शासन प्रशासन और पुलिस द्वारा चलाया गया अतिक्रमण विरोधी अभियान एक मजाक और नौटंकी बनकर रह गया है और इधर प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के लोग भी बढ़-चढ़कर अतिक्रमण को हवा देते हैं लेकिन होता कुछ नहीं है 3 दिन से ही सुन रहा हूं कि पूरे नगर में बुलडोजर गरज रहा है लेकिन कहीं कुछ दिखा नहीं अभी कल सभी समाचार पत्रों में निकला था कि शाही पुल को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है लेकिन मैंने तो देखा सभी शाही पुल का हर भाग अतिक्रमण से भरा पड़ा है एक भी ताखा खाली नहीं है
अभी कल ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक महोदय ने कोतवाली जौनपुर का निरीक्षण किया था और हजारों दुकानें कोतवाली के चारों ओर अतिक्रमण के साथ मौजूद थी लेकिन उसे देख कर भी अनदेखा किया गया
एक बात समझ में नहीं आती कि खुद को निडर निष्पक्ष और चौथा स्तंभ करने वाले प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग आखिर सही समाचार दिखाने से इतना डरते क्यों हैं यह माना और यह सही भी है कि मीडिया जगत की भी अपनी सीमा और भी बसता है उन्हें भी अपना घर परिवार चलाना होता है लेकिन शासन प्रशासन और पुलिस की पूरी तरह जी हुजूरी करना कुछ समझ में नहीं आता है इस से अच्छा है कि संबंधित समाचार छापा ही ना जाए बुद्धिजीवी लोगों और सोशल मीडिया का हाल तो और भी बुरा है इसके समर्थक हैं उसके लिए गलत बात का भी समर्थन करके जमीन आसमान एक कर देते हैं तो जिस के विरोधी हैं उसके अच्छे से अच्छे काम उन्हें नहीं दिखते हैं
नगर में अतिक्रमण और जाम की समस्या में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है और ना होने की आशा है क्योंकि जिम्मेदार पुलिस ही हजारों लाखों ठेला खोमचा और अवैध लोगों को वसूली के लिए बैठ आती है वरना किसी की मजाल नहीं कि वह कहीं भी सड़क का अतिक्रमण करें बची खुची कसर प्रशासन पूरा कर देता है चाहे पुल हो या नखास की गली हो या नवाब युसूफ रोड है या नगरपालिका से हॉट मिलियंस का सड़क हो हर जगह जाम और अतिक्रमण है झूठ मूठ का ही ऐसे जिन डोरा पीटता रहेगा और छपता रहेगा अगर सही मायने में अतिक्रमण विरोधी अभियान चला है तो केवल यह जेसीज चौराहा से ओलांदगंज तक वह भी प्रसाद होटल तक डॉ दिलीप कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment