Friday, 29 April 2022

मौसम का आकलन और भविष्यवाणी* कब तक रहेगी महा भयंकर गर्मी और कब तक चलती रहेगी ताप लहर अर्थात लू/देश विदेश का आगामी वर्षा और मानसून का मौसम डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम वैज्ञानिक ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी बाल गोपाल शिवानी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*/मौसम का आकलन और भविष्यवाणी* /

News No 1:कब तक रहेगी महा भयंकर गर्मी और कब तक चलती रहेगी ताप लहर अर्थात लू
पूरा मार्च भयंकर गर्म और सूखा रहा और नया कीर्तिमान बनाया अप्रैल उससे भी आगे निकला और पूरे भारत में गर्मी के सभी ज्ञात अज्ञात कीर्तिमान तोड़ दिया और एक बूंद पानी नहीं बरसा इससे स्थितियां बहुत भयंकर हो गई और पूरे अप्रैल गर्म हवाएं चलती रही जिसने 15 अप्रैल के बाद ताप लहर अर्थात लू का रूप धारण कर लिया जो इस समय भी अपने प्रचंड रूप में है देश का 90% भूभाग भयंकर गर्मी की मार झेल रहा है और अधिकांश जगहों में तापमान 35 डिग्री से लेकर 45 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच है जबकि जौनपुर और आसपास महाराष्ट्र और उड़ीसा के आने का स्थान राजस्थान गुजरात झारखंड उत्तर प्रदेश जम्मू और बंगाल तथा छत्तीसगढ़ और झारखंड के बहुत से स्थानों का तापमान 45 से लेकर 50 डिग्री सेंटीग्रेड के महा भयंकर तापमान को झेल रहा है तेज और सुखी बहने वाली हवाएं इसे और बढ़ा रही हैं

30 अप्रैल तक मौसम ऐसे ही भीषण गर्मी भयंकर और प्रचंड बना रहेगा 1 मई से जौनपुर और आसपास तथा पूरे देश में तापमान के घट जाने और आंधी बवंडर तूफान चक्रवात वर्षा और अनेक प्राकृतिक स्थितियों के कारण गर्मी कम होने की प्रबल संभावना है हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र के विश्व विख्यात विद्वानों के अनुसार 1 मई से 10 मई के बीच मौसम ठीक-ठाक रहेगा गर्मी भी कम रहेगी और इस दौरान भारत के अधिकांश स्थानों में हल्की वर्षा होगी मौसम बदल जाएगा बादल भी होंगे और आंधी तूफान बवंडर का जोर रहेगा

11 मई से एक बार फिर मौसम बहुत तेजी से बदलेगा और गर्मी फिर प्रचंड और विकराल रूप में आ जाएगी और जौनपुर और आसपास और लगभग पूरे भारत में गर्मी का उग्र और प्रचंड रूप देखने को मिलेगा और गर्मी फिर से 40 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच कहर बरपाएगी

यह स्थिति लगभग 15 जून तक रहेगी उसके बाद पूरे देश में गर्मी की मात्रा कम होगी और वर्षा की मात्रा बढ़ेगी ऐसा अनुमान है कि 29 मई से एक जून के बीच मानसून भारत में प्रवेश कर जाएगा और यह 17 से 23 जून के आसपास जौनपुर और उत्तर प्रदेश में पहुंच जाएगा और 1 जुलाई तक सारे भारत में छा जाएगा वर्षा भयंकर होगी लेकिन बीच-बीच में सूखा होना निश्चित है इसलिए तदनुसार लोगों को अपने कार्यक्रम और खेती बारी बागवानी को सुनिश्चित कर लेना चाहिए लगातार 45 वर्षों के मौसम की भविष्यवाणी और आकलन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मानसून काफी असामान्य अनिश्चित और उत्तल पुथल वाला होगा और वर्षा देश में जून से सितंबर तक अच्छी होने के बाद भी काफी कष्ट और बाढ़ बिजली के गिरने और  भूस्खलन और बीच-बीच में जून जुलाई-अगस्त सितंबर और 25 अक्टूबर तक गर्मी पसीना और उमस की मार झेलनी पड़ेगी जनहित में यह सारी जानकारी समय के पूर्व ही हर वर्ष की भांति दे दी जा रही है इस वर्ष मिली जुली खेती करने वाले अधिक सफल रहेंगे डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक साथ में डॉ मानवेंद्र डॉ श्वेता सिंह कन्हैया लाल पांडे के राय मनीष पांडे एवं सुरेश कुमार वर्मा तथा राज कुमार मौर्य

News No:2

*देश विदेश का आगामी वर्षा और मानसून का मौसम डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम वैज्ञानिक ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी बाल गोपाल शिवानी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

सबसे पहले आपको वर्षा और मानसून के आंकड़ों पर कुछ अति महत्वपूर्ण जानकारी देने वर्तमान मानसून 1971 से लेकर 2020 के आंकड़ों पर संशोधित किया गया है पहले इसका आधार 1961 था और 2010 तक माना गया था इस दौरान लंबी देवकाली की वर्षा का औसत 880 मिली मीटर था जबकि 1961 से 2010 के बीच वर्षा का औसत 880 मिलीलीटर था

भारत में महा भयंकर सूखा 18 सो 77 में पढ़ा था जब वर्षा में असमानता के साथ लगभग 29% की कमी आई जिसमें पूरे देश में हाहाकार मच गया और करोड़ों लोग मारे गए दूसरा महा सूखा 18 सो 99 में पढ़ा था जब मानसून के रूठने से 26% वर्षा की कमी हुई और बहुत ही भयानक स्थितियां पैदा हो गई जिसके बाद अगली गंभीर स्थिति 1972 में आई जब हम लोग केवल 6 वर्ष के बच्चे थे और भारत में लगभग 24% कम वर्षा के साथ मानसून के रूठने से बहुत भीषण अकाल पड़ा था उड़ीसा बंगाल आंध्र प्रदेश में तो हाहाकार मच गया था


नई शताब्दी शुरू होने के बाद पहला महा भीषण सूखा आकाश और मानसून की बेरुखी 2009 में आई थी जिसमें लगभग 22% वर्षा की कमी हुई और अत्यधिक भयानक स्थिति पैदा हुई इसके अलावा 2002 में 2004 में 2014 में और 2015 में गंभीर सूखा पड़ा इन सभी में औसतन 12:00 से 14% की कमी आई और 2018 में हल का सूखा पड़ा और वर्षा में 9.5% की कमी आई

भारत में सबसे अच्छी वर्षा का काल 1993 से 1998 के बीच माना जाता है जब लगातार सामान्य मानसून रहा जिसके बाद 2019 से 2021 तक 3 वर्ष लगातार अच्छा मानसून रहा और देश में प्रचुर धन धन की उत्पादन क्षमता प्राप्त हुए और धन-धन फसलें बहुत अच्छी  रही

कहने को तो इस वर्ष 2022 में भी तमाम सरकारी गैर सरकारी चैनलों ने मानसून के अच्छा और सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है लेकिन हमारे केंद्र के विद्वानों के अनुसार इस वर्ष का मानसून बहुत ही अनिश्चित अनियमित रहेगा और तमाम जगहों पर सूखा भी पड़ेगा वर्षा तो प्रचुर मात्रा में होगी लेकिन बीच-बीच में लंबे सूखे पढ़ने से बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी वर्षा का आवश्यक 97 से लेकर 101% रहेगा जून से सितंबर तक कुछ जगहों में भारी और लगातार तो कहीं कहीं सूखा और अंतराल देकर वर्षा होने से काफी नुकसान होगा भीषण और प्रलयंकारी लगातार वर्षा से भी बाढ़ भूस्खलन एवं प्रलय कालीन स्थितियां पैदा होंगी इस वर्ष बिजली गिरने से बहुत जबरदस्त नुकसान होने की संभावना है

अधिकांश मौसम के सरकारी और प्राइवेट चैनल केवल लनीना और अलनीना को ही आधार मानते हैं जो गलत है क्योंकि पूरी दुनिया के मौसम पर और मानसूनी वर्षा पर भी इन दोनों के अलावा आवश्यक बर्फबारी प्रदूषण और उद्योग धंधे तथा वाहनों की संख्या ओजोन की परत में विस्तार या कमी सूर्य पर होने वाले प्रचंड विस्फोट और परिक्रमा करते हुए पृथ्वी के सौरमंडल में स्थिति एवं प्रचंड चक्रवाती तूफान बवंडर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट के साथ-साथ समुद्र में बहने वाली विशालकाय जल धाराओं का भी बहुत बड़ा हाथ होता है और इस बार यह सब कुछ अच्छा नहीं दिख रहा है इसलिए भारत के साथ-साथ एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया तथा पूरे विश्व में ऐसा अनुमान है कि कहीं-कहीं प्रचंड मूसलाधार कीर्तिमान बनाने वाली वर्षा तो कहीं-कहीं बहुत कम वर्षा या सूखे जैसी स्थिति पैदा होंगे

चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया बांग्लादेश पाकिस्तान के अनेक भागों में तथा यूरोप के तमाम देशों और अमेरिका में कहीं-कहीं बार-बार सा और चक्कर बातों से हाहाकार मचेगा तो भारत के अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में भी प्रचंड चक्रवात जून-जुलाई और अक्टूबर में उठने की संभावना है विशेषकर भारत में केरल गोवा और महाराष्ट्र तथा गुजरात के अनेक भागों में बंगाल असम और मेघालय में बिहार में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अनेक स्थानों पर वर्षा बाढ़ जल प्लावन और भूस्खलन का दृश्य पैदा होगा जबकि राजस्थान और हरियाणा में भी कुछ समय कुछ स्थानों पर साथ-साथ दिल्ली में भी ऐसी स्थितियां होंगी देश में औसत वार्षिक वर्षा 881 सेंटीमीटर होने की संभावना है



News.no:3*मौसम का आकलन और भविष्यवाणी* 

*मौसम परिवर्तन होने के साथ तापमान 47 डिग्री से घटकर 44 डिग्री सेंटीग्रेड होने के बाद भी धुंध हल्के बादल और प्रदूषण तथा प्रबल अल्ट्रावायलेट सूचकांक के चलते गर्मी भयंकर रहेगी उमस और पसीना भी जमकर होगा न्यूनतम तापमान एक 30 डिग्री बना हुआ है कल तापमान में और भी गिरावट आएगी और आने वाले 1 सप्ताह का तापमान 39 से लेकर 40 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास रहेगा और बादल बढ़ते जाएंगे पूरे देश में और जौनपुर तथा उत्तर प्रदेश में परिवर्तन देखने को मिलेगा हवा की गति जौनपुर और आसपास 10 से लेकर 25 किलोमीटर उत्तर और उत्तर पूर्वी होगी जबकि सापेक्षिक आर्द्रता 15% से लेकर 70% के बीच रहेगी*

*जहां तक भारत की बात है तो महाराष्ट्र के अनेक भागों में उड़ीसा और आंध्र के कुछ भागों में बंगाल बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ गुजरात राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली में और मध्य प्रदेश में भी प्रचंड तापमान गर्म हवाओं और लू का वातावरण रहेगा जबकि इन सभी भागों में भी मौसम परिवर्तन और बादल तथा वर्षा आंधी तूफान तेज बवंडर के योग आने वाले सप्ताह में बन रहे हैं दक्षिणी और दक्षिण पश्चिमी भारत के समुद्री किनारों पर हल्की वर्षा होगी जम्मू में भी तापमान बहुत ऊंचा रहेगा*

*आने वाले दिनों में 1 मई से 10 मई के बीच मौसम के इसी प्रकार रहने की आशंका है और संभावना भी है इस दौरान तापमान अधिकांश जगहों पर 35 डिग्री सेंटीग्रेड से 44 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगा और 10 मई के बाद गर्मी एक बार फिर तेजी से बढ़ेगी और तापमान फिर से 45 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच हो जाएगा*

*जौनपुर का आज का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेंटीग्रेड रहेगा न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड पराबैंगनी किरणों का सूचकांक बहुत तीव्र होगा जो 5 से 11 के बीच होगा सापेक्षिक आर्द्रता जौनपुर में 15 से 70% के बीच रहेगी इसलिए उमस और पसीना बहुत ही परेशान करने वाला होगा जबकि प्रदूषण धुंध और हल्के बादलों के चलते दृश्यता भी बहुत कम होगी डॉ दिलीप कुमार सिंह एवं सभी विद्वान सदस्य गण अलका से प्रभावित बाल गोपाल शिवानी ज्योतिष मौसम एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

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