Thursday, 5 May 2022

काले अंग्रेज बने मैकाले के जो मानस पुत्र कहते हैं कि बिना अंग्रेजी के इंडिया उन्नति नहीं कर सकती और इंडिया का भाषा उतना अच्छा नहीं है विज्ञान विज्ञान कला कौशल की पुस्तकें पढ़ाई जाए और उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय के निर्णय उन भाषाओं में लिखा जाए उनसे मेरा कुछ प्रश्न है

काले अंग्रेज बने मैकाले के जो मानस पुत्र कहते हैं कि बिना अंग्रेजी के इंडिया उन्नति नहीं कर सकती और इंडिया का भाषा उतना अच्छा नहीं है विज्ञान विज्ञान कला कौशल की पुस्तकें पढ़ाई जाए और उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय के निर्णय उन भाषाओं में लिखा जाए उनसे मेरा कुछ प्रश्न है

Desh ke lakhon karodon varshon ke itihaas mein अंग्रेजी का आगमन कुल 200 वर्षों के पहले हुआ क्या इसके पहले भारत में गणित विज्ञान टेक्नोलॉजी नहीं थी क्या इसके पहले मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की वह सभ्यता नहीं थी जो आज के यूरोप अमेरिका से बेहतर थी क्या भारत के महरौली का लौह स्तंभ अंग्रेजी भाषा में पढ़कर अंग्रेजों की टेक्नोलॉजी से बनाया गया था जिसमें आज तक जंग नहीं लगी है और 2000 वर्ष बीत चुके हैं

कुतुब मीनार जो विष्णु स्तंभ था यूरोप के एफिल टावर से भी ऊंचा था और सबरीमाला पदमनाभन और मीनाक्षी देवी के भव्य मंदिर अजंता एलोरा की गुफाएं हिंगलाज भवानी के मंदिर कामाख्या देवी और अनगिनत शिव के मंदिर अशोक के द्वारा बनाए गए बौद्ध स्तूप सहित अनगिनत रचनाएं वास्तु शिल्प स्थापत्य क्या अंग्रेजी भाषा पढ़कर और उनकी टेक्नोलॉजी से बनाई गई थी


मनुस्मृति का अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है और मिताक्षरा तथा दाभाग की रचना क्या यूरोपीय भाषाओं में हुई है वेद पुराण स्मृति रामायण महाभारत उपनिषद जातक कथाएं अजंता एलोरा की गुफाएं और जगन्नाथ पुरी का भव्य मंदिर कालिदास बाणभट्ट की प्रसाद पंत निराला पृथ्वीराज रासो के निर्माता चंद्र बर दाई क्या अंग्रेजों के गुलाम थे और अंग्रेजी भाषा में सिद्धार्थ थे और तुलसीदास जी किस अंग्रेजी विश्वविद्यालय से पीएचडी किए थे


आर्यभट्ट भास्कर वराह मिहिर चरक सुश्रुत जैसे महानतम गणितज्ञ और वैज्ञानिक किस अंग्रेजी विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा लिए थे जिन्होंने न्यूटन और गैलीलियो से पहले विश और ब्रह्मांड की ऐसी आश्चर्यजनक घटना की जो सुपर कंप्यूटर से भी शुद्ध है भाई के मानव और सुनने के मान को खोजने वाले यही सब लोग हैं


भारत के फल फूल अचार चटनी जाए मुरब्बा भिन्न भिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान मिठाइयां चटनी इत्यादि अनगिनत खाद्य और पेय पदार्थ तथा शुद्ध तेल के पदार्थ दूध से बने अन्य पदार्थ क्या अंग्रेजों के आने के पहले भारत में नहीं थे क्या भारतीय महिलाएं अंग्रेजी आने से ज्यादा शब्द सुसज्जित और सुसंस्कृत हो गई हैं क्या वह अनुसूया अपाला सीता सावित्री पर्वती नर्मदा जीजाबाई विदुला जैसी महानतम नारियों से श्रेष्ठ बन सकती हैं जिन्हें तक नहीं मालूम है कि वस्त्र का आविष्कार शरीर ढकने के लिए हुआ है या शरीर खुला रखने के लिए


और सब कुछ छोड़ दीजिए तो क्या रूस ने जर्मनी ने फ्रांस ने कोरिया ने जापान ने इसराइल ने ब्राजील ने और दुनिया के 135 देशों ने बिना अंग्रेजी के उन्नति के सर्वोच्च शिखर को नहीं छुआ है अंग्रेजी बोलने वाला इंग्लैंड आज ना घर का है ना घाट का लेकिन भारत-पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे कुछ मूर्ख देशों को मन वचन कर्म से अपना गुलाम अवश्य बना चुका है और भारत जैसे देशों के तो प्रधानमंत्री राजनेता राष्ट्रपति जज कलेक्टर और बड़े-बड़े धनकुबेर और उन्हीं की देखा देखी चरवाहे चरवाहे यह सोचते हैं कि बिना अंग्रेजी के भारत में कुछ भी संभव नहीं है हमारी गुलामी ने हमें इतना दिन हीन और प्रतीत कर दिया है कि आज भी हम मन वचन कर्म से अंग्रेजों के और अंग्रेजी भाषा के गुलाम हैं तभी तो कहा गया है हमको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है हम नर नहीं है पशु निरा है और मृतक समान हैं

जागो भारतवासियों जागो क्यों दीन हीन गुलाम कुछ अलग गू और काले अंग्रेज बनकर इतरा रहे हो डॉ दिलीप कुमार सिंह

No comments:

Post a Comment