीक आ रही है,राजनीतिक सिपहसालारों की नींदें आंखों से ओझल हो चुकी है, अब तो वह जनता और भगवान के आश्रय पर है, सिपहसालारों की हृदय की धड़कन और बढ़ जाती है,जब सोशल मीडिया पर एग्जिट पोल के नतीजे देखते हैं और कहते हैं,मैं पल दो पल का विधायक हूँ,अगर चुनाव हार गया तो मेरी भी पल दो पल की कहानी है और पल दो पल कि मेरी हस्ती है,उत्तर प्रदेश में चुनाव का ख़ुमार अपने चरम पर है,सुबह जब नेताजी अपने कारिंदों एवं अपनी पार्टी के नेताओं के साथ गली गली मोहल्ले मोहल्ले चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं,जनता के सामने हाथ जोड़े,चेहरे पर मुस्कुराहट, दिल में डर,जनता को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते,झूठे वादे,झूठी क़समें ईमानदारी का चोला ओढ़े हुए,भले ही अंदर से भ्रष्ट क्यों ना हो,नेताजी आगे आगे कारिंदे पीछे से नारा लगाते हुए, जब तक सूरज चांद रहेगा नेताजी तेरा नाम रहेगा,यह नारा सुनकर नेता जी का मस्तिष्क ठनका, नेताजी ने सोचा,यह नारा तो जब कोई बड़ा नेता स्वर्गवासी हो जाता है,तब यह नारा लगाया जाता है,उन्होंने अपने कारिंदों को घूर कर देखा,कारिंदों को भी समझ में आ गया था,उन्होंने यह नारा गलत लगा दिया,इसमें कारिंदों की भी कोई गलती नहीं है,क्योंकि कुछ दिन पहले ही एक बड़े नेता की अंत्येष्टि में उन लोगों को बुलाया गया था और उनको भरपूर पैसा दिया गया था,और बताया गया था,आपको अंत्येष्टि तक यह नारा लगाना है,जब तक सूरज चांद रहेगा नेताजी तेरा नाम रहेगा । बेचारे कारिंदों को मोटी रक़म मिली थी, इसलिए उनके ज़बान पर यह नारा रट गया था ।
नेताजी जनता के सामने हाथ जोड़कर कहते हैं,मुझसे पहले भी कितने नेता आए और आकर चले गए,कुछ आहें भर कर लौट गए, कुछ मेरी तरह वादे कर चले गए, अगर आपका आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है तो,मैं फिर से विधायक बन जाऊंगा,नहीं तो मैं भी आपसे जुदा हो जाऊंगा, जो आज विधायक के रुप में आप का हिस्सा हूँ,चुनाव हार गया तो,मैं भी किस्सा बन जाऊंगा,राजनीति के सिपहसालार जनता से हाथ जोड़कर विनती करते हैं,जो गलती हो गई माफ कर दो,एक बार फिर से आपकी और अपनी सेवा करने का मौका जरूर दो, कुछ दिन याद रखूंगा,फिर भूल जाऊंगा,फिर कहां फुर्सत मिलेगी आप लोगों के लिए,आपकी समस्याएं सुनने के लिए,फिर तो ठाट बाट से सरकारी बंगले में रहूंगा,बीवी,बच्चों को सरकारी गाड़ी का मजा दिलाऊंगा,रात को पत्नी और बच्चों के साथ नोट गिनने वाली मशीन से नोट गिनुगा और नोटों की गड्डियों का ढेर लगाऊंगा,बस माई बाप जनता एक बार फिर से चुनाव जीता दे,अगर चुनाव हार गया तो,कल कोई मुझको क्यों याद करें मसरूफ ज़माना मेरे लिए क्यों वक्त अपना बर्बाद करें। नेताजी आपको तो चुनाव हारने का डर सताने लगा है,आपसे ज्यादा डर गरीब मां बाप को अपने बच्चों को पढ़ाने में लगने लगा है,कहीं उनका बच्चा को पढ़ने लिखने के बाद भी उसको रोज़गार ना मिला और बेरोज़गारी के दलदल में ना फंस जाए,काहे को देते हो झूठे आश्वासन और चुनाव के बाद क्यों भूल जाते हो बेरोज़गारी जैसे अहम मुद्दे को
*राजनीति के सिपहसालारों*
*का क्षेत्र की जनता*
*के लिए संदेश ।।*
*मेरे चुनाव चिह्न पर*
*ध्यान से,प्रेम से,*
*बटन दबाओ*
*और पांच साल के लिए*
*मुझे भूल जाओ।।*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मोहम्मद जावेद खान
9009626191
27/2/2022
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