नंबर २-खननमाफियायों का भी यही हाल है। कहीं भी, किसी भी स्थान पर रात्रि में बेखौफ डंफर पलट कर भाग जाते हैं। नगर निगम एवं एमडीए की कोई भी कार्यवाही एवं जबाव देही नहीं होती ? योगी- सरकार में प्रतिबंध होने होने के बावजूद प्रशासन क्यों आंखें मूंदे रहता है।
सत्य,निष्ठा, निडर,निर्भीक पत्रकार - सुभाष शर्मा की रिपोर्ट।
Subhash Sharma Moradabad: मुरादाबाद सरकारी देशी शराब की दुकानों पर, यह पव्वा ₹65 रुपए प्रिंट रैट का 75 रुपये में बेचा जा रहा है । बताया जाता है कि एक शराब की दुकान से 1000 पव्वे की बिक्री होती है बताया जाता है कि मुरादाबाद के अंदर करीब एक हजार देशी शराब की दुकान हैं। अनुमानित एक हजार पव्वे की बिक्री एक दुकान से होती है। १० रूपये ओवर रेट बिक्री पर प्रति दकान दस हजार रुपये ओवर रेट पर अतिरिक्त इन्कम ! सरकार की आंखों में धूल झोंकना !
शाशन प्रशासन पर सबालिया निशान है कि ऐसे माफियाओं पर क्या कार्यवाही और अंकुश क्यों नहीं है?
बताया जाता है कि प्रत्यक्ष में आयदिन सरकारी देशी शराब की दुकानों पर ओवर रैट बिक्री पर झगडे़ होते हैं। यह अतिशियोक्ति नहीं होगी कि हर जगह शराब माफियाओं और खनन माफियाओं की पुलिस प्रशासन से सैटिंग होती है। जिस पर चाहें लाठी डंडे से पिटवाकर जेल भिजवाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। शाशन एवं प्रशानिक अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं और मूकदर्शक क्यूं हैं?
सुभाष शर्मा वरिष्ठ पत्रकार की सच्चाई रिपोर्ट।
[4/29, 10:11 PM] Subhash Sharma Moradabad:
ख़बर जनहित में
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